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आप पढ़ रहे है हिंदी कविता – झूठी दुनिया झूठे लोग
झूठी दुनिया झूठे लोग
झूठी दुनिया, झुठे लोग कि इनकी बातें भी झूठी,
झूठे हैं इरादे भी और मुस्कुराहटें भी झूठी,
बंधती है डोर प्यार की जिस विश्वास के धागे से,
देखो तो पता चलता है वो डोर है टूटी,
किस शख्स पर करें यकीन, समझ नहीं आता,
इमारत तो है भरोसे की, मगर बुनियाद है झूठी,
रिश्तों मे भी आ गया है स्वार्थ अब ऐसा
साथ मिलने की, सारी उम्मीदें हैं छूटी,
मुखौटे झूठे खुशियों के सबके चेहरों पर हैं,
मगर अफ़सोस इनकी, सभी बातें हैं झूठी,
कोई गैर नहीं आया था लूटने मेरी खुशी की दौलत
ये तो मेरे अपनों ने मिलकर है लूटी,
झूठी दुनिया, झूठे लोग कि इनकी बातें भी झूठी,
झूठे हैं इरादे भी और मुस्कुराहटें भी हैं झूठी।
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धन्यवाद।
8 comments
Mtlvi duniya
बहुत बढ़िया।आज की वास्तविकता को दिखाती है।
अति सुन्दर
धन्यवाद नवीन सिंह।
Bahut motivational dil Ko chuny wali kavita hi padhny k baad kuch ahsas dil me jagy kuch himmat si bandhi hi Ki jindagi yu mahrum na hony paiegy..sabhi kavitain bahut achhi hi,well done
Thank you Sanjay ji..
बहुत ही अछि कविता। धन्यवाद शेयर करने के लिए
सराहना के लिए धन्यवाद Achhipost जी।