Home » हिंदी कविता संग्रह » प्रेरणादायक कविताएँ » सुबह की प्रेरणादायक कविता :- हर सुबह नयी शुरुआत है | Morning Poem In Hindi

सुबह की प्रेरणादायक कविता :- हर सुबह नयी शुरुआत है | Morning Poem In Hindi

by Sandeep Kumar Singh
2 minutes read

हर सुबह कुछ कहती है। लेकिन हम कभी सोचने की कोशिश ही नहीं करते कि आखिर ये सुबह कहना क्या चाहती है? एक अँधेरी रात हर इंसान के जीवन में आती है इसी तरह परेशानियां भी सबके जीवन में आती हैं। लेकिन जिस तरह अँधेरी रात के बाद एक चमकदार सुबह आती है उसी तरह इन परेशानियों का हल करने के बाद खुशियाँ भी आती हैं। अगर किसी चीज की जरूरत होती है तो हर सुबह को जीवन की एक नई शुरुआत मान ने की और हर रोज एक नई उर्जा के साथ अपने नए दिन की शुरुआत करने की। आइये पढ़ते हैं ऐसी ही सुबह की प्रेरणादायक कविता :-  हर सुबह नयी शुरुआत है।

सुबह की प्रेरणादायक कविता

सुबह की प्रेरणादायक कविता

मत डर जो अँधेरी रात है
होने वाली अब प्रभात है,
ये अंत नहीं है जीवन का
हर सुबह नयी शुरुआत है।

है अन्धकार अब लुप्त हुआ
हर ओर प्रकाश अब होना है
उठ कर बढ़ना है आगे हमें,
न देर तलक अब सोना है,
तेज चमकना है हमको
सूरज की किरन है बता रही
पंछी की देखो मधुर ध्वनी
जग में है सबको जगा रही,
नयी सुबह है नया है मौका
आगे बढ़ने के जज़्बात हैं
ये अंत नहीं है जीवन का
हर सुबह नयी शुरुआत है।

कभी बादल होंगे धूप कभी
कभी शीत लहर कभी ताप
हिम्मत रखना तू संग सदा
करना न कभी संताप,
आगे बढ़ने को जीवन में
तू करता रह प्रयास
मेहनत तेरी रंग लाएगी
होगी पूरी हर आस,
कर खुद को तू मजबूत
कि सहने पड़ते बहुत अघात हैं
ये अंत नहीं है जीवन का
हर सुबह नयी शुरुआत है।

मंजिल मिलनी तो निश्चित है,
बस शर्त ये है तू बढ़ता जा,
मत रुकना कभी भी राहों में
सफलता की सीढ़ी चढ़ता जा,
व्यर्थ न होते प्रयत्न कभी ,
इस बात से न अनजान तू बन,
रच दे तू इक इतिहास नया,
इस विश्व में इक पहचान तू बन,
कष्ट के बाद ही सुख है मिलता,
जीवन का यही सिद्धांत है,
ये अंत नहीं है जीवन का
हर सुबह नयी शुरुआत है।

पढ़िए :- वसंत की सुबह की खूबसूरती बयां करती कविता

आपको यह ” सुबह की प्रेरणादायक कविता ” ‘ कैसी लगी हमें अपनी प्रतिक्रियाएं देना ना भूलें। आपके विचार हमारे लिए अनमोल हैं।

पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग की और भी प्रेरणादायक रचनाएं :-

धन्यवाद

आपके लिए खास:

15 comments

Avatar
Dr sudha नवम्बर 1, 2020 - 7:21 पूर्वाह्न

बहुत खूब,, नई सुबह शुरुआत है।।
????????????

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 31, 2021 - 9:23 अपराह्न

धन्यवाद डॉक्टर सुधा जी….

Reply
Avatar
Thakkar Dhrudip Yogeshbhai जनवरी 24, 2020 - 5:59 पूर्वाह्न

बहुत ही अच्छा लगा किन नकलची बंदर शब्द का प्रयोग करना चाहिए या नहीं इस पर इस ब्लॉग पर बहस हो रही है। इसी से पता चलता है कि कितने सकारात्मक लोग आपका ब्लॉग पढ़ते हैं। एक छोटा सा सुझाव है अगर आप अपनी हर कविता के नीचे अपना नाम लिख देते तो यह समझने में आसानी रहती की यह कविता किसने लिखी हुई है। धन्यवाद

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 24, 2020 - 4:09 अपराह्न

श्रीमान जो यहां पढ़ेगा उसको ही पता चलेगा। दूसरे पटलों पर अपना नाम कैसे बताएंगे ? और हमें हर बार कैसे पता चलेगा कि रचना किसने चोरी की है? रही सकारत्मकता की बात तो यह एक ऐसा पटल है जहां लोग खुद आते हैं अब वो क्या सोच रखते हैं ये तो उन्हीं को पता होगा।

दुनिया है तो अच्छे और बुरे इंसान दोनों हैं। शायद ही कोई बुरे को अच्छा कहेगा।

Reply
Avatar
pooja मई 17, 2019 - 2:00 पूर्वाह्न

sir 'मत डर जो अंधेरी रात है' poetry ka poet koun hai?

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मई 17, 2019 - 8:48 पूर्वाह्न

पूजा जी ये कविता मैंने ही लिखी है।

Reply
Avatar
Kavisindhu shubham pandey फ़रवरी 6, 2019 - 2:45 पूर्वाह्न

Bahut hi acha h
Mai bhi likhta hu
Plz visit on my website
Kavisindhu.online

Reply
Avatar
संगीता फ़रवरी 3, 2019 - 12:09 अपराह्न

“नकलची बन्दरों ने….”
एक शिक्षक होकर ऐसी भाषा का प्रयोग….

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh फ़रवरी 3, 2019 - 6:28 अपराह्न

माफ़ कीजियेगा संगीता जी ऐसी भाषा का प्रयोग मजबूरन करना पड़ा मुझे। लेकिन ये आप ही बताएं जब आप मेहनत करें और कोई और उस मेहनत का फल चुराए तो उसके लिए कैसी भाषा का प्रयोग करना चाहिए?

Reply
Avatar
VIVEK YADUVANSHI जनवरी 28, 2018 - 7:36 पूर्वाह्न

अच्छी कविता है लेकिन शब्दों का मेल थोडा कुछ अलग ढंग से है-!
धन्यवाद

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 29, 2018 - 1:02 अपराह्न

अच्छा या बुरा है अगर बता देते तो शायद मैं गलती सुधार लेता।

Reply
Avatar
Kamlesh K. जनवरी 8, 2018 - 7:19 पूर्वाह्न

बहुत ही सुन्दर

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 8, 2018 - 6:55 अपराह्न

धन्यवाद कमलेश जी।

Reply
Avatar
Kuldeep jangid जून 27, 2017 - 10:31 पूर्वाह्न

Poem is not a complete Meaning.

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जून 27, 2017 - 5:41 अपराह्न

जरूरी तो नहीं एक बात सब के लिए मायने रखती हो। किसी के लिए वो खास और किसी के लिए आम हो सकती है। इसलिए अपने विचार देने के लिए धन्यवाद।

Reply

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.