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हमारे जीवन में हम हर चीज की एक परिभाषा पढ़ते हैं। ये परिभाषाएं तथ्य पर आधारित होती हैं। लेकिन भारत ऐसा देश है जहाँ कुछ परिभाषाएं भावनाओं से बन जाती हैं। जैसे प्यार की परिभाषा, भावनाओं की परिभाषा आदि। ऐसी ही एक परिभाषा मैंने भी “ पिता क्या है ?” के रूप में पिता पर कविता लिखने की कोशिश की है। पिता जो हमारी जिंदगी में वो महान शख्स है जो हमारे सपनों को पूरा करने के लिए अपनी सपनो की धरती बंजर ही छोड़ देता है। आइये पढ़ते हैं उसी पिता के बारे में :-
पिता पर कविता – पिता क्या है?
पिता एक उम्मीद है, एक आस है
परिवार की हिम्मत और विश्वास है,
बाहर से सख्त अंदर से नर्म है
उसके दिल में दफन कई मर्म हैं।
पिता संघर्ष की आंधियों में हौसलों की दीवार है
परेशानियों से लड़ने को दो धारी तलवार है,
बचपन में खुश करने वाला खिलौना है
नींद लगे तो पेट पर सुलाने वाला बिछौना है।
पिता जिम्मेवारियों से लदी गाड़ी का सारथी है
सबको बराबर का हक़ दिलाता यही एक महारथी है,
सपनों को पूरा करने में लगने वाली जान है
इसी से तो माँ और बच्चों की पहचान है।
पिता ज़मीर है पिता जागीर है
जिसके पास ये है वह सबसे अमीर है,
कहने को सब ऊपर वाला देता है ए संदीप
पर खुदा का ही एक रूप पिता का शरीर है।
पिता पर कविता का विडियो देखें :-
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धन्यवाद।
84 comments
एक बेटा जब बाप बनता है तब उसे पिता क्या होता है इसका अच्छे से पता लगता है
बहुत अच्छी सामयिक प्रस्तति
बहुत सुंदर परिभाषा ।
वाह 👌 बहुत सुंदर कविता,
आपकी लिखी रचना ब्लॉग पांच लिंकों का आनन्द रविवार 19 जून 2022 को साझा की गयी है….<a href=पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा….धन्यवाद!
पिता ही प्रेम का एक सटीक उद्धरण है
धन्यवाद विनोद भरद्वाज जी…
बहुत ही सुंदर 👌 🙏🙏
You have shared beautiful poetry love it, love your ideas, keep it up you have done well, thanks.
बहुत ही अच्छा और मर्म स्पर्शीय था, जो जीवन के संघर्षों के बारे में बहुत कुछ बताता है…
धन्यवाद राहुल जी।
संदीप जी ! आपने पिता के सन्दर्भ एक अच्छी रचना को जन्म दिया हैं ……आप हमारी बेवसाइट पर आकर एक बार नई रचना पिता के ऊपर पढ़कर अपने विचार हम तक पँहुचायें ।
हमारी बेवसाइट हैं Merajazbaa.com हमें उम्मीद हैं आपका सानिध्य हमेशा मिलता रहेंगा ।
बहुत बढ़ियाा संदीप जी
धन्यवाद जीतेंद्र वर्मा जी।
Sir mere pita ji nhi he mene ye kbita jb padi jb mujhe unki bhut yaad aarhi thi atynt sundr or bhabuk he
Sandeep bhargava जी ये बात बिलकुल सही है कि जब बात पिता की आती है तो दिल खुद-ब-खुद भावुक हो जाता है।
nice Fathers lines I love you papa
DiL sE ? true line's
धन्यवाद सतीश जी।
आज जब सर से पिता का साया उठा तब इस कविता का महत्त्व समझ में आया !
Uttam ji अक्सर लोगों की अहमियत का उनके न होने पर ही पता चलता है। हमारी सहानुभूति आपके साथ है।
Bhut khub
Nice line yr
Dil khush ho gya
धन्यवाद जितेन्द्र कुमार भाई।
समाज में परिवर्तन में आप जैसे कवियों की महत्वपूर्ण भूमिका सदियों से रही है ।
आज हमारा पुरुष समाज एकतरफा महिला कानून के बोझ से दबा महसूस कर रहा है ।
इस नारी शशक्तिकरण की होड़ में बुजुर्गो के खिलाफ अत्याचार बढ़ता जा रहा है । उनके सम्मान में कमी आई है । पुरुष हर तरफ कानून के मार से दंश झेल रहा है।
चाहे झूठे दहेज़ के मुक़दमे हो, घरेलु हिंसा,बलात्कार या छेड़छाड़ का मुकदमा, इसमें झूठे शिकायतों की तादात ज्यादा है ।
हमारा न्यायालय भी पंगु हो गया है। न्याय मिलने में सालो साल लग जाते हैं ।
कृपया कर इस विषय पर भी कविता लिखे।
बेटी और बहु की रट लगाते कही हम पुत्र और बेटे को दरकिनार न करदे उनके अधिकारो से वंचित न करें ।
जी अरविंद जी हम प्रयास करेंगे कि पुरुष वर्ग को समर्पित कोई कविता लिखें। इसी तरह हमारे साथ बने रहें। धन्यवाद।
संदीप जी आपकी कविता ने खासकर पिता पर लिखी गयी कविता । समाज में महिला उत्थान के जमाने में एक पिता की भूमिका को पुनः जागृत करने का काम किया है ।
सराहना के लिए धन्यवाद अरविंद कुमार आर्य जी।
पिता रोटी कपडा और मकान है
पिता नन्हें से परिंदे का बड़ा सा आसमान है
पिता है तो माँ की बिंदी और सुहाग है
पिता है तो सारे सपने अपने है
पिता है तो बाजार के सारे खिलौने अपने है………..
