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Pita Ki Yaad Me Kavita – माँ की महिमा का वर्णन तो सारा जहान करता है लेकिन पिता के कर्त्त्वयों का गुणगान कोई-कोई ही करता है। अक्सर पिता के रहते शायद किसी को उनकी कही बात बुरी लग जाती हो। पर उनके हमें छोड़ जाने के बाद हमें उनकी बातें बहुत याद आती है। फिर पता चलता है कि जिम्मेवारियों का बोझ कितना भारी होता है। एक परिवार को चलाना कितना मुश्किल होता है। जिसे पिता ख़ुशी-ख़ुशी चलाता है। वह परिवार कि खुशियों के आगे अपनी ख़ुशी कुर्बान कर देता है। बस उन्ही यादों और जज्बातों को समाहित कर के मैंने ये कविता ‘ पिता को श्रद्धांजलि ‘ लिखी है। आइये पढ़ते हैं कविता :- पिता को श्रद्धांजलि
Pita Ki Yaad Me Kavita
पिता को श्रद्धांजलि
आपकी कमी खलती है मुझे
ये खालीपन तड़पाता है,
बस यूँ ही यादें दिल में समेटे
ये वक़्त गुजरता जाता है।
अब पता चलता है कि
जिम्मेवारियों का बोझ कितना भारी है,
खुद से ज्यादा
अपनों की खुशियाँ प्यारी हैं,
दौड़ाने पड़ते हैं कदम
पकड़ने को जिंदगी कि रफ़्तार,
आज गुजर रहा है और
कल की तैयारी है।
आपकी मजबूरियों का
मुझे अब एहसास होता है
दुनिया होती है मतलबी और
घर का हर शख्स ख़ास होता है
माँ के बाद पिता ही
समझता है ख़ामोशी औलादों की
मुश्किलों से बचाने के लिए
पिता हिम्मत की दीवार होता है।
हर डांट में प्यार जो रहता था
वो याद बहुत अब आता है
हर बीता लम्हा अब तो बस
आँखों में आंसू लाता है
तस्वीर बसी है दिल में जो
जीने का हौसला देती है
इसी तरह से बस अब तो
ये वक़्त गुजरता जाता है।
आपकी कमी खलती है मुझे
ये खालीपन तड़पाता है,
बस यूँ ही यादें दिल में समेटे
ये वक़्त गुजरता जाता है।
देखिये इस कविता का विडियो :-
पढ़िए :- पिता, पापा, डैडी पर छोटी कवितायेँ
इस कविता ‘ पिता को श्रद्धांजलि ‘ ( Pita Ki Yaad Me Kavita ) के बारे में अपनी राय हम तक अवश्य पहुंचाएं। आपके विचार हमारे लिए बहुमूल्य हैं।
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धन्यवाद।
63 comments
आँखे नम हो गयीं, बहुत ही सुन्दर कविता
शानदार कविता लिखी है आपने दिल को छू गयी है।।
Bahut sundar
Thanks Sunil Kumar ji
बहुत ही शानदार ????????
Mere pitaji abhi 18/05/2020 ko mujhe akela kar Gaye main bahot pareshan hun
Very nice
बहुत शानदार कविता लिखी है आपने दिल को छू गयी है।।
Behtareen kavitae…heart rendering…keep it up…
Aapke kavita ki panktiyan dil ko chhoo gai…bahut sunder rachana…..
धन्यवाद ????????????????
Mere pitaji ka 27/3/19 ko swargvas ho gaya. Hum unhe bahut miss kar rahe hai
Kuch achha nahi lagta
Bahut Hi Sunder kavita hai…..
Pita ka na hona kya hota he, pita ke jane ke baad hi samajh aata he.
Very nice sir ji…
धन्यवाद प्रदीप जी….
Aap ki poem ko padhkar Kar meri ankh ke aansu ruk nahi rahe the aisa lag raha tha mere papa mere aas paas hi Kahi moujud hai aur mujhe se Kah rahe beta chinta mat Kar Mai Hu na pita par itni acchi poem likhne aap Ka bahut bahut dhanywad sir
Bahut achhe Kavita h mere pita ji bi ab es diniya me ni h pr apki Kavita ne ankho me anshu la diya special thanks to you
Namaste Sandeep gi Aapne sach me pita ke bare me bahut Acha Likha hai Aapne Sahi Kaha ki maa ki mahatwata ko to sab jante hai par pita ke mahtwa ko koi koi hi samajte hai.
धन्यवाद Surbhi Katitar जी।
Namaskar Sandeep ji ..aaj mere pitaji ka janmdin hai ..aap ki kavita padhi toh aankho se apne ashru rok na pai….bhut sunder kavita !
Dhanyawad .
जी अनुराधा जी पिता के बारे में कुछ भी लिखा जाए वो कम ही होगा….लेकिन इसका अहसास हमें उनकी गैरहाजिरी में ही होता है….
2/11/18 को हमारे पिता जी का निधन होगया आज आप की लिखी लाइने पढ़ कर आँखो से आशु बन्द नही हो रहे .????
