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लोहड़ी पर कविता :- जीवन में लोहड़ी त्यौहार | Poem On Lohri In Hindi


लोहड़ी का त्यौहार भारत के उत्तर-पश्चिमी इलाके में बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन बाजार सजे रहते हैं और आसमानों में पतंगों की बहार रहती है। नव ब्याही जोड़ी या घर में जन्मे बेटे को आशीर्वाद और प्यार देने रिश्तेदार घर आते हैं और क्या-क्या होता है लोहड़ी पर आइये पढ़ते हैं इस ( Poem On Lohri In Hindi ) ‘ लोहड़ी पर कविता ‘ में :-

लोहड़ी पर कविता

लोहड़ी पर कविता

धूप हो चली तीखी-तीखी
आने वाली बसंत बहार,
ढेरों खुशियाँ लेकर आया
जीवन में लोहड़ी त्यौहार।

मौसम ने ले ली है करवट
सूरज ने बदली है चाल
कलरव करते पंछी निकले
हवा बजाती सुरमयी ताल,
रहे ठिठुरते जिससे हम सब
सर्दी की अब घटेगी मार
ढेरों खुशियाँ लेकर आया
जीवन में लोहड़ी त्यौहार।

रंग-बिरंगी उड़ी पतंगे
आसमान में दौड़ लगातीं
लड़ती-भिड़ती हैं आपस में
कट कर धरती पर आ जातीं,
भाग रहे लेने को बालक
पतंग गिरे जितनी भी बार
ढेरों खुशियाँ लेकर आया
जीवन में लोहड़ी त्यौहार।

घर-घर जाकर माँगे सबसे
बच्चे बना-बना कर टोली
दे रहे रेवड़ी, मूंगफली
सुन सब उनकी मीठी बोली,
मिलकर जश्न मनाएंगे अब
सभी बाल हो गए तैयार
ढेरों खुशियाँ लेकर आया
जीवन में लोहड़ी त्यौहार।

नव ब्याही जोड़ी हो या फिर
घर में शिशु ने है जन्म लिया
सब नातेदारों ने आकर
उनको है आशीष दिया,
आनंद ही आनंद फैला
उत्सव का छाया है खुमार
ढेरों खुशियाँ लेकर आया
जीवन में लोहड़ी त्यौहार।

सभी पड़ोसी हुए इकट्ठे
सबने घेरा एक बनाया
रखे बीच में लकड़ी उपले
आग लगा उसको जलाया,
डालते हैं रेवड़ी-गच्चक
भभक रहे हैं खूब अंगार
ढेरों खुशियाँ लेकर आया
जीवन में लोहड़ी त्यौहार।

नाच रहे सब लोकधुनों पर
लोकगीत सब मिल हैं गाते
अच्छाई अपना कर सारे
सन्देश प्रेम का फैलाते,
ठन्डे-ठन्डे इस मौसम में
गर्माहट का होता पसार
ढेरों खुशियाँ लेकर आया
जीवन में लोहड़ी त्यौहार।

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