Home » हिंदी कविता संग्रह » प्रेम कविताएँ » प्रेम भरी कविता :- लिखूं तो क्या लिखूं तेरे बारे में | प्रेम मिलन पर कविता

प्रेम भरी कविता :- लिखूं तो क्या लिखूं तेरे बारे में | प्रेम मिलन पर कविता

by ApratimGroup
3 minutes read

जब कोई चाहने वाला दूर होता है और दिल उससे मिलने को मजबूर होता है तब दिल में प्यार की तरंगे बहुत तेजी से चलने लगती हैं और क्या होता है हाल बता रहें हैं हरीश चमोली जी प्रेम भरी कविता के माध्यम से। आइये पढ़ते हैं प्रेम भरी कविता :

प्रेम भरी कविता

प्रेम भरी कविता

लिखूं तो क्या लिखूं तेरे बारे में
जितना लिखूं सब कम ही कम है
सोचूं तो क्या सोचूं तेरे बारे
जितना सोचूं सब कम ही कम है,
तेरा जिस्म भले ही मेरे साथ नहीं
तेरे ख्याल से ही मेरी आँखें नम हैं
मेरे दिल में तू हरदम शामिल है
तेरी सोच में ही इतना गम है,
लिखुँ तो क्या लिखूं तेरे बारे
जितना लिखूँ  सब कम ही कम है।

सावन की बारिशों में
तू शबनम सी भा रही है
पत्तों से फिसलकर तू जैसे
मेरे दिल तक आ रही है,
फुलवारी में खिले फूलों सी
तेरी खुशबू मेरी सांसों में घुल रही है
समुन्दर की लहर सी तू भी मेरी
यादों को धुल रही है

तेरा जिस्म भले ही मेरे साथ नहीं
तेरे ख्याल से ही मेरी आँखें नम हैं,
लिखुँ तो क्या लिखूं तेरे बारे
जितना लिखूँ सब कम ही कम है।

तू हिमालय की गोद से पिघल
इक नदी रूप में बदल रही है
होकर पर्वत पहाड़ समतल मैदानों  से
मुझसे मिलने को मचल रही है,
बसन्त ऋतू की बहार निराली सी
निशा सी काली तेरी घुंघराली लटें
करके दीवाना तू इक मनचली सी
चाहूँ मैं अब की तू मुझसे लिपटे

तेरा जिस्म भले ही मेरे साथ नहीं
तेरे ख्याल से ही मेरी आँखें नम हैं,
लिखुँ तो क्या लिखूं तेरे बारे
जितना लिखूँ सब कम ही कम है।

दिखाकर ये मोहिनी रूप
तू मेरे मन मे हुडदंग कर रही है
देकर अपने होंठों का स्पर्श
एक नयी उमंग भर रही है,
ठंडी हवाओं सी बहकर तू
मुझे बैचेन कर रही है
शाम के ढलते सूरज सी तू
मेरे प्यार के समुन्दर में घुल रही है

तेरा जिस्म भले ही मेरे साथ नहीं
तेरे ख्याल से ही मेरी आँखें नम हैं,
लिखुँ तो क्या लिखूं तेरे बारे
जितना लिखूँ सब कम ही कम है।

अमावस की काली रातों में तू
जुगनुओं की रोशनी सी चमक रही है
तेरी ये जगमगाती यादें अब
झिलमिल तारों के आकाश सी दमक रही हैं,
वो सुहाना मौसम, खूबसूरत नज़ारे
हर पल तुझे मेरे करीब ला रहे हैं
तुझसे मिलने की चाहत में सपने भी मेरे
अब सातवें आसमान चढ़ बुला रहें हैं,

तेरा जिस्म भले ही मेरे साथ नहीं
तेरे ख्याल से ही मेरी आँखें नम हैं,
लिखुँ तो क्या लिखूं तेरे बारे
जितना लिखूँ सब कम ही कम है।

पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग पर यह प्यार भरी कविताएं :-


harish chamoliमेरा नाम हरीश चमोली है और मैं उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले का रहें वाला एक छोटा सा कवि ह्रदयी व्यक्ति हूँ। बचपन से ही मुझे लिखने का शौक है और मैं अपनी सकारात्मक सोच से देश, समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जीवन के किसी पड़ाव पर कभी किसी मंच पर बोलने का मौका मिले तो ये मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।

‘ प्रेम भरी कविता ‘ के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढने का मौका मिले।

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

1 comment

Avatar
Aryan अक्टूबर 5, 2018 - 3:27 अपराह्न

Waaah kya kahne bahut khoob

Reply

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.