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सौरमंडल के ग्रहों के नाम और जानकारी | Saur Mandal Ke Grah Ke Naam

by Sandeep Kumar Singh
7 minutes read

हमारे सौर मंडल के बारे में पूर्ण जानकरी न होने के कारण पहले ऐसा माना जाता था कि धरती सौर मंडल का केंद्र है और सूर्य इसकी परिक्रमा करता है। लेकिन भारतीय गणितज्ञ और खगोलशास्त्री आर्यभट्ट ने सबसे पहले इस बात की जानकारी दी कि सूर्य सौर मंडल का केंद्र है और धरती सहित बाकी ग्रह इसकी परिक्रमा करते हैं। सौर मंडल सूर्य का परिवार है। जिसमें सूर्य इस परिवार का मुखी है और बाकी सब इसके सदस्य हैं। आइये पढ़ते हैं ( Saur Mandal Ke Grah Ke Naam ) सौरमंडल के ग्रहों के नाम और जानकारी :-

Saur Mandal Ke Grah Ke Naam
सौरमंडल के ग्रहों के नाम और जानकारी

सौरमंडल के ग्रहों के नाम और जानकारी

सौर मंडल की उत्पत्ति 5 बिलियन साल पहले हुयी था जब एक नए तारे का जन्म हुआ था जिसे हम सूर्य के नाम से जानते हैं। 100% सौर मंडल में सूर्य का द्रव्यमान 99.86% है। सौर मंडल के सदस्यों में स्वयं सूर्य सहित सभी ग्रह, क्षुद्रग्रह, चन्द्रमा, उल्कापिंड, धूमकेतु और अन्तराग्रहिक धूल है। ये सब मिलकर ही सौर मंडल का निर्माण करते हैं। सभी ग्रह एक निश्चित परिक्रमापथ ( Orbit ) पर परिक्रमा करते हैं। ऐसा सूर्य की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के कारण होता है।

और क्या-क्या है हमारे सौर मंडल में आइये जानते हैं :-

सूर्य ( Sun )

सूर्य हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा सदस्य है। सूर्य का जन्म 4.6 बिलियन साल पहले हुआ। यह ज्यादातर हाइड्रोजन और हीलियम गैस से बना हुआ है। यह सब ग्रहों को प्रकाश की किरणों को सूर्य के केंद्र से निकलने में कई मिलियन साल लग जाते हैं। जिस प्रकार पृथ्वी और अन्य ग्रह सूरज की परिक्रमा करते हैं उसी प्रकार सूरज भी आकाश गंगा के केन्द्र की परिक्रमा करता है। और यह चक्कर सूर्य 225-250 मिलियन वर्ष में पूरा करता है।

सौर मंडल में कितने ग्रह होते है?

हमारे सौर मंडल में आने वाले ग्रहों की संख्या ८ है। ग्रहों को दो भागों में बांटा गया है :- आंतरिक ग्रह (Internal Planets ) और बाहरी ग्रह (External Planets )। इन ग्रहों को दो भागों में बाँटने का कारण है क्षुद्रग्रह घेरा ( Asteroid Belt )। यह घेरा मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच में है। इनकी संख्या हजारों-लाखों में हैं। आइये जानते हैं सौरमंडल के नौ ग्रह के बारे में जानकारी और उनके नाम ( Planets Name In Hindi ) :-

आंतरिक ग्रह ( Internal Planets )

बुध ( Mercury In Hindi )

यह सौर मंडल का सबसे छोटा ग्रह और सूर्य के सबसे निकट का ग्रह है। यह सबसे तेज घूमता है और इसी कारण यह सूर्य का एक चक्कर 88 दिन में पूरा करता है। दोपहर के समय इस ग्रह का तापमान 400 डिग्री सेल्सिअस रहता है और रात के समय यह तापमान -170 डिग्री सेल्सिअस तक चला जाता है। ऐसा होने का कारण यहाँ यह है कि बुध ग्रह पर कोई वातावरण नहीं है जो ताप को ग्रह पर रोक सके। जैसा की धरती पर होता है।

शुक्र ( Venus In Hindi )

