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फ़िनलैंड उत्तरी यूरोप में बसा एक देश है। जो साइज़ में हमारे राजस्थान से थोड़ा छोटा और जनसँख्या करीब ५५ लाख है जो हमारे राजधानी दिल्ली की जनसँख्या का एक तिहाई मात्र ही है। लेकिन फ़िनलैंड ने दुनिया के बेहतरीन देशो में अपना स्थान बनाया हुआ है। दुनिया भर में प्रसिद्द मोबाइल कंपनी नोकिया फ़िनलैंड की ही है। फ़िनलैंड एजुकेशन सिस्टम दुनिया में सबसे अच्छी शिक्षा पद्धति मानी जाती है।दुनिया भर के विशेषज्ञ, राजनीतिज्ञ और पत्रकार इस देश की शिक्षा व्यवस्था को जानने के लिए यहाँ आते है। लेकिन ऐसा क्यों है यहाँ की शिक्षा व्यवस्था इतना खास। क्या है अलग यहाँ बाकि देशों से। आइये जानते है इस लेख में।
फ़िनलैंड एजुकेशन सिस्टम
१. फ़िनलैंड में शिक्षा : फ़िनलैंड 100% साक्षरता दर वाला देश है। यहाँ के स्टूडेंट सबसे अच्छे रीडर माने जाते है। और बहुत ही मुश्किल से कोई स्टूडेंट फेल होता है। PISA (प्रोग्राम फॉर इंटरनेशनल स्टूडेंट असेसमेंट) जो की 15 साल के उम्र के बच्चों को अन्तराष्ट्रीय मानक पर गणित, विज्ञान और पढ़ाई में परखती है, उनके सूचि में फ़िनलैंड लगातार टॉप में रहता है।
२. एजुकेशन फॉर आल : फ़िनलैंड में शिक्षा पूरी तरह फ्री है। और सबके लिए उपलब्ध है। स्कूल के साथ-साथ कॉलेज की पढ़ाई भी पूरी तरह फ्री है। ९ साल के अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा के लिए सारी किताबेें, और बाकी स्टडी मटेरियल स्कूल द्वारा फ्री में उपलब्ध करवाएं जाते है। सारे स्कूल और कॉलेज सरकार के द्वारा संचालित किये जाते है। इसलिए यहाँ कुछ विशेष कोर्सेज को छोड़ दिया जाये तो कोई भी बच्चा प्राइवेट स्कूल में दाखिला नहीं लेता है। इसलिए यहाँ प्राइवेट स्कूल नहीं है। मिड डे मील यहाँ १९७८ से ही शुरू हो गया था और खाना भी उच्च गुणवत्ता वाला होता है।
३. सही उम्र में शिक्षा : यहाँ कोई भी बच्चा ७ साल के उम्र से पहले स्कूल नहीं जाता। ७ साल की उम्र के बाद ही यहाँ स्कूल में दाखिला दिया जाता है। तब तक बच्चों को उनका बचपन जीने दिया जाता है। वैसे वहाँ ७ साल से कम उम्र के बच्चों के लिए डे-केयर और 6 साल के बच्चों के लिए प्री-स्कूल की भी व्यवस्था होती है लेकिन वहां पढ़ाई नहीं होती। बल्कि खेलना-कूदना, नए दोस्त बनाना, दूसरे बच्चों को समझना उनसे परस्पर सहयोग बनाते हुए रिश्ते बनाना, आदि के साथ बच्चों को स्कूल के माहौल के लिए तैयार किया जाता है। उसके बाद ७ साल से १६ साल तक की स्कूली शिक्षा हर बच्चे के लिए अनिवार्य है।
4. बेहतर स्कूल समय : यहाँ कक्षाएं छोटी होती है। करीब २० बच्चों को एक कक्षा में रखा जाता है। स्कूल का समय बहुत कम होता है। हर दिन करीब 4 घंटे ही स्कूल लगता है। जिसमे लंच ब्रेक भी शामिल होता है। इसके अलावा बच्चों को कोई भी होमवर्क नहीं दिया जाता है।
5. कमजोर विद्यार्थी : कमजोर विद्यार्थियों पर विशेष ध्यान दिया जाते हैं ताकि वो एवरेज बच्चों जितने लेवल में आ सके। अगर जरुरत हो तो उन्हें विशेष कक्षाओं में भी भेजा जाता है।
6. शिक्षक का सम्माननीय पेशा: यहाँ शिक्षक का पद बहुत ही सम्माननीय होता है। बहुत ही कम लोगों को यहाँ शिक्षक बनाया जाता है। शिक्षक बनने के लिए मास्टर डिग्री की जरूरत होती है। साथ ही शिक्षक बनने के लिए अच्छी योग्यता और मोटिवेशन होना जरुरी होता है।
७. परीक्षा का तनाव : यहाँ की शिक्षा व्यवस्था में परीक्षा नहीं ली जाती है। इसीलिए विद्यार्थी परीक्षा का तनाव झेलने के बजाय सीखने में ध्यान लगा पाते हैं। ९ साल की प्राथमिक शिक्षा पूरी करने के बाद जब विद्यार्थी १६ साल का हो जाता है तब ही उसे एक बार राष्ट्रिय स्तर की परीक्षा देनी पड़ती है। आगे की पढ़ाई जारी रखने के लिए ये परीक्षा पास करना जरुरी होता है।
८. स्कूल का माहौल : यहाँ स्कूल और पढ़ाई में प्रतियोगिता की भावना नहीं बल्कि सहयोग की भावना को बढ़ावा दिया जाता है। इसके साथ ही पढ़ाई में सिर्फ किताबी ज्ञान ही नहीं होता बल्कि प्रैक्टिकल पढ़ाई भी होती है। यहाँ की शिक्षा व्यवस्था विद्यार्थी को अच्छा शिक्षित व्यक्ति बनाने के साथ-साथ एक अच्छा इन्सान बनाने पर भी जोर देती है। इनके अलावा भी कई सारी बात है फ़िनलैंड के एजुकेशन सिस्टम में जो उनको दुनिया का सबसे बेस्ट एजुकेशन सिस्टम बनता है। ताजा खबरों के अनुसार फ़िनलैंड में पढ़ाई अब विषय के बदले टॉपिक पर आधारित होगा।
आपको ये जानकारी कैसी लगी हमें जरुर बताये। फ़िनलैंड एजुकेशन सिस्टम के बारे में अपने विचार हमें कमेंट के माध्यम से दें और बताएं की हमारी वर्तमान भारतीय शिक्षा पद्धति किस तरीके से बेहतर बन सकती है।
धन्यवाद।
2 comments
Nicc
Thanks Arshpreet Kaur ji…