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झूठी दुनिया झूठे लोग- हिंदी कविता | Jhoothi Duniya Jhoothe Log


आप पढ़ रहे है हिंदी कविता – झूठी दुनिया झूठे लोग

झूठी दुनिया झूठे लोग

झूठी दुनिया झूठे लोग- हिंदी कविता

झूठी दुनिया, झुठे लोग कि इनकी बातें भी झूठी,
झूठे हैं इरादे भी और मुस्कुराहटें भी झूठी,

बंधती है डोर प्यार की जिस विश्वास के धागे से,
देखो तो पता चलता है वो डोर है टूटी,
किस शख्स पर करें यकीन, समझ नहीं आता,
इमारत तो है भरोसे की, मगर बुनियाद है झूठी,

रिश्तों मे भी आ गया है स्वार्थ अब ऐसा
साथ मिलने की, सारी उम्मीदें हैं छूटी,
मुखौटे झूठे खुशियों के सबके चेहरों पर हैं,
मगर अफ़सोस इनकी, सभी बातें हैं झूठी,

कोई गैर नहीं आया था लूटने मेरी खुशी की दौलत
ये तो मेरे अपनों ने मिलकर है लूटी,
झूठी दुनिया, झूठे लोग कि इनकी बातें भी झूठी,
झूठे हैं इरादे भी और मुस्कुराहटें भी हैं झूठी।

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धन्यवाद।

8 Comments

  1. बहुत बढ़िया।आज की वास्तविकता को दिखाती है।

  2. Bahut motivational dil Ko chuny wali kavita hi padhny k baad kuch ahsas dil me jagy kuch himmat si bandhi hi Ki jindagi yu mahrum na hony paiegy..sabhi kavitain bahut achhi hi,well done

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