शुक्र सौर मंडल का सबसे गरम ग्रह है। यहाँ का तापमान 475 डिग्री सेल्सिअस रहता है। यह तापमान दिन और रात दोनों में एक जैसा रहता है। इसका कारण है कि यहाँ के वातावरण में 96 प्रतिशत कार्बन डाइऑक्साइड है। जोकि ताप को कैद कर लेती है, जैसा कि धरती पर ग्रीन हाउस का प्रभाव है। शुक्र का आकार और बनावट लगभग पृथ्वी के बराबर है। इसलिए शुक्र को पृथ्वी की बहन कहा जाता है। यह रात के आसमान में सबसे चमकदार ग्रह है और धरती से आसानी से पहचाना जा सकता है। सौर मंडल में यह एकमात्र ग्रह है जो पूरब से पश्चिम की ओर घूमता है।

पृथ्वी ( Earth In Hindi )

पृथ्वी सौरमंडल का एकमात्र ऐसा ग्रह है जहाँ जीवन का अस्तित्व है। अगर आप पृथ्वी की तस्वीर देखें तो आप पाएँगे कि इसमें तीन रंग नजर आएँगे :- नीला, सफ़ेद और हरा। ये नीला रंग महासागरों और सागरों का है। सफ़ेद रंग बादलों का और हरा रंग वनस्पति का है। धरती एक ऐसे वातावरण से घिरी हुयी है जिसमें नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और जल वाष्प शामिल है। इसमें एक ओजोन परत भी है जो सूर्य से आने वाली हानिकारक किरणों को अपने अन्दर सोख लेती हैं। धरती पर जीवन का मुख्य कारण इस पर मौजूद पानी है।



मंगल ( Mars In Hindi )

मंगल ग्रह को “लाल ग्रह” ( Red Planet ) के नाम से भी जाना जाता है। इसका कारण है इसका रंग लाल होना। यह धरती से मिलता जुलता ग्रह है। जैसे कि मंगल ग्रह पर भी धरती की तरह ही बादलों वाला वातावरण है। इसका वातावरण विरल है। हमारे सौरमंडल का सबसे अधिक ऊँचा पर्वत, ओलम्पस मोन्स ( Olympus Mons ) मंगल पर ही स्थित है। सौर मंडल के सभी ग्रहों में हमारी पृथ्वी के अलावा, मंगल ग्रह पर जीवन और पानी होने की संभावना सबसे अधिक है। मंगल के दो चन्द्रमा, फो़बोस और डिमोज़ ( Phobos and Deimos ) हैं। इस ग्रह को पृथ्वी से नंगी आँखों से देखा जा सकता है।

बाहरी ग्रह ( External Planets )

बृहस्पति ( Jupiter In Hindi )

यह सौर मंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। शुक्र ग्रह के बाद कई बार यह ग्रह सबसे ज्यादा चमकता है। जिसका कारण है इसका विशाल आकार। इसका व्यास धरती से 11 गुना ज्यादा है। यह ग्रह सूर्य की भांति ही हाइड्रोजन और हीलियम से बना है। इसलिए इसे गैस दानव भी कहा जाता है। इसके तेज गति से घूमने के कारण यहाँ अक्सर तूफान आते रहते हैं। बृहस्पति के कम से कम 64 चन्द्रमा है। इसमें गैनिमीड ( Ganymede ) सबसे बड़ा चन्द्रमा है जिसका व्यास बुध ग्रह से भी ज्यादा है।

शनि ( Saturn In Hindi )

शनि सौर मंडल का दूसरा सबसे बड़ा ग्रह है और यह इसके छल्ले ( Ring ) के लिए जाना जाता है। अध्ययन बताते हैं कि शनि ग्रह के कई पतले छल्ले हैं जो बर्फ के कणों से बने हुए हैं। शनि के कुल 62 चंद्रमा हैं। इनमें सबसे बड़ा चंद्रमा टाइटन है जो बृहस्पति के गैनिमीड ( Ganymede ) के बाद दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह है।

अरुण ( Uranus In Hindi )

अरुण हमारे सौर मंडल का तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है। इसका आकार धरती से चार गुना बड़ा है। यह बृहस्पति और शनि ग्रह जैसा ही है परन्तु इसका तापमान बहुत ठंडा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसकी सूर्य से बहुत ज्यादा दूरी है। इसके भी इर्द गिर्द छल्ले हैं जिनका रंग काला है।