बहुत खूब Shankar tailor जी।
Bahut achha laga
धन्यवाद kundan kumar singh जी।
मैं आपसे वादा करता हु इस कविता का पाठ मेरे भजन संध्या के कार्यक्रम में जरूर करूँगा संदीप जी
श्याम जी ये तो आपने बहुत बड़ी बात कह दी। मैं इतना काबिल कहाँ की मेरी रचना किसी संध्या भजन का हिस्सा बने। आपको यह रचना अच्छी लगी वही मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है। आपका अति धन्यवाद।
इसी तरह हमारे साथ बने रहें।
Pita Parmeshwar hai
पितृ देवो भव
Right Mr. Shivam Mishra ji…..
Sandeepji aapki kavita aapka maa baap ke prati kitna prem hai batati hai, aisi kavita tabhi banti hai.
धन्यवाद Rajeeva Mohan Sharma जी। ये माँ-बाप का प्यार ही है जो इस काबिल हुआ हूँ। एक बार फिर धन्यवाद।
Papa ji aap ko father's day par mery subhkamnayen. Varenya Bhatt, (Fareedabad)
Pita hai to bhagwan hai, pita nahi to bekar saara jahan hai, pita hamari aas hai, pita hai to humari San jarroraten khaas hai, Pita humare liye chnah hai,pita hai to aasan humari raah hai. mere pita aap jaha bhi ho sada swasth aur khush rahna, Him baccho par aasheervaad banaye rakhna. Galtiya Jo hui hohumsabko chama karna.Charno me pranam.
Bahut achha likha hai aapne Rajeeva Mohan Sharma ji….
माॅ एवम बाबूजी को सादर चरण वंदन
पिता जी पर समर्पित बहुत ही सुन्दर पंक्तियां संजोए सर आपने
सर्वप्रथम आपको बहुत बहुत धन्यवाद
एवम काश कि ऐसा होता कि हर इंसान के मन मे पिता एवं माता के प्रति अपना फर्ज समझते हुए उनके प्रति इतनी आदर होती कि वृद्धा आश्रम की आवश्यकता ना होती
धन्यवाद दिनेश सिदार जी….. बिल्कुल सही बात कही आपने। लेकिन आज कल दोष माँ बाप का भी है जो अपने बच्चों को पर्याप्त समय नहीं देते और उनके बीच दूरियां बढ़ जाती हैं।
grate
Thanks Surendra Singh ji….
I love my Father
पिता है तो हम है nice thought bhai
Thanks Sis…
a very heart touching and commendable poem
Thanks Sonika jain…..
This poem is best.
I love u papa
Thanks Shubham bro….
लाजवाब
धन्यवाद Laxman chouhan जी…
Very nice keep it up
Thanks Ashish…
Hum bahut khus nasibe hai ki humara pass papa ji hai
Raja जी जिसके सिर पर पिता का साया है, वो हर शख्स खुशनसीब है…
aap ko thanks kehna chahta hu aapne muje mere papa ki yaad dila di….
बहुत सुन्दर !
धन्यवाद लखन साहू जी……
Sir main apne dady s bhut pyar karta hu i love my dady
Everyone does the same Sameer Bro…..Thanks to share your thought…..
Not so good you can write better
Thank you Shista, Please send us your suggestions. We will definitely do better
Very nice brother kya kavita likhi hain
Thanks ikbal bhai…..
पिता का महत्व बहुत ही अच्छा है मुझे भी इसका एहसास
16 साल बाद हुआ जब मुझे दो जुड़वां लडकियां हुई आज मेरे एक संतुष्ट और खुश पिता हुं
सबसे पहले आपको बहुत-बहुत बधाई हो। पिता तो भगवान की एक ऐसी देन है जो हमारे जीवन में साथ रहकर हमे सद्मार्ग पर चलने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। आशा है आपको भी अपने पिता की महानता की अनुभूति हो गयी होगी। एक बार फिर से आपको बधाई व ब्लॉग पर आने के लिए धन्यवाद।
लाजबाव
धन्यवाद Udham Singh Choudhary जी…..
i like it bro
Thank you very much bittu kumar bro…..
Thanks for these Dedicating song
Thank you very much jayanti Dewangan ji……..
Very nice line for all children
Thanks for complement Anand Pal Singh ji…….
पिता को समर्पित बहुत ही सुंदर और संजीदा किस्म की रचना प्रस्तुत की है आपने। इसके लिए आपका धन्यवाद।
प्रशंसा के लिए आपका बहुत आभार जमशेद आज़मी जी। इसी तरह हमारे साथ बने रहिये। धन्यवाद।
My father is great????????
Every Father is Great Bro…..
Thanks to visit here…..
I Love My Father
Same here Ram Narayan Kashyap Ji…thanks for comment …
अतिसुन्दर
धन्यवाद रूद्र जी……