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विश्व हिंदी दिवस पर विशेष कविता | Vishva Hindi Diwas Par Kavita

by Sandeep Kumar Singh
2 minutes read

विश्व हिंदी दिवस पर विशेष कविताविश्व हिंदी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है। फिर भी हिंदी की हालत बद से बदतर होती जा रही है। हिंदी के अस्तित्व को बचाने के लिए 14 सितम्बर 1949 को हिंदी को भारत की राष्ट्रभाषा से नवाजा गया। हिंदी के महत्त्व को और बढ़ाने के लिए 14 सितम्बर 1953 को राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के अनुरोध पर इस दिन को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

इस से पहले सन 1918 में एक हिंदी साहित्य सम्मलेन में महात्मा गाँधी जी ने भी हिंदी को राष्ट्रीय भाषा बनाने के लिए कहा था। इसी सन्दर्भ में हमने हिंदी भाषा के गुणों और महत्त्व को बताती एक खास कविता लिखी है। जो यहाँ पेश कर रहे है, पढ़िए- विश्व हिंदी दिवस पर विशेष कविता।


विश्व हिंदी दिवस पर विशेष कविता

विश्व हिंदी दिवस पर विशेष कविता | Vishva Hindi Diwas Par Kavita

जन्म हुआ मानवता का
हां यही तो वह स्थान है
दी सीख जिन्होंने धर्म की हमको
तुलसी, कबीर संत महान हैं,
संस्कृत से संस्कृति हमारी
हिंदी से हिंदुस्तान है।

बिहारी, केशव, भूषण जैसे
कवियों ने हिंदी अपनाई
हिंदी का महत्व बहुत है
बात ये सब को समझाई,
यही है कारण कि इन सबकी
विश्व में आज पहचान है
संस्कृत से संस्कृति हमारी
हिंदी से हिंदुस्तान है।

है भाषा ये जनमानस की
जो हृदय से सबको जोड़ती है
पढ़ा जाए इतिहास तो ये
सभ्यता की ओर मोड़ती है,
हर हिंदुस्तानी के दिल में
इसके लिए सम्मान है
संस्कृत से संस्कृति हमारी
हिंदी से हिंदुस्तान है।

बात करें जो लिपि की तो
बात ही इसकी निराली है
जैसा लिखते वैसा बोलें
पुराना नाम इसी का पॉली है,
गौतम बुद्ध की रचना का भी
इसी भाषा में ज्ञान है।
संस्कृत से संस्कृति हमारी
हिंदी से हिंदुस्तान है।



मुगल आए या आए गोरे
सबको मार भगाया था।
सारा भारत जब आपस में
हिंदी से जुड़ पाया था।
तभी तो हिंदी भाषा में
गाया जाता राष्ट्रगान है,
संस्कृत से संस्कृति हमारी
हिंदी से हिंदुस्तान है।

हिंदू, मुस्लिम, सिक्ख, इसाई
आपस में ये सब भ्राता हैं
है हिंदी जिसके कारण ही
आपस में इनका नाता है,
मिल जुलकर जो ये रहते तो
भारत का होता निर्माण है
संस्कृत से संस्कृति हमारी
हिंदी से हिंदुस्तान है।

हिंदी में सीखें पढ़ना हम
गाने हिंदी में गाते हैं
फिर क्यों हिंदी अपनाने में
व्यर्थ ही हम घबराते हैं,
सारे देश के संचार साधनों
की यही तो एक जान है
संस्कृत से संस्कृति हमारी
हिंदी से हिंदुस्तान है।

छोड़ के हिंदी अंग्रेजी बोले
इसी बात की है निराशा
सीखो अन्य भाषाओं को पर
अपनाओ अपनी  भाषा,
दुनिया में बतलाओ सबको
हिंदी से हमारी शान है
संस्कृत से संस्कृति हमारी
हिंदी से हिंदुस्तान है।

विश्व हिंदी दिवस पर विशेष कविता का विडियो यहाँ देखें :-

हिंदी दिवस को समर्पित यह बेहतरीन रचनाएँ :-

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धन्यवाद।

आपके लिए खास:

27 comments

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Dr. Mulla Adam Ali जनवरी 10, 2023 - 8:41 अपराह्न

विश्व हिंदी दिवस पर सुंदर कविताएं। बहुत बढ़िया। हार्दिक शुभकामनाएं।

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Simran Kamboj सितम्बर 13, 2021 - 4:52 अपराह्न

Really nice poem.. I like it… ????????????

