आइज़क न्यूटन की कहानी
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4 जनवरी 1643 को धरती पर एक ऐसे अद्भुत व्यक्ति का जन्म हुआ जिसने विज्ञान की परिभाषा को एक नया रूप दिया। विज्ञान के ऐसे तथ्य प्रस्तुत किये जो आज तक चल रहे हैं। एक सेब के गिरने को लेकर उन्होंने ऐसी बातें सामने रखीं जिससे दुनिया अब तक अनजान थी। मुझे उम्मीद है आप सबको उनका नाम पता चल ही गया होगा। जी हाँ हम बात कर रहे हैं :- आइज़क न्यूटन की।
उनके पिता जोकि एक समृद्ध किसान थे, की मृत्यु के तीन माह बाद उनका जन्म हुआ हुआ। उनका नाम भी आइज़क न्यूटन था। निश्चित समय से पहले पैदा होने वाला वह एक छोटा बालक था; उनकी माता हन्ना ऐस्क्फ़(Hannah Ayscough) के अनुसार वह इतना छोटा था कि एक चौथाई गैलन जैसे छोटे से मग में समा सकता था।
न्यूटन की मां ने रेवरंड बर्नाबुस स्मिथ (Reverend Barnabas Smith) के साथ दूसरी शादी कर ली और उन्हीं के साथ रहने चली गयीं। अपने 3 वर्षीय पुत्र को अपनी नानी मर्गेरी ऐस्क्फ़(Margery Ayscough) के पास देखभाल के लिए छोड दिया। आइज़क न्यूटन अपनी माँ के दुबारा शादी करने के कारण ना अपने पिता को पसंद करता था न ही अपनी माँ को।
किंग्स स्कूल, ग्रान्थम(King’s School, Grantham)में उन्होंने बारह वर्ष से सत्रह वर्ष की आयु तक शिक्षा प्राप्त की। बचपन में वह पढ़ाई में कुछ खास अच्छे नहीं थे। एक बार स्कूल में एक लड़के ने न्यूटन को पीटा मगर न्यूटन जब गुस्से में आ गए तो उस लड़के को भाग के अपनी जान बचानी पड़ी। फिर 1659 में जब उन्हें स्कूल से निकाला गया तो वे अपनी माँ के पास आ गए। जो दूसरी बार विधवा हो चुकी थी।
उनकी माँ ने जीविका चलाने के लिए न्यूटन को खेती करने के लिए कहा। वह खेती से नफरत करते थे। इसलिए उन्होंने खेती नहीं की। किंग्स स्कूल के मास्टर हेनरी स्टोक्स (Henry Stokes) ने आइज़क न्यूटन में एक प्रतिभा देखते हुए उनकी मां से उन्हें फिर से स्कूल भेजने का सुझाव दिया। जिससे वे अपनी शिक्षा को पूरा कर सकें। वहां स्कूल में एक लड़का उन्हें बार-बार नीचा दिखता था और मंदबुद्धि कहकर चिढ़ाता था। उससे बदला लेने की इच्छा से प्रेरित होने की वजह से वो पढ़ने लगे और अपनी प्रतिभा से स्कूल के सबसे मेधावी छात्र बनकर उभरे।
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अपने अंकल रेव विलियम एस्क्फ (Rev William Ayscough)के कहने पर जून 1661 में उन्होंने ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज(Trinity College, Cambridge) में अध्ययन के लिए प्रवेश लिया। पढ़ाई की फीस भरने और खाना खाने के लिए आइज़क न्यूटन कॉलेज में एक कर्मचारी की तरह काम भी करते थे। उस समय कॉलेज की शिक्षाएं अरस्तु पर आधारित थीं। लेकिन न्यूटन अधिक आधुनिक दार्शनिकों(modern philosophers) के विचारों को पढ़ना चाहते थे।
1664 में इनकी प्रतिभा के कारण एक स्कॉलरशिप की व्यवस्था कॉलेज की तरफ से हो गयी, जिसकी मदद से न्यूटन अब आगे की पढ़ाई कर सकते थे। उस समय विज्ञान बहुत आगे नहीं था। फिर यहीं रहकर न्यूटन ने प्रसिद्ध “केप्लर के नियम” पढ़े।
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1665 में उन्होंने सामान्यीकृत द्विपद प्रमेय(Binomial Theorem) की खोज की और एक गणितीय सिद्धान्त(Mathematical concept) विकसित करना शुरू किया जो बाद में अत्यल्प कलन(Calculous) के नाम से जाना गया। न्यूटन ने इसकी जानकारी काफी समय बाद दी। इसक कारण उन्होंने ये बताया की उन्हें डर था कि न्यूटन ने कहा कि वे अपने अत्यल्प कलन(Calculous) को प्रकाशित कर कहीं उपहास के पात्र न बन जाएँ।
