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भारतीय मुद्रा का इतिहास – भारतीय रुपया के बारे में रोचक तथ्य व कहानी

by Sandeep Kumar Singh
3 minutes read

भारतीय रुपया भारतीय गणतंत्र की अधिकारिक मुद्रा है। रुपया 100 पैसों से मिलकर बनता है। भारतीय रुपया को भारतीय रिज़र्व बैंक ही जारी करता है। भारतीय रिज़र्व बैंक रुपये की देख-रेख भारतीय रिज़र्व बैंक के एक्ट 1934 के अनुसार करती है। लेकिन क्या आप भारतीय रुपया का इतिहास जानते हैं? रुपया शब्द का उद्गम चाँदी के सिक्के से हुआ है। इसे सब से पहले सुल्तान शेर शाह सूरी ने 16वीं सदी में जारी किया था जो कि मुग़ल शासन तक चला। आइये जानते हैं भारतीय मुद्रा का इतिहास – भारतीय रुपया के बारे में रोचक तथ्य व कहानी

भारतीय मुद्रा का इतिहास – रोचक तथ्य व कहानी

भारतीय मुद्रा का इतिहास


1. रुपया शब्द का उद्गम संस्कृत के शब्द रुप् या रुप्याह् में निहित है, जिसका अर्थ चाँदी होता है और रूप्यकम् का अर्थ चाँदी का सिक्का है।


2. आज सिक्के के रूप में चलने वाला भारतीय रुपया शेर शाह सूरी (1540-1545) द्वारा जारी किये गए रुपये का सीधा वंशज है, जिसे मुग़ल शासकों ने आगे चलाया था।


3. पहले चांदी के सिक्के का वजन 178ग्रेन (11.53 ग्राम) था।


4. लगभग 6वीं सदी ई.पू. प्राचीन भारत विश्व में सिक्के जारी करने वाला अग्रणी देश था।


5. शेर शाह सूरी द्वारा सिक्कों को जरी करने का प्रचलन अंग्रेजों के शासन तक रहा।


6. सबसे से पहले कागज के रुपये भारतीय निजी बैंकों :- बैंक ऑफ़ हिंदुस्तान (1770-1832), जनरल बैंक ऑफ़ बंगाल एंड बिहार (1773-75) और बंगाल बैंक (1784-91) द्वारा बनाये गए थे।


7. सन 1861 में भारतीय सरकार ने पहली कागज की मुद्रा जारी की।



8. सन 2010 में डॉ. उदय कुमार द्वारा बनाये गए ‘E’ के चिह्न को रुपये के नए चिह्न के रूप में अधिकारिक तौर पर अपनाया गया।


9. 1938 में रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने 5,000रुपये और 10,000रुपये के नोट छापे गए थे। 1946 में ये नोट बंद कर दिए गए। इसके बाद 1954 में इन नोटों को एक बार फिर से जारी किया गया और ये 1978 तक चलन में रहे।


10. आज़ादी के बाद भी पाकिस्तान भारतीय मुद्रा पर अपनी मुहर लगा कर प्रयोग करता था। उन्होंने ऐसा तब तक किया जब तक उनके पास स्वयं कि मुद्रा पर्याप्त मात्र में उपलब्ध नहीं हुयी।


11. हिंदी और अंग्रेजी के इलावा हर नोट के ऊपर 15 भाषाएँ लिखी होती हैं।


12. भारतीय मुद्रा के नोटों पर गाँधी जी की तस्वीर हाथों से बनायीं हुयी नहीं है। ये 1947 में गाँधी जी की ली गयी तस्वीर का एक हिस्सा है। वास्तविक तस्वीर में गाँधी जी पास ही खड़े एक व्यक्ति की तरफ देख कर हंस रहे हैं।


13. 2007 में कलकत्ता में 5 रुपये के सिक्के कि कमी हो गयी थी। ऐसा इसलिए हुआ था क्योंकि इन सिक्कों कि बांग्लादेश में ब्लेड बनाने के लिए तस्करी की जा रही थी। कमी हो जाने के कारन दुकानदार भिखारियों से ये सिक्के महंगे दाम पर खरीदा करते थे।


14. स्वतंत्र भारत में सबसे पहले छपने वाला नोट एक रुपये का था।


15. वर्तमान समय में कपास और कपास के टुकड़ों का प्रयोग कागज की मुद्रा बनाने में होता है।



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धन्यवाद

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6 comments

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Arman अक्टूबर 16, 2018 - 7:55 अपराह्न

Nice knowledge

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 16, 2018 - 8:22 अपराह्न

Thanks Arman

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kadamtaal दिसम्बर 17, 2016 - 5:15 अपराह्न

बेहतरीन जानकारी है। धन्यवाद।

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Mr. Genius
Mr. Genius दिसम्बर 17, 2016 - 6:10 अपराह्न

जी जरूर kadamtaal जी। धन्यवाद।

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HindIndia नवम्बर 21, 2016 - 7:55 अपराह्न

बहुत ही सुन्दर प्रस्तुति ….. very nice … Thanks for sharing this!! :) :)

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Mr. Genius
Mr. Genius नवम्बर 21, 2016 - 9:25 अपराह्न

धन्यवाद HindIndia. आपका बहुत बहुत आभार।

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