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भारत में दो राष्ट्रीय पर्व ऐसे हैं जिसके आने पर सब में देशभक्ति की भावना जाग जाती है। ये हैं स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस। स्वतंत्रता दिवस के बारे में तो सबको पता है कि यह 15 अगस्त को आता है। लेकिन ये चीज मेरे देखने में आई है की कई लोगों को ये नहीं पता कि 26 जनवरी को मनाया जाने वाला भारतीय गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है। तो आइये इस निबंध में हम जानते हैं भारतीय गणतंत्र दिवस ( 26 जनवरी पर निबंध हिंदी में ) के बारे में विस्तार से :-
भारतीय गणतंत्र दिवस
गणतंत्र का अर्थ या गणतंत्र का मतलब
गणतंत्र शब्द दो शब्दों के मेल से बना है। जो हैं :- गण और तंत्र। गण का अर्थ होता है पूरी जनता और तन्त्र का अर्थ होता है प्रणाली। इस तरह गणतंत्र का मतलब हुआ पूरी जनता द्वारा नियंत्रित प्रणाली।
गणतंत्र क्या है :- गणतंत्र की परिभाषा
सीधे शब्दों में कहा जाए तो गणतंत्र एक ऐसा तंत्र जिसमें हर व्यक्ति का योगदान होता है। एक ऐसा तंत्र जहाँ हर व्यक्ति के अधिकारों की रक्षा की जाती है। हर व्यक्ति को समान अधिकार दिए जाते हैं। किसी से किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता। जनता का प्रतिनिधि जनता द्वारा चुना जाता है। वह जनता के हित में काम करता है। ऐसा ही तंत्र गणतंत्र कहलाता है। यह देश के हर राज्य में एक समान होता है।
गणतंत्र और लोकतंत्र में अंतर
कुछ लोग प्रायः गणतंत्र को ही लोकतंत्र मान लेते हैं परन्तु दोनों में अंतर है। गणतंत्र में लोगों का प्रतिनिधि एक सामान्य व्यक्ति होता है लेकिन वो काम जनता की नहीं अपनी इच्छा के अनुसार करता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण जर्मनी का हिटलर है। जो पहले एक सामान्य व्यक्ति था राज्य उसके हाथ में आने के बाद वो अपनी इच्छा अनुसार काम करता था।
वहीं लोकतंत्र में एक वंश राज करता है। जिसकी आगे वाली पीढ़ी को ही राज्य का शासन मिलता है। परन्तु उसका शासन लोगों द्वारा चलता है। इसका सबसे बड़ा उदाहरण ब्रिटेन है। जहाँ कई सालों से एक ही वंश की पीढ़ियाँ राज कर रही हैं। वहां का शासन लोगों के अनुसार चलता है। भारत में गणतंत्र और लोकतंत्र दोनों हैं।
भारतीय गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है / गणतंत्र दिवस का महत्व
इस दिवस का भारतीय इतिहास में बहुत महत्त्व है। 29 दिसंबर 1929 को जवाहर लाल नेहरु की अध्यक्षता में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का एक अधिवेशन लाहोर में पारित किया गया। जिसके अनुसार यदि अंग्रेजी सरकार 26 जनवरी 1930 तक उन्हें स्वशासित इकाई नहीं बनाती तो 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस घोषित कर दिया जायेगा।
अंग्रेजों द्वारा इस बारे में कोई भी प्रतिक्रिया न होने पर कांग्रेस ने 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस घोषित कर दिया। उस दिन से हर 26 जनवरी को स्वतंत्रता दिवस माने जाने लगा।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन ने जुलाई 1945 में एक कैबिनेट मिशन भारत भेजा। जिसमें 3 मंत्री थे। जिसमें 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता की घोषणा हुयी। जिसके बाद भारत का अपना संविधान बनाने के लिए संविधान सभा की घोषणा हुयी जिसमें जवाहरलाल नेहरू, डॉ भीमराव अम्बेडकर, डॉ राजेन्द्र प्रसाद, सरदार वल्लभ भाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि मुख्या सदस्य थे।
इस सभा ने इस संविधान सभा ने 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन में कुल 114 दिन की बैठकों के बाद 26 नवंबर 1949 को संविधान का निर्माण कार्य पूरा किया। इसी कारण 26 नवंबर का दिन संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। डा• भीमराव अंबेडकर की संविधान के इस निर्माण कार्य में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका थी। इसी कारण उन्हें संविधान का निर्माता भी कहा जाता है।
संविधान के निर्माण के बाद अंग्रेजों के क़ानून भारत सरकार अधिनियम (एक्ट) (1935) को हटाकर भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 में लागू किया गया। इसी दिन भारत में लोकतंत्र और गणतंत्र को अपनाया गया । भारत अंग्रेजों से तो 15 अगस्त को स्वतंत्र हो गया था परन्तु अपना कानून न होने के कारण मानसिक तौर पर अभी भी अंग्रेजों का गुलाम ही था। इस गुलामी की बेड़ियों से मुक्ति हमें 26 जनवरी 1950 को मिली। इसी कारण यह दिवस एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाया जाता है।
कैसे मनाया जाता है गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हर तरफ बस राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा ही दिखता है। राजधानी दिल्ली में यह बहुत ज्यादा उत्साह के साथ मनाया जाता है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का भाषण सुनने के लिए लाल किले पर बहुत भरी भीड़ एकत्रित होती है। भारत के राष्ट्रपति इसी दिन भारतीय राष्ट्र ध्वज फहराते हैं। उसके बाद राष्ट्रीय गान गाया जाता है।
प्रधानमंत्री अमर जवान ज्योति पर पुष्प अर्पित करते हैं जो कि इंडिया गेट के पास है। फिर शहीदों की याद में 2 मिनट का मौन रखा जाता है। उसके बाद इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक परेड निकली जाती है जिसमें भिन्न-भिन्न प्रकार की झांकियां निकाली जाती हैं। भारतीय जल, थल और वायु सेना के जवान अपने जौहर का प्रदर्शन करते हैं। झांकियों में अलग-अलग राज्यों की कला और संस्कृति का प्रदर्शन किया जाता है।
इस तरह भारतीय गणतंत्र दिवस की अपने आप में बहुत महानता है। यदि इसी दिन 1930 में भारत को स्वतंत्र घोषित कर स्वतंत्रता की लड़ाई तेज न की जाती तो शायद हम आज भी अंग्रेजों के ही गुलाम होते। यह दिन हमारे लिए अति गर्व का दिन है।
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जय हिन्द ।
2 comments
Nice information
Thank you Manoj ji…