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मदर टेरेसा के अनमोल वचन :- जीवन में शांति की प्रेरणा देते अप्रतिम विचार

by Sandeep Kumar Singh
4 minutes read

मदर टेरेसा का जन्म 26 अगस्त, 1910 को स्कॉप्जे (अब मेसीडोनिया में) में पिता निकोला बोयाजू और माता द्राना बोयाजू के घर में हुआ। इनके पिता एक साधारण व्यवसायी थे। मदर टेरेसा का वास्तविक नाम ‘अगनेस गोंझा बोयाजिजू’ था। अलबेनियन भाषा में गोंझा का अर्थ फूल की कली होता है। रोमन कैथोलिक चर्च द्वारा इन्हें कलकत्ता की संत टेरेसा के नाम से नवाज़ा गया है। ये भारत की तीसरी नागरिक है जिन्हें नोबेल पुरूस्कार से नवाजा गया है। 45 साल निरंतर इन्होने अपना जीवन गरीबों और असहायों के सेवा में व्यतीत किये। जिसके लिए मदर टेरेसा को कई पुरुस्कारों से भी पुरिस्कृत किया गया है। तो आइये पढ़ते हैं ऐसी ही महान आत्मा मदर टेरेसा के अनमोल वचन :-

मदर टेरेसा के अनमोल वचन

मदर टेरेसा के अनमोल वचन

1. शांति एक मुस्कराहट के साथ शुरू होती है।

2. अकेलापन और अवांछित होने की भावना सबसे भयानक गरीबी है।

3. हम कभी भी यह नहीं जानते कि एक साधारण मुस्कुराहट क्या कर सकती है।

4. हम हमेशा मुस्कान के साथ एक दूसरे से मिलें, क्योंकि मुस्कुराहट प्यार की शुरुआत है।

5. छोटी चीज़ों के प्रति वफादार रहें क्योंकि इन्हीं में आपकी ताकत है।

6. अगर आप सौ लोगों को नहीं खिला सकते तो मात्र एक ही व्यक्ति को खिलाइए।

7. प्यार हर ऋतु में मिलने वाला फल है, जो सबकी पहुँच में होता है।

8. आनन्द प्रार्थना है; आनन्द शक्ति है: आनंद प्रेम है; आनन्द प्यार का वो जाल है जिससे आप किसी भी आत्मा को पकड़ सकते हैं।

9. शान्ति स्थापित करने के लिए हमें बंदूकों और बारूदों की जरूरत नही हैं। जरूरत है तो प्यार और दया की।

10. प्यार शुरू होता है निकटतम लोगों की देखभाल करके जोकि घर पर ही रहते हैं।

11. चमत्कार ये नहीं की हम कोई काम करते हैं, बल्कि यह है की हम वह काम करके खुश हैं।

12. आज की सबसे बड़ी बीमारी कुष्ठरोग या तपेदिक नहीं है, बल्कि अवांछित होने की भावना है।

13. यदि हमें कोई शांति नहीं है, तो यह इसलिए है क्योंकि हम यह भूल गए हैं कि हम एक-दूसरे से सम्बन्ध रखते हैं।

14. दया के शब्द बोलने में छोटे और आसान हो सकते हैं लेकिन उनकी गूँज अंतहीन होती है।

15. हम सब महान कार्य नहीं कर सकते लेकिन हम सब छोटे कार्य बहुत प्यार के साथ कर सकते हैं।

16. हम अक्सर अपने बारे में सोचते हैं कि जो हम कर रहे हैं वो सिर्फ सागर में बूँद भर ही है। लेकिन उस लापता बूँद के बिना सागर में कुछ कमी रह जाती है।

17. मुझे पता है कि भगवान मुझे ऐसा कुछ भी नहीं देंगे जो मैं संभाल नहीं सकती।

18. एक सब से बड़ी बीमारी है कोई न होना या कोई होना।

19. अगर आप लोगों को आंकने का काम करते हैं, तो आपके पास उन्हें प्यार करने का कोई समय नहीं है।

20. गलती माफ़ करने के लिए दिल में प्यार होना चाहिए और भूलने के लिए विनम्रता।

21. हमें भगवान खोजने की जरूरत है, और वह शोर और बेचैनी में नहीं मिल सकता है। भगवान शांति के मित्र है। देखें कि प्रकृति – वृक्ष, फूल, घास सब शांति में ही बढ़ते हैं; सितारों, चंद्रमा और सूरज को देखें, वे कैसे शांति में चलते हैं। आत्माओं को छूने में सक्षम होने के लिए हमें शांति की आवश्यकता है।

22. हमें कभी-कभी लगता है कि गरीबी केवल भूखे, नग्न और बेघर होना ही है लेकिन अवांछित, अप्रिय और बेपरवाही सबसे बड़ी गरीबी है। इस तरह की गरीबी का समाधान करने के लिए हमें अपने घरों से ही शुरूआत करनी चाहिए।

23. शांति का सबसे महान विनाश गर्भपात है, क्योंकि अगर एक माँ अपने बच्चे को मार सकती है, तो मुझे आपको मारने के लिए और आपको मुझे मारने के लिए क्या बचा? बीच में कुछ भी नहीं है।

24. वो शब्द जो भगवान् का प्रकाश प्रदान नहीं करते अँधेरा स्थापित करते हैं।

25. खूबसूरत लोग हमेशा अच्छे नही होते परन्तु अछे लोग हमेशा खूबसूरत होते हैं।

आशा करते हैं मदर टेरेसा के अनमोल वचन आपको अवश्य जीवन में एक नयी सोच की ओर बढ़ायेंगे। इस बारे में अपने विचार हम तक अवश्य पहुंचाएं।

पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग के कुछ अप्रतिम सुविचार संग्रह :-

धन्यवाद।

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