न्यूटन इस तथ्य पर रिसर्च कर रहे थे कि धरती सुर्य के ईर्द-गिर्द गोल नहीं बल्कि अंड़ाकार घुमती है। ऐसी और भी कई बातों पर रिसर्च चल ही रही थी कि अचानक अगस्त 1665 में जैसे ही न्यूटन ने अपनी डिग्री प्राप्त की। उसके ठीक बाद प्लेग की भीषण महामारी पूरे शहर में फ़ैल गयी। बीमारी के भीषण रूप धारण कर लेने पर बचाव के रूप में विश्वविद्यालय को बंद कर दिया गया।
घर जाने से पहले वे एक सेब के पेड़ के नीचे बैठे सोच रहे थे कि अब क्या किया जाये। तभी उनके सिर पर एक सेब आ गिरा। पहले से परेशान न्यूटन के दिमाग में ये बात आई कि ये सेब मेरे ऊपर ही क्यों गिरा इधर-उधर क्यों नहीं गिरा या फिर ऊपर क्यों नहीं गया। इंसान होता तो पूछ भी लेते लेकिन एक पेड़ क्या जवाब देता। फिर न्यूटन ने इस सवाल का जवाब खुद ही खोजने की ठान ली। बहुत सालों तक न्यूटन इस पर रिसर्च करते रहे और सबको ये बताया कि पृथ्वी में गुरुत्वाकर्षण बल(Gravity) नाम की एक शक्ति है।
जो हर चीज़ को अपनी ओर खींचती है और इसी बल के कारण चन्द्रमा पृथ्वी का चक्कर लगाता है और पृथ्वी सूर्य का। आइज़क न्यूटन ने बताया कि ये बल(Force) दूरी बढ़ने के साथ साथ घटता जाता है। गुरुत्वाकर्षण बल को पृथ्वी के केंद्र में माना जाता है, इसीलिए पृथ्वी हर चीज़ को सीधा अपनी ओर खींचती है। पृथ्वी किसी वस्तु को कितनी शक्ति से खींचेगी इसका मान(Value) उस वस्तु के द्रव्यमान(Mass) पर निर्भर करता है।
इसके आलावा आइज़क न्यूटन ने “भार”(Weight) और “द्रव्यमान”(Mass) के अंतर को भी समझाया। साथ ही साथ प्रकाश के क्षेत्र में काम करते हुए न्यूटन ने बताया कि सफ़ेद प्रकाश दरअसल कई रंगों के प्रकाश का मिश्रण होता है।
साईकिल से लेकर हवाई जहाज बनाने तक में जिन नियमों का पालन होता है, गति के वो 3 नियम आइज़क न्यूटन ने ही दिए थे। ये आज भौतिक विज्ञान(Physics) में बहुत ही ज्यादा प्रयोग किये जाते हैं या यूँ कह सकते हैं की भौतिक विज्ञान(Physics) इन्हीं नियमों पर बना है।
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ये माना जाता है कि न्यूटन ने आजीवन विवाह नहीं किया था। 20 मार्च 1727 को लन्दन शहर में न्यूटन की सोते समय मृत्यु हो गयी थी। उन्हें वेस्टमिंस्टर एब्बे में दफनाया गया था। न्यूटन, जिनके कोई बच्चे नहीं थे, उनके अंतिम वर्षों में उनके रिश्तदारों ने उनकी अधिकांश संपत्ति पर अधिकार कर लिया और निर्वसीयत ही उनकी मृत्यु हो गई।
न्यूटन अपने वैज्ञानिक कामों में इतने रम चुके थे की उनकी मृत्यु के बाद, उनके शरीर में भारी मात्रा में पारा पाया जाना, जो शायद उनके रासायनिक व्यवसाय का परिणाम था। पारे की विषाक्तता न्यूटन के अंतिम जीवन में उनके सनकीपन को स्पष्ट करती है।
फ्रेंच गणितज्ञ जोसेफ लुईस लाग्रेंज अक्सर कहते थे कि न्यूटन महानतम प्रतिभाशाली था और एक बार उन्होंने कहा कि वह “सबसे ज्यादा भाग्यशाली भी था क्योंकि हम दुनिया की प्रणाली को एक से ज्यादा बार स्थापित नहीं कर सकते.” अंग्रेजी कवि अलेक्जेंडर पोप ने न्यूटन की उपलब्धियों के द्वारा प्रभावित होकर प्रसिद्ध स्मृति-लेख लिखा:
Nature and nature’s laws lay hid in night;God said “Let Newton be” and all was light.
न्यूटन ने पूरे विश्व के सामने ये उदाहरण पेश की कि किस प्रकार मन में किसी कार्य को पूरा करने की जिद्द इंसान को सफलता की ऊंचाइयों पर पहुंचा सकती है। दुनिया को दिए गए अपने अनमोल योगदान के कारण ही सन 2005 में हुए एक अंतर्राष्ट्रीय सर्वे ने न्यूटन को सर्वाधिक लोकप्रिय वैज्ञानिक ठहराया है। ऐसे महान वैज्ञानिक को हमारा कोटि-कोटि प्रणाम।
*पाठको के अनुरोध पर, आइज़क न्यूटन की जीवनी पर किताब :
- हिंदी: सर आइज़कन्यूटन: एक वैज्ञानिक संत।
- English: A Biography Of Sir Isaac Newton.
