सूचना: दूसरे ब्लॉगर, Youtube चैनल और फेसबुक पेज वाले, कृपया बिना अनुमति हमारी रचनाएँ चोरी ना करे। हम कॉपीराइट क्लेम कर सकते है
हिंसा और अहिंसा पर कविता में हिंसा के दोषों का चित्रण करते हुए अहिंसा की श्रेष्ठता प्रतिपादित की गई है ।हिंसा मानवाधिकारों का हनन करती है और जीवों से उनका जीवन -अधिकार छीनती है ।यह ताकत के बल पर दूसरों को नुकसान पहुँचाने की प्रक्रिया है अतः सभ्य समाज में हिंसा के किसी भी रूप का समर्थन नहीं किया जा सकता है । अहिंसा का अर्थ है कि हम किसी को भी कष्ट नहीं पहुँचाएँ ।अहिंसा जीओ और जीने दो के सिद्धांत पर आधारित है और सभी से प्रेम करना सिखाती है । अहिंसा से ही समाज में शान्ति और व्यवस्था स्थापित की जा सकती है । अहिंसा की राह पर चलकर ही विश्व -शान्ति स्थापित की जा सकती है ।
हिंसा और अहिंसा पर कविता
हिंसा ने डाला है जब से
जग में अपना डेरा,
चारों ओर बढ़ा है तब से
अन्यायों का घेरा ।
खोकर आज मनुजता मानव
हुआ भेड़िया भूखा,
दया प्रेम का स्रोत कभी का
उसके मन में सूखा ।
पशु पक्षी सब कीट पतंगे
बने मनुज का भोजन,
नहीं दर्द से अब औरों के
उसका रहा प्रयोजन ।
सिखा रही भौतिकता सबको
सुख सुविधा में जीना,
अपनी प्यास बुझाने को भी
रक्त और का पीना ।
हिंसा से आक्रांत सभी जन
जीते हैं एकाकी,
नहीं बची है अब समाज में
कहीं मनुजता बाकी ।
हथियारों की होड़ लगी है
फैली भले गरीबी,
छुरा पीठ में भोंक रहे हैं
अब तो देश करीबी ।
धरती के ऊपर संकट के
बादल हैं मँडराए ,
हैं युद्धों की आशंका से
मन सबके घबराए ।
हिंसा की जो आग लगी है
मिलकर उसे बुझाएँ ,
राह अहिंसा की लोगों को
फिर से चलो सुझाएँ ।
हिंसा में तो मौत छुपी है
है यह दुःख का कारण,
और अहिंसा जीवनदायी
करती कष्ट निवारण ।
पुनः अहिंसा के दीपक को
हमें जलाना होगा,
नहीं रहेगा तब अँधियारा
जो है अब तक भोगा ।
यही दीप फिर इक दिन जग में
सूरज बन निखरेगा,
नई चेतना का मानव -मन
तब प्रकाश बिखरेगा।
हिंसा और अहिंसा पर कविता आपको कैसी लगी? अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।
पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग की ये 5 बेहतरीन रचनाएं :-
- पिता की याद में कविता | तुमको आवाज़ लगाता हूँ
- गांधी जयंती को समर्पित महात्मा गांधी पर दोहे
- 5 हुनरमंद विकलांग – जिन्होंने कमजोरियों को जीता
- विश्वास की परीक्षा |आस्था और विश्वास पर कहानी
- सिकंदर महान के बारे में रोचक तथ्य और जानकारी
धन्यवाद।
4 comments
Really very nice, thanks
Nice poem ◉‿◉
बहुत ही अच्छी कविता है
अहिंसा की दम पर ही सभी देश मिलकर गतिशिल विकास कर सकते है। मानवता का पाठ पढ़ाने के लिए अहिंसा ही हमारा नारा हो। <a href="www.kavitapoemdunia.com"> कविता दुनिया </a>