Home » विविध » हास्य साहित्य पर निबन्ध :- जीवन में हास्य का महत्व निबंध | Hasya Ka Mahatva

हास्य साहित्य पर निबन्ध :- जीवन में हास्य का महत्व निबंध | Hasya Ka Mahatva

by ApratimGroup
4 minutes read

तनाव भरे जीवन में जीवन में हास्य का महत्व ( Jeevan Me Hasya Ka Mahatva In Hindi ) उतना ही है जितना तन के लिए भोजन का। उसी हास्य को समर्पित है यह हास्य साहित्य पर निबन्ध :-

हास्य साहित्य पर निबन्ध

हास्य साहित्य पर निबन्ध

सभी भाषाओं के साहित्य में हास्य रस का विशेष महत्व है। इसीलिए प्रत्येक भाषा में हास्य साहित्य प्रचुर मात्रा में मिल जाता है। आजकल के दौर में हास्य साहित्य का महत्व निरंतर बढ़ता जा रहा है। क्योंकि जिस गति से हर क्षेत्र में तकनीकी साधन बढ़ रहे हैं, उसी अनुपात में व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में व्यस्त होता नजर आ रहा है।

स्वाभाविक है कि व्यक्ति जितना ज्यादा व्यस्त होगा, उसके तनावपूर्ण होने की सम्भावनाएँ भी उतनी ही बढ़ जाती हैं। और जब व्यक्ति तनावग्रस्त होता है तो वह अपने तनाव को दूर करने के लिए विभिन्न प्रकार के उपाय करता है। कुछ उपाय ऐसे हैं जो प्राचीन काल से ही प्रयोग में लाए जाते रहे हैं, जैसे – खेलना, सोना, दोस्तों के बीच में गप्प लड़ाना, संगीत सुनना, शिकार खेलना आदि।

और यदि आधुनिक युग की बात करें तो तनाव दूर करने के लिए कुछ और भी साधन सामने आए हैं, जैसे – टेलीविजन, इंटरनेट, विडिओ गेम, सोशल मीडिया, अखबार आदि।

तनाव दूर करने के लिए इन सबके अलावा एक सशक्त उपाय और है, जो प्राचीन काल में तो प्रचलित था ही, आजकल के आधुनिक दौर में भी विशेष प्रचलित और लोकप्रिय है। वह है – हास्य साहित्य।

दरअसल ‘हास्य’ साहित्य के नौ रसों में से एक रस है। हास्य रस निरन्तर प्रचलित और लोकप्रिय होता जा रहा है। इसका एक मुख्य कारण यह भी है कि समाज में चर्चित और ज्वलंत समस्याओं और घटनाओं पर व्यंग्य करके अच्छा साहित्य लिखा जा रहा है। सिर्फ इतना ही नहीं, व्यंग्य साहित्य की सर्वश्रेष्ठ विधाओं में गिना जाता है। और व्यंग्य से हास्य उत्पन्न होता है अर्थात हास्य रस। इसलिए अच्छे और अनुभवी साहित्यकार भी हास्य व्यंग्य को बढ़ावा देते हैं।

हास्य साहित्य और भी विभिन्न रूपों में उपलब्ध है, जैसे – हास्य कहानी, हास्य कविता, हास्य शायरी, हास्य फिल्म आदि। इनके अलावा चुटकुले भी खूब चर्चित हैं। आजकल चुटकुले विशेष चर्चित हैं। इसके कुछ मुख्य कारण निम्न हैं –

  1. इनकी शब्द सीमा कम होती है, इसलिए इन्हें याद रखने में आसानी होती है।
  2. ये ज्वलन्त और सामयिक मुद्दों पर आधारित होते हैं और अन्य प्रसंगों पर भी।
  3. ये विभिन्न रूपों में पेश किए जा सकते हैं। जैसे – मंच पर बोलकर, पुस्तकों – अख़बारों में प्रकाशित करके आदि।
  4. ये फिल्म, उपन्यास, नाटक आदि में बीच – बीच में इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

हास्य कहानी, हास्य कविता, हास्य शायरी भी पाठकों द्वारा खूब पढ़ी और पसंद की जाती हैं। पौराणिक कहानियों, राजा – रानी की कहानियों की तुलना में आजकल हास्य कहानियाँ ज्यादा पढ़ी जाती हैं। ठीक इसी प्रकार हास्य कविताएँ भी मंचों अत्यधिक मात्रा में पढ़ी जाती हैं।

अतः कहा जा सकता है कि हर प्रकार का हास्य साहित्य उपयोगी होता है। इसकी माँग आधुनिक दौर में लगातार बढ़ती जा रही है। इसके कुछ कारण निम्न हैं –

  1.  हँसना स्वास्थ्य के लिए विशेष लाभदायक होता है।
  2.  हँसने – हँसाने से माहौल या वातावरण खुशनुमा होता है जिससे सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
  3.  कैरियर में आगे बढ़ने के लिए हँसने – हँसाने से सम्बन्धित आजकल कलाकारों के के पास भी बहुत सारे अवसर हैं। जैसे – फिल्मों में हास्य पात्र, कवि सम्मेलनों में हास्य कवि, अख़बारों के लिए हास्य व्यंग्यकार आदि।

विभिन्न रूपों में हमें हास्य साहित्य का भरपूर आनंद उठाना चाहिए। क्योंकि हँसने का गुण ईश्वर ने सिर्फ मनुष्य को ही दिया है। हँसी ईश्वर द्वारा दिया गया मनुष्य के लिए ऐसा उपहार है, जिसकी अनुभूति होते ही वह संसार के दुःख – दर्दों, चिंताओं आदि को भूल जाता है। अतः खुश रहने के लिए हँसी का विशेष स्थान है। और हँसने – हँसाने का मुख्य साधन है – हास्य साहित्य।


ये हास्य साहित्य पर निबन्ध हमें भेजा है नेमचंद शर्मा जी ने गुरुग्राम से। जो H For हिंदी नामक ब्लॉग के संस्थापक हैं।

पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग पर तनाव को दूर करती यह हास्य रचनाएं :-

धन्यवाद

आपके लिए खास:

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.