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देश भक्ति पर कवितायें और शायरियाँ तो बहुत पढ़ी होंगी आपने। इस बार हम आपके लिए लाये हैं कुछ अलग। ये हैं देश भक्ति दोहे । तो आइये पढ़ते हैं देश भक्ति दोहे :-
देश भक्ति दोहे
1.
है सपूत जो देश के, उनका हुआ मुरीद।
सरहद पर कुछ हैं खड़े, कुछ हो गए शहीद।।
2.
मेरे भारत देश की, गाथा बड़ी महान।
महिमा इसकी गा रहा, सारा आज जहान।।
3.
अतिथि देवो भवः कहें, दुश्मन को दें दंड।
भारत जितना शांत है, उतना रहे प्रचंड।।
4.
राम आरती हो यहाँ, होती यहाँ अजान।
आपस में मिलकर रहें, सबका हो सम्मान।।
5.
भारत मेरा देश है, भारत मेरा धर्म।
यहीं जन्म लूँ मैं सदा, ऐसे हों बस कर्म।।
6.
बैरी के बढ़ते कदम, उसको भेजें श्मशान।
धन्य हैं वो जो सरहद पर, खड़े हैं वीर जवान।
7.
ऐसी पावन धरा यहाँ की, कर देती सबका उद्धार।
हर दिन एक नया उत्सव, होता है हर दिन त्यौहार।।
8.
अपने वीर सपूत को माँ देती सदा आशीष।
देश पर आंच कभी ना आये, कट जाए चाहे शीश।।
9.
भारत की पावन धरती से, ले धूल मैं तिलक लगाऊं।
इतना प्यारा देश है मेरा, मैं नित दिन महिमा गाऊं।।
पढ़िए :- देश भक्ति पर कवितायें
10.
महाराणा प्रताप से राजा, लक्ष्मी बाई जैसी रानी।
घर-घर में सुनाई जाती, ऐसे वीरों की कहानी।।
11.
पला-बढ़ा और बड़ा हुआ, इस देश में लेकर जन्म।
सच्चा देशभक्त है वही, हो देश ही जिसका धर्म।।
12.
सारे जग से है ये न्यारा, विजयी विश्व तिरंगा प्यारा।
यही तो शान हमारी है, यही है अभिमान हमारा।।
13.
सरहद पर तैनात हैं, बनकर देश की ढाल।
लड़ते नित्य जंग नयी, भारत माता के लाल।।
14.
सारा जग जो घूम लिया, मिला एक ही ज्ञान।
इतना प्यारा कोई देश नहीं, जैसा है हिन्दुस्तान।।
15.
चाहे तपती धूप हो, चाहे हो शीतल रात।
देश की सेवा में रहें, जवान सदा तैनात।।
पढ़िए कविता :- ये हमारा हिंदुस्तान है।
देश भक्ति दोहे के बारे में अपने विचार कमेंट बॉक्स में लिख कर हम तक अवश्य पहुंचाएं।
पढ़िए राष्ट्र भक्ति से जुड़ी ये सुन्दर रचनाएं :-
- देश भक्ति शेरो शायरी | देश भक्ति पर शायरी
- जैसा देश वैसा भेष क्यों जरुरी? | स्वामी विवेकानन्द जी के किताब कर्मयोग से कुछ अंश
- देश पर कविता ” उठो जागो अब आंखें खोलो “
धन्यवाद।
5 comments
Ya, i got impressed by the lines….
Acha shyri Hai
Very nice
धन्यवाद अनीता जी।
Very nice line