सूचना: दूसरे ब्लॉगर, Youtube चैनल और फेसबुक पेज वाले, कृपया बिना अनुमति हमारी रचनाएँ चोरी ना करे। हम कॉपीराइट क्लेम कर सकते है
ज्येष्ठ की तपती गर्मी से परेशान हर किसी को बारिश के आने का उम्मीद लगी रहती है। बारिश आने से एक बार फिर से प्यासी धरती को जैसे नया जीवन मिल जाता है। हर तरफ हरियाली छाने लगती है। जीव जंतु झुमने लगते है। सावन का महिना अपने बारिश के बूंदों के लिए जाना जाता है। बारिश में सावन की सुन्दरता को बताती एक कविता “सावन की घटायें” हमें भेजी है, छत्तीसगढ़ से अंगेश्वर बैस ने’।
सावन की घटायें
सावन की घटायें,
बरखा बनके छाए,
हरी-भरी धरती सुन्दर,
सबके मन को लुभाए,
इस मौसम को छोड़ कर,
बहारे भला कहा जाये,
सतरंगी समाओ से भला,
पीछा कैसे छुडाएं,
प्यासी सुखी धरती पर,
जान छिड़क सी जाये,
सावन की घटायें
बरखा बनके छाए,
तेरे आ जाने से देखो,
मस्ती मन में छाए,
जीवो को नया जीवन देकर,
सबकी प्यास बुझाये,
तन की गर्मी को हर कर,
शीतलता सी दे जाये,
सूखे बाग़ बगीचों को,
हरियाली का तोहफा दे जाये,
चारो ओर हरियाली है,
कैसे न सदके जायें,
सावन की घटायें,
बरखा बनके छाए,
हवाओ में भी महक है,
जिसमे खींचे चले जाये,
बागो में यौवन सी है,
मन मचला सा जाये,
सुन्दरता तेरी इतनी है,
चंदा भी शरमा जाये,
आया ऐसा दिन आज है,
फिर न मिल न पाए,
सावन के सुन्दर ये दिन,
मन भर न पायें,
छोड़ न जाना हमको कभी,
हर दिन सावन आये,
हर दिन सावन आये।
पढ़िए बारिश व सावन से जुड़ी अप्रतिम ब्लॉग की अन्य रचनाएं :-
- सावन की बारिश, बहार और उसकी यादों की कविता
- बारिश शायरी | बारिश वाली हिंदी शायरीयां | Barish Shayari
- हास्य व्यंग्य | बारिश से भीगने से बचने के कुछ मजेदार तरीके
सावन के बहारो का बखान करती इस कविता को हमें भेजा है अंगेश्वर बैस ने जो छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में रहते है। अंगेश्वर बैस जी कविता और गीत लिखने के शौक़ीन है। हमारे ब्लॉग में ये उनकी सुरुवाती कविताएँ है। और आगे भी हमारे पाठको को उनकी कुछ बेहतरीन कविताएँ हमारे ब्लॉग में पढने को मिल सकती है।
आपको यह कविता कैसी लगी? अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।
धन्यवाद।
आगे क्या है आपके लिए:
13 comments
its very nice poetry
may god bless you more and more
nice :)
Best
धन्यवाद दक्ष जी।
Its very good poem
धन्यवाद आदित्य राज ठाकुर जी।
Thanks my brother
Kya kavita h apaki
धन्यवाद सौरभ यादव जी,
Sunder kavita
धन्यवाद रेनू सिंघल जी..
kya kavita hai aapki
vah vah kya baat hai
धन्यवाद यशदीप जी,