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Poem On Hope In Hindi ‘आशाओं के दीप ‘ कविता में दुःखों से विचलित नहीं होकर भविष्य के प्रति आशावान रहने का संदेश दिया गया है। सुख – दुःख जीवन के दो पहलू हैं जो अपना रूप बदल- बदल कर आते जाते रहते हैं। जैसे हर काली रात के बाद सुनहरी सुबह आती है वैसे ही कुछ समय बाद दुःख की धुन्ध भी छँट जाती है और आशा की किरणें जगमगाने लगती हैं । हमें दुःख से हार नहीं मानकर खुशियों से भरे कल की प्रतीक्षा करना चाहिए। जिसके मन में सभी के लिए प्रेम होता है, उसे अज्ञान जनित दुःख विचलित नहीं करते हैं।

Poem On Hope In Hindi
आशाओं के दीप

Poem On Hope In Hindi

चाहे जितनी धुन्ध पड़ी हो
किन्तु अंत में छँट ही जाती,
गहन कालिमा निविड़ निशा की
प्रातः को कब है रह पाती ।

चले आँधियाँ भले भयंकर
पर्वत लेकिन अविचल रहता,
पथ की सब बाधाएँ सहकर
जल नदियों का आगे बहता।

फिर पाकर हम थोड़ा – सा दुःख
इस जीवन से क्यों घबराएँ,
तूफानों से हार न मानें
आशाओं के दीप जलाएँ।

समय एक – सा कभी न रहता
बनते और बिगड़ते मौसम,
कभी हँसी होठों पर खिलती
करते आँसू कभी आँख नम।

सब कुछ सहकर सहज भाव से
चलते हम भी रहें निरन्तर,
पहुँच लक्ष्य तक वे जाते हैं
नहीं जिन्हें हो गिरने का डर।

रहें अडिग हम अपने प्रण पर
सदा सत्य का करें समर्थन,
मित्र – दृष्टि से सबको देखें
रखें सभी से ही अपनापन।

इस जग में तम की छलनाएँ
नहीं कभी है उनको छलती,
मन में जिनके सदा प्रेम की
रहती है लौ पावन जलती।

Poem On Hope In Hindi की वीडियो यहाँ देखें :-

( Poem On Hope In Hindi ) ‘आशाओं के दीप ‘ कविता आपको कैसी लगी ? अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।

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धन्यवाद।

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