वरुण ( Neptune In Hindi )

वरुण को नीला दैत्य ( Blue Giant ) भी कहा जाता है। यह धरती से बहुत दूर है इसलिए इसे बहुत ज्यादा ताकत वाले टेलेस्कोप से भी बहुत मुश्किल से देखा जा सकता है। इस ग्रह के 11 चंद्रमा हैं। अरुण ग्रह की तरह इसके भी पतले छल्ले हैं। यह सौर मंडल का चौथा सबसे बड़ा ग्रह है। यह सूर्य से पृथ्वी के मुकाबले तीस गुना अधिक है।

क्षुद्रग्रह ( Asteroid )

क्षुद्रग्रह घेरा ( Asteroid Belt ) कई छोटे चट्टानों से मिल कर बना है जोकि मंगल और बृहस्पति ग्रह के बीच में है। ये सब भी सूर्य की परिक्रमा करते हैं। सीरीस ( Ceres ) क्षुद्रग्रह सबसे बड़ा क्षुद्रग्रह है।

उल्का और उल्कापिंड ( Meteors and Meteorites )

उल्का चट्टानों या धातु के छोटे टुकड़े होते हैं। जब क्षुद्रग्रह टूटते हैं तो उल्का बन जाते हैं। यह उल्का जब रफ़्तार से यात्रा करते हैं तो इनमें हवा के घर्षण से आग लग आती है और तब ये उल्का से उल्कापिंड बन जाते हैं। कई लोग इस गिरते हुए जलते उल्कापिंड को टूटता हुआ तारा कहते हैं। बड़े उल्कापिंड बहुत नुक्सान पहुंचा सकते हैं।

धूमकेतु ( Comets )

इसे कई लोग पुच्छल तारा भी कहते हैं। इसका कारण है इसके पीछे एक छोटी चमकदार पूँछ का होना। ये धूमकेतु पत्थर, धूल, बर्फ और गैस से बने होते हैं। जो सूर्य की परिक्रमा करते हैं। परिक्रमा के दौरान गैस और धुल के कण पूँछ का आकार ले लेते हैं। सूर्य के पास आने पर उसके प्रकाश से ये भी चमक उठते हैं।

बौना ग्रह ( Dwarf Planets )

हमारे सौरमण्डल में पाँच ज्ञात बौने ग्रह है :- यम ( Pluto ), सीरीस ( Ceres ), हउमेया ( Haumea ), माकेमाके ( Makemake ), ऍरिस ( Eris )। यम को पहेल ग्रह ही माना जाता था परन्तु 2006 में इसे बौने ग्रह के रूप में स्वीकार किया गया।



दोस्तों आपको ” सौरमंडल के ग्रहों के नाम और जानकारी ” ( Saur Mandal Ke Grah Ke Naam ) पर यह लेख कैसा लगा? हमें अपने विचार एवं सुझाव अवश्य लिख कर भेजें। यदि आपके मन में किसी चीज के प्रति कोई जानकारी प्राप्त करने की लालसा है। जिससे बाकी पाठकों को भी लाभ पहुँच सके तो हमें अवश्य बतायें। हम आपको उस विषय से सम्बंधित जानकारी देने का प्रयास करेंगे।

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धन्यवाद।

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36 comments

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Rakesh verma जुलाई 26, 2021 - 6:20 अपराह्न

काफी विस्तार से जानकारी शेयर की हैं सर आपने। और आपका लिखने का स्टाइल भी काबिले तारीफ हैं। मैं पहली बार अपक्की ब्लॉग पर आया हूँ। सच में आपकी रचनाएँ बहुत अच्छी हैं।

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 12, 2021 - 2:42 अपराह्न

धन्यवाद राकेश जी।

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surendra baghel फ़रवरी 24, 2021 - 7:57 पूर्वाह्न

Thanks sir

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Sarkari मई 15, 2020 - 12:27 पूर्वाह्न

It's very useful for me

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मई 16, 2020 - 12:12 अपराह्न

Thank you Sarkari Ji…

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Neelesh pal जून 12, 2019 - 10:13 पूर्वाह्न

Thank you so much for this information
Is jaankari ke liye
Hame aapki is jaankari se kaphi help mili hai
Thank you so much

