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शायरी हिंदी में |संदीप कुमार सिंह की हिंदी शायरी संग्रह भाग – 8
शायरी हिंदी में by संदीप कुमार सिंह -8
1. तेरा साथ
तेरे साथ मुझे जन्नत का एहसास होता है
जब भी मेरे हाथों में तेरा हाथ होता है,
इक बेचैनी सी रहती है तेरे बिना
अब तेरे ही ख्यालों में मेरा हर जज़्बात होता है।
2. चाहत शायरी हिंदी में
मेरी जिंदगी में ये जो तेरी आहट है
इसी वजह से मेरे चेहरे पे मुस्कराहट है,
ये सुन कर दिल को राहत है
कि तुम्हें भी मेरी चाहत है।
3. मंजिल
मंजिले उन्हीं को मिलती हैं
जो जिंदगी रास्तों में काटते हैं,
अपनी खुशियां दांव पे लगा
वही खुशियां दूसरों में बांटते हैं।
4. भरम
कोशिशें जारी हैं मेरी कि
कभी तो उस खुदा का
मुझ पर करम होगा,
बनाना है मुझे वजूद अपना
तभी दूर सबका
भरम होगा।
5. इख़्तियार
घोल रखा था उन्होंने अल्फ़ाज़ों में
लेकिन फिर भी हमें
उनकी बेवफाई पर भी प्यार आया,
न जाने कैसी कसक थी दिल में मेरे
जिसको हमने दिलो जान से अपना बनाया,
उसके लिए यारों
मैंने खुद को इख़्तियार पाया।
इख़्तियार = Option
शायरी हिंदी में | संदीप कुमार सिंह की हिंदी शायरी संग्रह भाग – 8
6. खताएं
न कोई दुआ न दवा असर करेगी,
मेरी उम्मीद भी पल-पल मरेगी
वो चाहे जितना दावा करे
खुद को सच्चा बताने का,
जो खतायें उसने की है
वो उसकी सजा भरेगी।
7. मैं
दहकते अरमानों की तपिश में
पक रहें हैं जज़्बात,
कहते हैं लोग बदल गया हूँ मैं
अब मैं…….वो मैं न रहा।
8. एक दफा
तू हंस कर लगा
मुझ पर तोहमत
ए ज़माना,
मगर मेरी मौत के बाद
एक दफा उसको
जरूर आज़माना।
9. औकात शायरी हिंदी में
औकात का खेल है दोस्तों
कोई भूल जाता है
कोई याद दिलाता है।
10. ख्वाहिश
कह देना मेरे दुश्मनों से
उनकी ये ख्वाहिश भी मुकम्मल होगी,
बस दो-चार चाहने वाले मेरे
उनकी तरह हो जाएं।
शायरी हिंदी में | संदीप कुमार सिंह की हिंदी शायरी संग्रह भाग – 8
11. कत्ल
कत्ल कर दिया मैंने आज
उन तमाम यादों का
जो बिना बताये
उसकी तस्वीर ज़हन में बनाते थे,
भटक गए हैं रास्ता भी वो आंसू
जो बिना बताये ही चले आते थे,
बर्बाद कर दिया कोई कसर न छोड़ी
कभी जो खुद को हमारा बताते थे।
12. नकाब
नजरों के धोखे
और
दिन के उजालों के सपने हैं
दुश्मन से भी खतरनाक हैं ये
चाहने वाले नकाब में
मेरे ये जो अपने हैं।
13. मुस्कुराहटें
बहुत खतरनाक हैं
बनावटी चेहरे की मुस्कुराहटें,
जाल बिछा रहता है
बस फंसने की देरी है।
14. ख्याल शायरी हिंदी में
तुझसे मिलने की कशिश और तेरा इंतजार तड़पाता है,
दूर रहने का दर्द अब बिलकुल ना सहा जाता है,
आकर डाल दे जान आज तू इस मुर्दा जिस्म में
तेरे बिना अब जिन्दा रहने का ख्याल भी अब नहीं आता है।
15. तस्वीर
मत कहना खुश हूँ मैं बड़ी मुश्किल से खुद को संभाला है,
इस दिल में बसी थी जो तस्वीर उसकी
आंसुओं से मैंने उसे धो डाला है।
शायरी हिंदी में | संदीप कुमार सिंह की हिंदी शायरी संग्रह भाग – 8
16. परिंदा
उसे इत्तला कर देना कि
उसके जाने के बाद भी मैं जिंदा हूँ
पिंजरे में कौन कैद करेगा मुझे
मैं तो सांसों की जंजीरों में बंधा परिंदा हूँ।
17. तड़प
तड़पा दे मुझे इतना की हद हों जाए
नफरत तुझसे मुझको बेहद हो जाए,
सोचने पर भी न आये मुझे ख्याल तेरा
तेरी यादों और मेरी जिंदगी में एक सरहद हो जाए।
18. गर्दिश
न दुआ असर करती है
न दवा असर करती है
न जाने कैसी गर्दिश है वक़्त की
अब तो ग़मों की दुनिया
मेरी खुशियों में बसर करती है।
19. यादें शायरी हिंदी में
वक़्त भर देता है हर जख्म
या जख्मों के साथ रहना आ जाता है
नासूर से होती हैं ये यादें भी
जिंदगी में तब भी आती हैं
जब सब सहना आ जाता है।
20. ज़मीर
मैं खामोश हूँ मेरी कलम बोल रही है
लोगों के नजरिये को अनुभवों से तोल रही है,
मर चुकी है इंसानियत आज के इंसानों में
सच्चाई भी आज अपना ज़मीर टटोल रही है।
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धन्यवाद।
2 comments
बहुत बढ़िया ।
धन्यवाद अक्षय बारिक जी।