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आपको आइज़क न्यूटन की ये जानकारी कैसी लगी। कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। आशा करते हैं की इस जानकारी को पढ़ कर आप भी अपने जीवन में एक सकारात्मक बदलाव लाने के लिए कर्तव्यबद्ध हो जाएंगे।
धन्यवाद।
References:
*Image credit- Portrait of Newton in 1689 by Godfrey Kneller.
61 comments
So help full information and motivational. I salute sir newton.
Thank You Satendra Singh ji….
Heart touching story of the sir I.J.
Newtown
Nice rule of Newton sir
Good information of scientist ijek newton.
Nice book
Thanks Vikash ji…
Thanks so much sir. This is enough information for knowing about newton
Bahoot accha tha iski vjh se mera projet ban kya thank you
आपका भी धन्यवाद मयंक दूबे जी।
Bahut hi achhi shikh mili sir
Very very good story
Thanks Nandu ji….
GOOD STORIES
Thanks Aadi..
बहौत आछा है । आप क्रिपया एसे विज्ञानिक के बारेमे post करते रहे ।
अच्छा है और अधिक जानकारी दीजिए
और क्या जानकारी चाहिए आपको आशुतोष कुमार जी?
sir aise book ka name batavo jisa mai newton puri kahani ho
विष्णु जी, हमने हिंदी और अंग्रेजी दोनों किताबो का लिंक ऊपर इस पोस्ट के अंत में डाल दिए है।
sir kahani acchi hai lekin newton ki jivan ghatha chahiye sir padhane ke liye
Thank you so much sir I think Isaac Newton sir was a great human personality no one like as Newton sir again thank you sir for this great story..
बिल्कुल सही कहा आपने विशाल पांडेय जी।
Hum Sir Newton k bare mein bahut jyada padte h kyonki inke kalpnik khoj se duniya ka bikash huaa h Sir Newton bahut mahan th
आपके लेख बहुत ही दिलचस्प अंदाज में आते है में भी एक ब्लॉगर हु साथ ही एक ग्राफ़िक डिज़ाइनर हु मेरा सपना है ऐसा एक ब्लॉग बनाने का जिसमे देश विदेश की सभी भाषाओ को एक सिंगल प्लेटफॉर्म पर इस तरह पिरोने का जो बिना अमीर गरीब में फर्क किये सब को एक समान उपयोगी हो कृपया इस काम में मेरा सहयोग करे ब्लॉग का नाम है <a href="https://lifeclasses4u.blogspot.in">लाइफ क्लासेज फॉर यू </a>
hme Sr Isaac ki Jivani achha laga
धन्यवाद Vikash जी….
न्यूटन के कारण ही हमारे जीवन मे भौतिकी का अभ्यास
बढ़ा है
Nivtan is a very great man
Absolutely right Ranjan kumar ji…
their knowledge is like a candle
You said it right Akash.
Bahut achha hai sir
I like it
Thanks Azad Kumar ji…
Newton histry was motivation to our life .
Yes it is Mr. Rakesh
Very nice
Thanks Dipak.monu ji…
Prernadayak
kaise kiye hoge ye sab I mean kha aur without any help
mango gira tha ya apple
waise great scientist I love him and this website also.
Suna to apple hi tha…..Lekin saboot kisi ke paas nhi hai…..Khair koi baat nhi bachho ka syllabus to badh ho gaya na…..
बहुत ही प्रेरणादायी है
सही बात कही आपने कमलेश जी।
Nice
Thanks Vk saini ji….
Bhoot achha
भारतीय वैज्ञानिक न्यूटन का जीवनी पडकर बहुत अच्छा लगा
Amit Kumar जी न्यूटन भइया इंग्लैंड से थे और भारतीय न्यूटन अभी खोजा जाना बाकी है। वैसे अपने विचार प्रस्तुत करने के लिए धन्यवाद। इसी तरह हमारे साथ बने रहें।
Very nice newton life…
Thanks Ajeet Kumar ji. …….
very nice newton's life
Yes it is Kumar vinayak Maurya…
Bhahut achha hai
धन्यवाद Phudan Kumar जी….
Mind blowing
Childhood ,hindi quotes
Thank you very much ranjeet rathore ji…..
Very well
Thanks Shivam
Bhdiya tha
Thanks Dev Gupta.
सर आइजैैक न्यूटन की जीवनी पढ़कर बहुत अच्छा लगा। बहुत ही प्रेरणादायी जीवनी है।
सही बात कही आपने सर