आशीष पाठक जी हमारी संवेदनाएं आपके साथ हैं। एक पिता का महत्व उसकी गैर हाजिरी में ही हमें महसूस होता है। इसलिए समय रहते हमें अपने माता पिता के साथ जी भर कर जी लेना चाहिए। पिता सचमुच भगवान का दूसरा रूप होता है।
आज मैं अपने पापा को मिस कर रहा हूं
I love you Papa
Thanks Sachin ji…
संदीप जी बहुत ही सुन्दर लिखा है आप ने आप के एक एक शब्द दिल में उतार गये आप के एक एक शब्द दर्शते है कि पिता की जगह कोई भी नही ले सकता है आज मैं अपने पापा को बहुत ही मिस करता हूँ और बहुत ही प्यार करता हूँ लेकिन ये बात मैं उनसे नही कह सकता हूँ
धन्यवाद शैलेन्द्र सिंह जी।
Very nice poem Mikey aapney father ko bahut yaad aayi
Thanks sandhya jaiswal ji..
पिता जी पर आपकी सभी कविता ये बहुत ही मार्मिक है । पिता की याद आ जाती है
धन्यवाद अमृत कुमार जी।
I miss my papa
Dil chhune wali kavita bahut sunder sir
धन्यवाद अमित मीना जी।
Bahut sundr ji dil ko gad gad kr diya apki ye kavita pad kar
धन्यवाद दीपक जोहारी जी।
आपकी कविता पढ़कर मैंने और कुछ पल अपने पिता जी के साथ बिता लिया सर। आज मेरे पिता की आठवी पुण्यतिथि है। इन आठ सालों में मेरे पिता के आदर्शों में चलकर मुझे पता चल गया की पिता के त्याग, परिश्रम और परिवार की जिम्मेदारियां निभाना हर किसी के बस की बात नही है। ऐसा लगता है मेरे पिता आज भी मेरे साथ हैं। और मुझे सत्य असत्य का मार्ग दिखाते रहते है।
चंचलेश जी यह एक बहुत बड़ी बात है कि हम हमारी कविता ने आपकी भावनाओं को छुआ। एक कवि की रचना तब सफल हो जाती है जब वह पाठक के दिल को छू जाती है। सराहना के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद चंचलेश जी।
मेरे पिताजी अब इस दुनिया में नहीं हैं , मैं इन लाइनों को पढ़कर अपने आंसू नहीं रोक पा रहा था
लेखक को मेरा सादर नमन !
I LOVE YOU PAPA ( MY LIFE IS MY MOM )
धन्यवाद रमेश कुमार जी।
hello sir please give me your whatshap number.
रमेश कुमार जी हमारा व्हाट्सएप्प नंबर 9115672434 है।
Bahut achchha kawita hai
Thanks Lalmohan Amanda ji.
Ekdam hai apke vichar
Thanks Sunil Valvi
पिता की यादें सर्च किया तो ये कविता मिली , अच्छी कविता है
धन्यवाद लोकपति दूबे जी।
Sir ji i miss you my papa me akele me jab bhi hota hu ropadta hu verry nice poem sir
मनोज कुमार जी, पिता का प्यार होता ही ऐसा है जिसका एहसास बाद में होता है।
Mere pappa ko aaj 7 12. 2017. Ko 14 saal hue. Aaj un ki kami bahut khal rahi hai
Deepak jiprot ji माँ-बाप की कमी को तो कोई दूर नहीं कर सकता। लेकिन वो रहते सदा हमारे साथ हैं।
पिता की यादें सर्च किया तो ये कविता मिली , अच्छी कविता है
धन्यवाद Madan जी।
Mere pita ko aaj 1 saal ho gye vo ab is sansaar me nhi hai,,,
aapki ye kavita padhkr mai apne aansu nhi rok pai
jis trah ye kavita aapne likhi hai
mere pita bhi usi trh the
is kavita ko padhkr mujhe aisa prateet hua ki
ye hmari hi kahani hai,,,,
dhnywaad sir jee
koti koti abhinandan
गीता साहू जी एक लेखक के लिए ये बहुत बड़ी बात होती है कि पाठक उनकी रचनाओं में खुद का जीवन देख पायें। आपके पिता जी के लिए हमारी सहानुभूति आपके साथ है। कविता की सराहना करने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
मेरे पिताजी अब इस दुनिया में नहीं हैं , मैं इन लाइनों को पढ़कर अपने आंसू नहीं रोक पा रहा था
लेखक को मेरा सादर नमन !
यशवंत जी हमारी सहानुभूति आपके साथ है। आपके पिता आपके आस-पास ही हैं। बस महसूस कर के देखिए।
Hello sir..
Hame bahut accha laga apki peom padhkar bahut accha likha Hai apne
Peom padhkar bahut yad ayi pita ji ki
धन्यवाद सचिन जी, ये तो बस शब्दों और भावनाओं का संगम है जो दिल को छू जाता है।
Sandeep bhai sahab I do not have a word about how I will express my intention to your writing. Brother, this is the best poem of my life. Thank you very much brother.
Thank to you also brother….aap jaise hi bhaiyon ki shabashi se hi ye sab likh pata hun ….. isi tarah humare sath bane rahen….dhanywad…
Very nice sir ji
धन्यवाद योगेश जी।