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नशे पर कविता – ये मेरे देश को क्या हो रहा है? | Nashe Par Kavita

by Sandeep Kumar Singh
4 minutes read

आजकल नशे की लत देश के नौजवानों को बर्बाद करती जा रही है। इसके कारण उनके अंदर की नैतिकता भी लुप्त हो रही है। कितने ही परिवार के चिराग नशे की आग में जल कर भस्म हो रहे हैं। इसे जड़ से ख़त्म करने के लिए हमें खुद ही कोई कदम उठाना होगा। नौजवानों को ये समझाना होगा की नशा उन्हें और देश को एक दीमक की तरह खा रहा है। इसी विषय पर हम आपके लिए एक कविता लेकर आये हैं :- नशे पर कविता – ये मेरे देश को क्या हो रहा है?


नशे पर कविता – ये मेरे देश को क्या हो रहा है?

नशे पर कविता - ये मेरे देश को क्या हो रहा है?

छा गया है मातम और वक़्त रो रहा है,
अरे देखिये जनाब, ये मेरे देश को क्या हो रहा है?

जम चुका है खून रगों में आज के नौजवानों के
मिल जाती है गिरी हुई जवानी, आजकल मयखानों में,
परिवार जाग रहा है राह तकते हुए
आने वाला कहीं सड़कों पे गिरा सो रहा है,
अरे देखिये जनाब, ये मेरे देश को क्या हो रहा है?

गिर गया है ज़मीर शानें ऊँची हैं
कल का क्या होगा ये बातें किसने सोचीं हैं,
चरस है, गांजा है, है भांग और हैरोइन यहाँ
यही है कारण जो देश को डूब रहा है,
अरे देखिये जनाब, ये मेरे देश को क्या हो रहा है?

विधवा हो रही हैं सुहागिनें, राखी पकड़ रोती हैं बहनें
माँ बाप का सहारा बनना था जिसको, वही बोझ बनता रहा है,
जल रहा है नशे की आग में घराने का इकलौता वारिस
बढ़ानी थी शान-ओ-शौकत जिसने वही कुल का नाम मिटा रहा है,
अरे देखिये जनाब, ये मेरे देश को क्या हो रहा है?

सरे आम लूट रहे हैं राह चलते राहगीरों को
निशाना बनाते हैं नशे के सौदागर अकसर अमीरों को,
न दीन, धर्म, ईमान है, टूटते शरीर बिलकुल बेजान हैं
किस पर उठायें उँगली मिलीभगत से ये काम हो रहा है,
अरे देखिये जनाब, ये मेरे देश को क्या हो रहा है?

कदम बढ़ाना होगा कोई जो देश को आगे बढ़ाना है
लक्ष्य यही रहे अपना, नशे को मार भगाना है,
जवानी वापस लानी है देश के नौजवानों की
हँसाना है हर उस शख्स को जो इस दर्द से रो रहा है,
अरे देखिये जनाब, ये मेरे देश को क्या हो रहा है?

यह नशे पर कविता पढ़ के अगर जरा सी बात आपके मन में आया तो कृपया इसे दूसरों तक भी शेयर करें।

पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग की ये सुंदर रचनाएं :-

धन्यवाद।

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23 comments

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रामस्वरूप लैकरा मार्च 21, 2019 - 5:05 पूर्वाह्न

नशा मुक्ति पर शानदार प्रयास.

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मार्च 21, 2019 - 10:35 अपराह्न

धन्यवाद रामस्वरूप लैकरा जी…

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Nasha Mukti Kendra मार्च 19, 2019 - 4:05 अपराह्न

Bhut Achi kavita hai, Agar koi nasha mukti kendra k bare me kuch bhi janna chahta hai toh ye site jrur dekhe: www.akaldeaddictioncenter.com

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रवि जनवरी 17, 2018 - 7:11 अपराह्न

अत्ति उत्तम सर

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 18, 2018 - 8:41 पूर्वाह्न

धन्यवाद रवि जी।

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alok kumar दिसम्बर 15, 2017 - 1:41 अपराह्न

संदीप जी, एक मार्गदर्शक और बेहतरीन कविता…….नशाखोरी हमारे समाज बहुत तेजी से बढ़ रही है.इस पर नियंत्रण की जरुरत है.

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh दिसम्बर 15, 2017 - 8:03 अपराह्न

बिलकुल सही बात कही आपने अलोक कुमार जी

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saurabh bajpai नवम्बर 24, 2017 - 6:01 अपराह्न

Really good dear…..difinetly it works

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anil bhardwaj अगस्त 21, 2017 - 5:29 अपराह्न

Very nice

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 22, 2017 - 11:54 पूर्वाह्न

Thanks anil bhardwaj ji…..

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Rakesh Kumar जून 17, 2017 - 4:07 अपराह्न

sir mujhe nashe par ek lekh send karna mujhe apni ngo ki patrika me chapna h, me nasha mukti kendra me job karta hu

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ApratimGroup
ApratimGroup जून 17, 2017 - 4:51 अपराह्न

राकेश जी सबसे पहले तो धन्यवाद हमारे रचनाओ को पसंद करने के लिए। हमने कुछ कविताएँ, एक-दो कहानी और स्लोगन डाले है इस ब्लॉग में नशा मुक्ति से सम्बंधित। अगर आप चाहे तो इनमे से किसी भी पोस्ट को हमारे ब्लॉग के लिंक के साथ आप अपने पत्रिका में छाप सकते है। अगर इनके अलावा कुछ और चाहिए आपको तो आप हमें [email protected] में मेल करके या हमारे फेसबुक पेज में हमसे संपर्क करके हमें बता सकते है। हमें ख़ुशी होगी आपकी मदद करके।

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Rakesh Kumar जून 17, 2017 - 4:04 अपराह्न

very nice sir

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Manish Kumar जून 13, 2017 - 7:01 पूर्वाह्न

बहुत अच्छी लिखी आपने

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जून 13, 2017 - 10:43 पूर्वाह्न

धन्यवाद Manish Kumar Ji…..

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santosh sinha मई 18, 2017 - 10:03 अपराह्न

बहुत ही खूबसूरत है

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मई 21, 2017 - 5:09 अपराह्न

धन्यवाद Santosh Sinha जी…..

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Ayush Raj जनवरी 11, 2017 - 6:53 अपराह्न

Very very good poem

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 12, 2017 - 7:53 पूर्वाह्न

Thanks Ayush Raj bro.. …..

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Vijay Singh नवम्बर 7, 2016 - 10:02 अपराह्न

Good peom

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Mr. Genius
Mr. Genius नवम्बर 7, 2016 - 10:03 अपराह्न

Dhanyawad Vijay Singh Ji…

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DEEPAK RAJPUT नवम्बर 6, 2016 - 8:33 पूर्वाह्न

Very good poem

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Mr. Genius
Mr. Genius नवम्बर 6, 2016 - 10:34 पूर्वाह्न

Thanks Deepak Rajput……

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