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Pranat Shah सितम्बर 12, 2021 - 4:52 अपराह्न

Sir mujhe aapki poem bahut achhi lagi isliye main hindi diwas koh yeh kavita gaanewala huh.

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शंकर भारद्वाज प्रजापति सितम्बर 12, 2021 - 2:10 अपराह्न

गर्भ हमें इस मिट्टी की हिंदी शब्द को मिटने नहीं दूंगा!
पूरे विश्व में नाम है भारत देश का
हिंदी शब्द को कभी झुकने नहीं दूंगा!
तहे दिल से आप लोग के
धन्यवाद
आपका छोटा भाई
शंकर भारद्वाज प्रजापति
मिथिलांचल दरभंगा डिस्ट्रिक्ट बिहार से

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Jaya sharma सितम्बर 7, 2021 - 6:46 अपराह्न

Aapki yah kavita mere bahut kam aayi
Verry….nice poem

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Ch. Priya tarar सितम्बर 1, 2021 - 7:13 पूर्वाह्न

Really very nice poem

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 6, 2021 - 11:21 अपराह्न

धन्यवाद प्रिया जी….

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Neeraj जून 25, 2021 - 11:05 पूर्वाह्न

Sandeep jee , I like ur poem. Can u please send me ur phone no on neerajarora25@gmail.com as i want tonspeak to u regarding reusing ur poem

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Lalita जनवरी 3, 2020 - 8:38 अपराह्न

I really like your poem.
Especially the last one.

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Tanvi सितम्बर 14, 2019 - 4:39 अपराह्न

Sir aapki kavita bahut achi hai aaj humari school me hindi diwas manaya gya usme humne ye kavita boli sabhi ko ye kavita bahut pasand aayi aapka bahut bahut dhanyavad hume hindi ka mahatv bta ne k liye..

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Kavita Chopra सितम्बर 10, 2019 - 5:49 अपराह्न

Very nice poem

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deendayal singh जनवरी 10, 2018 - 1:41 पूर्वाह्न

aap ati uttam kaam kar rahe hain

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 10, 2018 - 10:55 पूर्वाह्न

धन्यवाद दीनदयाल सिंह जी।

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shreya pathak सितम्बर 15, 2017 - 3:27 अपराह्न

kavita bahot achi hai

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 15, 2017 - 3:59 अपराह्न

धन्यवाद Shreya Pathak जी…..

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Gopal bhutada सितम्बर 13, 2017 - 4:44 अपराह्न

मुझे गर्व है अपनी राष्ट्रीय भाषा का

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 15, 2017 - 6:28 पूर्वाह्न

Gopal Bhutada जी हमें भी गर्व है हिंदी पर।

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Tameesha सितम्बर 13, 2017 - 4:40 अपराह्न

Hindi is not our national language. It is the official language.

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 15, 2017 - 6:30 पूर्वाह्न

Tameesha जी जानकारी देने के लिए धन्यवाद।

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Veera Grover अगस्त 31, 2017 - 12:59 पूर्वाह्न

Mujhe aapki kvita itni achhi lgi ki m nih shbd hu .. btane k liye.. mujhe ek prtispardha m bhag lene k liye kvita chahiye thi or shayad is achhi kvita mujhe nhi mil skti..

Dhanyaaawaad..

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 3, 2017 - 8:58 अपराह्न

Veera जी हमें खुशी है कि हमारी कविता आपके काम आयी। इसी तरह हमारे साथ बने रहें।
धन्यवाद।

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सुरज ००७ अगस्त 29, 2017 - 9:32 अपराह्न

इस कविता को पढ़ कर मुझे खुद पर हिंदी -भाषी होने का गौरवान्वित महसूस करता हू।

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 29, 2017 - 9:50 अपराह्न

हमें इस बात पर गर्व है कि इस पोस्ट को पढ़कर किसी भारतीय को गर्व महसूस हुआ है। इसी तरह हमारे साथ बने रहें। धन्यवाद।

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sameer अगस्त 24, 2017 - 2:16 अपराह्न

i am happy to see this post, very nice motivation post, keep it up, also keep me in your update always

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 29, 2017 - 12:17 अपराह्न

Thank you very much Sameer bro….

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Anisha अगस्त 13, 2017 - 12:20 अपराह्न

Your poem is very nice.This is very informative for every one.

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 14, 2017 - 6:29 पूर्वाह्न

Thank you Anisha..

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