हिंदी कविता संग्रह

हिंदी भाषा पर कविता :- राष्ट्रभाषा हिन्दी भाषा का महत्व पर कविता | हिंदी पर कविता


हिंदी, जिसे संविधान में राष्ट्र भाषा का दर्जा अब तक नहीं मिला है फिर भी सारे हिन्दुस्तानी इसे अपनी राष्ट्र भाषा मानते हैं। हिंदी भाषियों का प्रेम ही है जो हिंदी भाषा को अब तक जीवित रखे हुए है। आइये पढ़ते हैं उन्हीं के इस प्रयास को समर्पित हिंदी भाषा पर कविता :-

हिंदी भाषा पर कविता

हिंदी भाषा पर कविता

राष्ट्रभाषा है अपनी हिंदी
मातृभाषा इसे हम कहते हैं

करने को संरक्षण इसका
हम तन मन धन सब दे देंगे
करने को इसकी रक्षा हित
हम जान न्योछावर कर देंगे
है ये वतन हमारा हिंदी
हिंदुस्तान इसे हम कहते हैं
राष्ट्रभाषा है अपनी हिंदी
मातृभाषा इसे हम कहते हैं।

एक सूत्र में राष्ट्र को बांधे
ऐसा काम ये है करती
भिन्न भिन्न धर्म और जाति में
एकता का ये दम भरती
है हिंदुस्तान पे नाज हमें
हम प्यार बहुत इसे करते हैं
राष्ट्रभाषा है अपनी हिंदी
मातृभाषा इसे हम कहते हैं।

विविधता में है एकता
पाठ ये हमें पढ़ाती है
चारों दिशाओं की दूरी को
एक साथ ये मिलाती है,
इसी के कारण ही तो हम सब
एक साथ में रहते हैं
राष्ट्रभाषा है अपनी हिंदी
मातृभाषा इसे हम कहते हैं।

हिंदी भाषा ही तो हम
सबको पहचान दिलाती है
हर मानव के मन के
भावों को यह दर्शाती है,
जीवन आधार है हिंदी
हम बात इसी में करते हैं
राष्ट्रभाषा है अपनी हिंदी
मातृभाषा इसे हम कहते हैं।

आओ मिलकर लें ये शपथ
इस भाषा का मान बढ़ाएंगे
जिस भाषा ने हमको संपन्न किया
बस उसे ही प्रयोग में लाएंगे
सर्वश्रेष्ठ  है अपनी हिंदी
सम्मान इसे हम देते  हैं
राष्ट्रभाषा है अपनी हिंदी
मातृभाषा इसे हम कहते हैं।

पढ़िए हिंदी दिवस से संबंधित यह बेहतरीन रचनाएं :-


harish chamoliमेरा नाम हरीश चमोली है और मैं उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले का रहें वाला एक छोटा सा कवि ह्रदयी व्यक्ति हूँ। बचपन से ही मुझे लिखने का शौक है और मैं अपनी सकारात्मक सोच से देश, समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जीवन के किसी पड़ाव पर कभी किसी मंच पर बोलने का मौका मिले तो ये मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।

‘ हिंदी भाषा पर कविता ‘ के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढने का मौका मिले।

धन्यवाद।

8 Comments

  1. सुंदर कविता, बधाईयाँ देती हूँ.।

    अहिंदी प्रदेश में रहती हूँ
    हिंदी से प्रेम करती हूँ.
    "हिंदी है हम" कहने में
    गर्व रहते है मन में।

    1. सिंधु जी, बहुत अच्छा लगा आपके विचार जानकर।

  2. बहुत अच्छा निरंतर प्रयास करते रहिए

  3. इतनी सुंदर प्रतिक्रिया देने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद।
    -हरीश चमोली

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *