हिंदी कविता संग्रह

नव वर्ष पर कविता – नए वर्ष की नव वेला में


नव वर्ष पर कविता

नव वर्ष पर कविता

नव वर्ष पर कविता

नए वर्ष की नव वेला में
हम सपनों के झूले झूलें,
तोड़ सभी जड़ता के बन्धन
भरें उड़ानें नभ को छूलें।

आशाओं के इन्द्रधनुष में
सात रंग हम फिर से भर दें ,
नव रस ले उड़ते बादल से
शुष्क हुए अधरों पर धर दें।

नए सूर्य की नई किरण ले
दूर भगा दें मन की ठिठुरन,
नई लालिमा से पूरब की
दमके जग का मुरझा आनन।

नई धूप में फूल खिलें नव
अलसाई कलियाँ मुस्काएँ,
सम्बन्धों की गर्माहट ले
फिर से आए नई हवाएँ।

चाँद – सितारों की जगमग से
भरकर अपनी सूनी आँखें,
नव चिंतन के आयामों को
नापें हम फैलाकर पाँखें।

आँखों से आँसू जो ढलके
बन जाए वह कथा पुरानी,
नए वर्ष की नई सुबह में
लिखे मनुज फिर नई कहानी।

पढ़िए नववर्ष से संबंधित यह सुंदर रचनाएं :-

” नव वर्ष पर कविता ” आपको कैसी लगी अपने विचार कमेन्ट वोक्स में जरूर लिखें।

धन्यवाद।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *