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श्री कृष्ण भक्ति शायरी :- भगवान श्री कृष्ण कन्हैया की भक्तिमय शायरी

by Sandeep Kumar Singh
2 minutes read

जिनकी महिमा सारा जहान गाता है। वो कृष्णा कन्हैया जिन्होंने दैत्यों को मारा, अपने पापी मामा कंस को मारा और अर्जुन के सारथी बन कर सिर्फ कुरुक्षेत्र में ही नहीं बल्कि उनके जीवन में भी उनका मार्गदर्शन किया। उन्हीं कृष्णा भगवान् को समर्पित ‘ श्री कृष्ण भक्ति शायरी ‘ संग्रह आपके सामने पेश कर रहा हूँ। आशा करता हूँ आप सब इसका आनंद लेंगे :-

श्री कृष्ण भक्ति शायरी

श्री कृष्ण भक्ति शायरी

1.

भादों का महीना है अष्टमी की रात आई
जग का उद्धार करने जन्में हैं कृष्णा कन्हाई।


2.

कृष्णा कन्हैया बंसी बजैया पार लगा दो हमारी नैया
दुविधा में हैं हमारा जीवन कर दो निर्मल पावन ये मन,
तेरे ही चरणों में हमने किया है अब तो खुद का समर्पण
तू ही तो है अब तो बस इस डूबती नैया का खेवैया,
कृष्णा कन्हैया बंसी बजैया पार लगा दो हमारी नैया।


3.

दे के दर्शन कर दो पूरी प्रभु मेरे मन की तृष्णा,
कब तक तेरी राह निहारूं अब तो आओ कृष्णा।


4.

मटकी तोड़े, माखन खाए फिर भी सबके मन को भाये,
राधा के वो प्यारे मोहन,महिमा उनकी दुनिया गाये।


5.

कंस को मारा मथुरा में, अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया,
आदर दिया सुदामा को और राधा को प्यार दिया।


6.

तू चाहे तो मेरा हर काम साकार हो जाए
तेरी कृपा से खुशियों की बहार हो जाए,
यूँ तो कर्म मेरे भी कुछ ख़ास अच्छे नहीं
मगर तेरी नजर पड़े तो मेरा उद्धार हो जाए।


7.

मस्तक मोर मुकुट है शोभे होठों पे बांसुरी प्यारी
ऊँगली पर गोर्वर्धन पर्वत और सबके दिल में गिरधारी।


पढ़िए :- श्री राम पर भक्तिमय शायरी 


8.

तेरी सेवा में ओ गोविन्द मैंने खुद को है समर्पित किया,
अब भेंट तुझे क्या चढ़ाऊ मैं, मैंने सब कुछ तुझको अर्पित किया।


9.

तेरा हाथ सिर पे होने से
मेरे सब काम साकार होते हैं,
मैं जहाँ भी देखता हूँ तुझे मेरे मोहन
मुझे तो बस तेरे दीदार होते हैं।


10.

अधर पे तेरे बंसुरिया मोर मुकुट मस्तक सुहाई,
कर संघार दैत्यों का तूने अद्भुइत लीला रचाई।


11.

तेरे बिना अब तो मेरा जीवन है आधा,
तू मेरा कृष्णा कन्हाई मैं तेरी राधा।


12.

कान्हा के संग राधा देखो कैसे वृन्दावन को चली,
कृष्णा के भी मन में देखो राधा की है छवि बसी।


13.

सारे बिगड़े काम बना दे सुधर जाए ये जीवन,
जिसके ऊपर कर दे कृपा बांसुरी वाला मोहन।


14.

धराशायी हो जाता है उसके आगे चाहे कितना ही बड़ा महारथी हो,
उसे क्या हराएगा इस जहां में कोई कान्हा जिसका खुद सारथी हो।


पढ़िए :- कृष्ण जन्माष्टमी पर कविता

इस ‘ श्री कृष्ण भक्ति शायरी ‘ संग्रह के बारे में हमें अपने विचार अवश्य बतायें।

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धन्यवाद।

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11 comments

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ashish yadav सितम्बर 30, 2018 - 1:39 अपराह्न

man ko sukun milta h padne me

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 30, 2018 - 10:22 अपराह्न

हमारी लेखनी सफल हो गयी फिर तो आशीष यादव जी। धन्यवाद।

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Sagar mishra सितम्बर 9, 2018 - 8:40 अपराह्न

Our Shree Krishna ji ki sayri bhejo

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अनिल यादव दिसम्बर 28, 2017 - 7:51 पूर्वाह्न

बहुत ही सुन्दर वर्णन शायरी के माध्यम से
मन प्रफ़ुल्लित हो गया

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh दिसम्बर 28, 2017 - 11:53 पूर्वाह्न

धन्यवाद अनिल यादव जी।

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Jagdish दिसम्बर 23, 2017 - 12:17 पूर्वाह्न

I like so much…thanks for sharing..
Radhe Radhe…..

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh दिसम्बर 23, 2017 - 3:10 अपराह्न

राधे-राधे जगदीश जी।

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alok अगस्त 18, 2017 - 11:10 पूर्वाह्न

बेहतरीन

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 20, 2017 - 1:33 अपराह्न

धन्यवाद अलोक जी

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sanjay singh अगस्त 14, 2017 - 4:53 अपराह्न

padkar ati aanand prapti huwa hai sath hi shrishti karta bhagwan shree hari ji mahima ha gudwaan huwa hai dhanywaad bhrata shree

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 14, 2017 - 5:51 अपराह्न

संजय सिंह जी हमे खुशी है कि आपको आज शायरी संग्रह अच्छा लगा।
धन्यवाद।

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