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शराब शायरी इन हिंदी By संदीप कुमार सिंह | Sharab Shayari In Hindi Font

by Sandeep Kumar Singh
2 minutes read

आज सोचा कुछ ऐसा लिखूं जिसके बारे में मुझे कोई अनुभव न हो। बस इतना ही अनुभव की मैंने उसके बारे में कुछ न कुछ सुना हो। तो मन में शराब का ख्याल आया। हालाँकि मैंने कभी पी नहीं है लेकिन फिर भी उस अनुभव को अल्फाजों के रूप में पेश करने की कोशिश की है। आशा करते हैं आपको यह ‘ शराब शायरी इन हिंदी ‘ शायरी संग्रह पसंद आएगा।

शराब शायरी इन हिंदी

शराब शायरी इन हिंदी By संदीप कुमार सिंह | Sharab Shayari In Hindi Font

1.
कौन आता है मयखाने में
पीने को ये शराब साकी,
हम तो तेरे हुस्न का
दीदार किया करते हैं।


2.
तमाम रातें गुजर गयीं मयखाने में पीते-पीते
मगर अफ़सोस
न बोतल ख़त्म हुयी, न किस्सा ख़त्म हुआ
और न ही तेरे दर्द का वो हिस्सा ख़त्म हुआ।


3.
प्यास जज्बातों की
मयखाने में कहाँ बुझती है
ए साकी
हम तो इस भरी महफ़िल में
तन्हाईयाँ बाँटने चले आते हैं।


4.
गिर गया हूँ लोगों मगर शराब को दोष मत देना,
जो बेहोश हूँ मैं तो भूल कर भी मुझे होश मत देना,
नहीं सुननी हैं मुझे नसीहतें इन दुनियावालों की
जो मैं हो गया हूँ बहरा तो मुझे गोश मत देना।
( गोश – कान, Ear )


5.
यूँ ही बदनाम कर दिया है दुनियावालों ने मयखानों को,
जो नशा शबाब में होता है वो शराब में कहाँ।


6.
कौन कहता है कि
ग़मों को भुला देती है शराब,
ये तो वो साथी है
जो दर्द को बाँट लेती है।


7.
शराब के भी अपने ही रंग हैं साकी
कोई आबाद होकर पीता है,
तो कोई बर्बाद होकर पीता है।


8.
मयखाने और शराब तो यूँ ही बदनाम हैं साकी
नौटंकियां तो ये ज़माने भर के लोग करते हैं।


9.
एक घूँट जो शराब की
मैंने लबों से लगायी,
तो समझ आया कि
इससे कडवी है तेरी सच्चाई।


10.
क्या बताएं तेरे जाने के बाद
इस दिल पर क्या-क्या बीती है,
अब तो हम शराब को
और शराब हमें पीती है।


11.
सबके सुर बिगड़ गए हैं
हर लफ्ज़ बीमार है,
किसी पर ‘मय’ का नशा छाया है
तो कोई ‘मैं’ के नशे में गिरफ्तार है।


12.
हर बार सोचता हूँ
छोड़ दूंगा मैं पीना अब से,
मगर तेरी आड़ आती है
और हम मयखाने को चल पड़ते हैं।


13.
नाजर से नजर मिली तो
पूरा मयखाना मिल गया हमको,
अब तो तेरी यादों का एक जाम
हम हर शाम पिया करते हैं।


14.
न जाने उस रोज नशे में क्या कह दिया हमने,
अब हम मयखाने जाते हैं और महफ़िलें जम जाती हैं।


आपको ‘ शराब शायरी इन हिंदी ‘  शायरी संग्रह कैसा लगा हमें अवश्य बताएं।

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धन्यवाद।

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4 comments

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नानुभाइ चंदुलाल ओड्र अगस्त 2, 2021 - 3:59 अपराह्न

बहुत सुंदर रचनाओं का खजाना आपने सबको भेंट कर दिया है
आपकै तहेदिल से बहुत बहुत शुभकामनाएं

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 12, 2021 - 2:44 अपराह्न

धन्यवाद नानुभाई

Reply
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aashik kadri अप्रैल 14, 2018 - 6:52 अपराह्न

बहुत खूब शायर महोदय आपका लेख बहुत ही सुँदर है .

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 16, 2018 - 6:09 अपराह्न

aashik kadri जी बहुत-बहुत धन्यवाद।

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