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इस दुनिया में शायद ही ऐसा कोई इंसान हो, जो इस बात से खुश ना हो की कोई उसकी तारीफ करे। ये मानव का जन्मजात स्वभाव है। लेकिन तब क्या होता है, जब कोई आपके सामने ही आपके बारे में कुछ गलत बोले। तो आपको शायद ये बर्दाश्त न हो। परन्तु यदि हमारे अंदर सच में ही कोई कमी है तो उसे पहचान कर दूर कर लेना चाहिए। और यदि किसी द्वारा कही गयी बात बेवकूफी वाली हो, तो हमें उसके बारे में विचार नहीं करना चाहिए। इसी प्रकार की शिक्षा देती चाणक्य और चन्द्रगुप्त की एक कहानी गुण का महत्व पढ़ते है।
रूप बड़ा या गुण – गुण का महत्व
एक बार दरबार में बैठे हुए सम्राट चंद्रगुप्त ने चाणक्य से कहा, “गुरुदेव, काश आप खूबसूरत होते?”
चन्द्रगुप्त के ऐसा बोलने पर सारे दरबारी उनकी तरफ देखने लगे। परंतु चाणक्य ने शांत स्वभाव से कहा, ‘राजन, इंसान की पहचान उसके गुणों से होती है, रूप से नहीं।’
तब चंद्रगुप्त ने चाणक्य के जवाब से संतुष्ट न होते हुए पूछा, ‘क्या कोई ऐसा उदाहरण दे सकते हो जहां गुण के सामने रूप छोटा रह गया हो?’
तब चाणक्य ने दो गिलास पानी मंगाया। और राजा को पानी पीने को दिया। जब चन्द्रगुप्त ने पानी पी लिया फिर चाणक्य ने कहा,
‘पहले गिलास का पानी सोने के घड़े से लाया गया था। और दूसरे गिलास का पानी मिट्टी के घड़े से लाया गया था। आपको कौन सा पानी अच्छा लगा।’
चंद्रगुप्त उत्तर देते हुए बोले, ‘मटकी से भरे गिलास का पानी अच्छा था।’ नजदीक ही सम्राट चंद्रगुप्त की पत्नी मौजूद थीं, वह चाणक्य द्वारा दिए गए इस उदाहरण से काफी प्रभावित हुई। उन्होंने कहा, ‘वो सोने का घड़ा किस काम का जो एक इंसान की प्यास न बुझा सके। मटकी भले ही कितनी भी कुरूप हो, लेकिन प्यास मटकी के पानी से ही सही ढंग से बुझती है, यानी रूप से कहीं अधिक महान गुण का महत्व होता है।’
चन्द्रगुप्त ये सब देखकर बहुत प्रसन्न हुए। ऐसे गुरु के कारण ही वो मगध राज्य पर अपना वर्चस्व स्थापित करने में कामयाब हुए थे। ऐसे गुरु जी संगत मिल जाने से जीवन का उद्धार हो ही जाता है।
दोस्तों इसी तरह इंसान अपने रूप के कारण नहीं बल्कि अपने गुणों के कारण पूजा जाता है। रूप तो कुछ दिनों बाद ढल जाता है लेकिन इंसान का गुण उम्र के साथ साथ और निखर जाता है। गुण को दूसरे को भी दिया जा सकता है लेकिन रूप किसी को नहीं दिया जा सकता। इसलिए हमें अपने गुणों को बढ़ाना चाहिये और दूसरों के गुणों को ग्रहण करना चाहिए।
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आपको ये कहानी गुण का महत्व कैसी लगी कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं। हमारा निरंतर यही प्रयास है कि आप सब को सकारात्मकता की ओर बढ़ाएं जिस से आप एक खुशहाल जीवन की प्राप्ति कर सकें।
धन्यवाद।
8 comments
very good story from <a href="https://apratimblog.com" class="url" rel="ugc">Mr. Genius</a>
Bahut badhiya ..aapko dhaniyavad..please aap aur baate aise sunate Rahe.. padhkar man khush ho gaya. Please continue your good work.
I LIKED THIS STORY VERY MUCH.THIS INSPIRATIONAL STORY EMPASIZE ON BEAUTY OF MIND RATHER THAN BODY.
Thanks Ritik Bhardwaj…
kya baat hai bhai di l garden garden ho gaya aise hi motivational stories dete rahiyega, thanks a lot
Pawan ji appreciate karne ke liye bahut sara abhaar, aap isi tarah apne vichar dete rahiye aur hume likhne ke liye prerit karte rahiye.
Dhanyawad
Liked chanakya story
Thanks Sanjay jha.
Chankya was the man who taught how to fight alone in adverse situation.