I am Neelesh pal
From kakrhta
Disht. Panna
Mp

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Sona kanha मई 3, 2019 - 10:30 अपराह्न

Thanks sir ji
Bahut aachi Jankari hai
Kabhi help mili h isse mujhe

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मई 11, 2019 - 12:22 अपराह्न

धन्यवाद सोना जी…

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Aaliya नवम्बर 19, 2018 - 6:55 अपराह्न

Thankyou very much for this information

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Vinay ray अक्टूबर 9, 2018 - 7:31 अपराह्न

Hame aapki rochak jankari achhi lagi

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 10, 2018 - 8:12 अपराह्न

धन्यवाद विनय राय जी।

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हिमांशु अंगिरा सितम्बर 25, 2018 - 9:28 पूर्वाह्न

बहुत अच्छी क्वालिटी नॉलेज। किन्तु कई जगह वर्तनी की गलतियां हैं।

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 25, 2018 - 10:34 अपराह्न

धन्यवाद हिमांशु अंगिरा जी….थोड़े बहुत शब्द गलत लिखे गए थे। सही कर दिए गए हैं। बहुत-बहुत धन्यवाद।

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Soni sharma सितम्बर 21, 2018 - 6:34 अपराह्न

Mujhe bahut acha laga
Thankyou

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 21, 2018 - 9:15 अपराह्न

धन्यवाद सोनी शर्मा जी…

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pramod अगस्त 11, 2018 - 2:48 अपराह्न

bahut badia site h ye

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 12, 2018 - 11:04 पूर्वाह्न

धन्यवाद प्रमोद जी।

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aditya जून 6, 2018 - 8:14 पूर्वाह्न

Bahut hi badhiya sir

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जून 7, 2018 - 6:41 अपराह्न

धन्यवाद आदित्य।

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Jyoti Yadav मई 24, 2018 - 9:55 अपराह्न

Thanks Sir for giving the knowledge of planet points! ????????

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Raj Faujdar मार्च 29, 2018 - 6:48 पूर्वाह्न

Very nice line of the planets points of knowledge

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मार्च 29, 2018 - 8:29 अपराह्न

Thanks Raj Faujdar,….

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Arvind Singh Thakur मार्च 8, 2018 - 12:02 अपराह्न

Nic

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मार्च 9, 2018 - 7:47 अपराह्न

धन्यवाद अरविन्द दींह ठाकुर जी….

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Pradeep मार्च 6, 2018 - 1:56 अपराह्न

Nice

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मार्च 6, 2018 - 7:58 अपराह्न

Thanks Pradeep….

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Neelesh फ़रवरी 9, 2018 - 9:31 पूर्वाह्न

Achhi jankari share ki aapne nice.

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Jayant जनवरी 18, 2018 - 1:05 अपराह्न

बेहद रोचक आलेख. हिंदी में खगोलशास्त्र, सौर मंडल इत्यादि पर स्वतंत्र लेखकों द्वारा प्रकाशित सामग्री काफी कम है. लेकिन आप और आपके जैसे लेखकों की वजह से यह कमी पूरी होती जा रही . मैंने भी इसी दिशा में एक छोटा सा कदम बढाया है और कभी समय मिले तो मेरे नवीन ब्लॉग https://vyomavalokan.blogspot.in पर आयें और मेरे प्रयास पर अपनी स्नेह्दृष्टि ज़रूर डालें . धन्यवाद .

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Moaazam Mahmood दिसम्बर 18, 2017 - 3:11 अपराह्न

Thanks bro. Remind the chapter in less then one minute

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arun दिसम्बर 12, 2017 - 2:02 अपराह्न

Good knowledge

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh दिसम्बर 12, 2017 - 3:11 अपराह्न

Thanks Arun…

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Dharmnath ke maurya नवम्बर 25, 2017 - 10:53 पूर्वाह्न

Very nice sir

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh नवम्बर 25, 2017 - 4:17 अपराह्न

धन्यवाद धर्मनाथ जी।

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Suman bhardwaj नवम्बर 1, 2017 - 12:28 अपराह्न

Bht khoob sir..
Thank you.

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Vijay अक्टूबर 14, 2017 - 1:33 पूर्वाह्न

Nice

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 14, 2017 - 9:21 पूर्वाह्न

Thanks Vijay…

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