Home » हिंदी कविता संग्रह » सर्दी पर हास्य कविताएँ :- ठंड पर हिन्दी हास्य व्यंग्य कविताएँ

सर्दी पर हास्य कविताएँ :- ठंड पर हिन्दी हास्य व्यंग्य कविताएँ

by Sandeep Kumar Singh
3 minutes read

सर्दी का मौसम जब भी आता है कई लोगों को ये मुसीबत सा लगने लगता है। वहीं कई लोगों को ये बहुत ही आनंद देने वाली ऋतु प्रतीत होती है। ये तो सबका अपना-अपना नजरिया है। हमारा काम तो आपके नजरिये को ही दर्शाना है। लेकिन यहाँ तो दो नजरिये हैं। कोई बात नहीं तो हम लाये हैं दोनों नजरियों को दिखाती सर्दी पर हास्य कविताएँ ।

सर्दी पर हास्य कविताएँ

सर्दी पर हास्य कविताएँ

 काहे तू ठंड-ठंड ठंड करे

काहे तू ठंड-ठंड ठंड करे
ठंड तो अपनी जान बचाय
औरन का तो पता नहीं
पर अपने काम बहुत ये आय,

पता जरा न किसी को चलता
एक महीना जो न नहाय
झंझट न होय पसीने की
न सूरज ही है मुंह झुलसाय,

खर्चा पाउडर, डीओ का सब
रोज ही देखो बचता जाय
ढंका रहे जो तन ये अपना
मच्छर भी काटन को ना पाय,

परेशानी कोई भी न होवे
जो सोते-सोते लाइट जाए
घुसे-घुसे रजाई में ही
पता न चले सुबह हो जाय,

काहे तू ठंड-ठंड ठंड करे
ठंड तो अपनी जान बचाय
औरन का तो पता नहीं
पर अपने काम बहुत ये आय।

पढ़िए :- सही वक़्त में होने वाली गलत बातें


पसंद कहाँ है हमको ये सर्दी

पसंद कहाँ है हमको ये सर्दी
फिर भी चिपकती जाती है
कपड़े खूब पहनते फिर भी
अन्दर घुसती जाती है।

इस तरह के मौसम में
यूँ तो हम हफ्ते भर नहीं नहाते
मगर जब भी नहाते हैं
ये सर्दी बदन में बसती जाती है,
पसंद कहाँ है हमको ये सर्दी
फिर भी चिपकती जाती है।

फिर होता है हमको जुकाम
रुक जाते अपने सब काम
कभी-कभी तो बैठने के गले से
आवाज भी बैठ सी जाती है,
पसंद कहाँ है हमको ये सर्दी
फिर भी चिपकती जाती है।

दया जरा न दिखाती है
हमको जरा न भाती है
हमको बना के शिकार ये अपना
मंद-मंद मुस्काती है,
पसंद कहाँ है हमको ये सर्दी
फिर भी चिपकती जाती है।

पसंद कहाँ है हमको ये सर्दी
फिर भी चिपकती जाती है,
कपड़े खूब पहनते फिर भी
अन्दर घुसती जाती है।

पढ़िए :- सर्दी से बचने के हास्य भरे तरीके

‘ सर्दी पर हास्य कविताएँ ‘ में इन दोनों कविताओं के बारे में अपने विचार हम तक कमेंट बॉक्स द्वारा हम तक पहुंचाएं।

पढ़िए मौसम पर ये सुन्दर रचनाएं :-

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

3 comments

Avatar
Vansh जनवरी 1, 2019 - 1:46 अपराह्न

To good

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 3, 2019 - 9:57 अपराह्न

Thanks vansh….

Reply
Avatar
Mohit फ़रवरी 21, 2018 - 12:11 अपराह्न

आपके साथ हमें भी इस बात की ख़ुशी है, कि हम इतनी शानदार साईट के नियमित पाठक और प्रशंशक हैं! ऐसे ही लिखते रहें हमारी शुभकामनाए आपके साथ है|

बहुत बहुत आभार एवं धन्यवाद !

Reply

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.