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वतन पर कविता :- हिंदी हैं हम वतन ये हमारा हिंदुस्तान है | Watan Par Kavita


भारत :- एक ऐसा देश जिसके बारे में बात करते हुए हर भारतवासी को अपने वतन पर गर्व होता है। ये एक विविधता से भरा हुआ देश है। जिसकी अनेकता में भी एकता है। यहाँ अलग-अलग धर्म और जातियों के लोग रहते हैं। फिर भी सब एक साथ प्यार-मोहब्बत के साथ रहते हैं। खेतों में जहाँ किसान देश की सेवा करे रहे होते हैं वहीं सरहद पर देश के जवान पहरा देते हैं। वैसे चाहे सब अलग रहते हों लेकिन जब बात देश की आती है तो सब के अन्दर देश भक्ति जाग उठती है और सब एक साथ हो लेते हैं। ऐसे ही अपने देश की महिमा का वर्णन करते हुए मैंने ये वतन पर कविता लिखी है।

वतन पर कविता

वतन पर कविता

सूरज उगता है जब भी यहाँ दुनिया में उजाला होता है
लोरी है सुनाती मैया जब उसका बच्चा न सोता है,

आम नहीं है कोई यहाँ हर शख्स ही एक नगीना है
इस बात पे होता गर्व है कि हमने औरों को सिखाया जीना है,

ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जहाँ न झूलते विजय के निशान हैं,
हिंदी हैं हम वतन ये हमारा हिंदुस्तान है।

सभ्यता हो या शिक्षा हो सब यहीं से आरंभ है
गुरु नानक, कबीर, तुलसीदास जैसे जन्मे यहाँ संत हैं,

एक ही हैं हमारे लिए चाहे अल्लाह या भगवान् हैं
इज्जत पूरी होती है बाइबिल, रामायण चाहे कुरान है,

कोई भेदभाव नहीं आपस में सभी एक सामान हैं
हिंदी हैं हम वतन ये हमारा हिंदुस्तान है।

आजाद, भगत सिंह, सावरकर जैसे वीरों की यह भूमि है
यहाँ के बजते तानों पर सारी दुनिया ही झूमी है,

जो भी करते हैं उस पर रखते हम विश्वास हैं
इसी वजह से गौरवमयी और स्वर्णिम हमारा इतिहास है,

डरते नहीं है मौत से भी रहती चेहरे पर हर पल मुस्कान है
हिंदी हैं हम वतन ये हमारा हिंदुस्तान है।

इक रहता खेत की हरियाली में इक रहता देश की रखवाली में
इक करता है रक्षा लोगों की इक पहुंचाता है रोटी थाली में,

धन्य है वो किसान और धन्य ही वो जवान है
जिनकी वजह से बढती हमारे देश की शान है,

जो भी आँख उठाता है मिटाते उसकी पहचान हैं
हिंदी हैं हम वतन ये हमारा हिंदुस्तान है।

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धन्यवाद।

2 Comments

  1. हमारे ऐसे नारे चाहिए जो हमारा खून खोल सके हम हर जगह बोल सकें आप कोई नारे भेजो ना प्लीज रिक्वेस्ट करता हूं

    1. प्रताप सरन जी जिस दिन सरस्वती माँ ने कृपा की हम आपकी ये इच्छा पूरी कर देंगे। तब तक कृपया प्रतीक्षा करें। धन्यवाद।

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