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15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले में प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। आज की पीढ़ी शायद यही सोचती होगी कि लाल किला बस राष्ट्रीय ध्वज फहराने के लिए बनाया गया है। लेकिन ऐसा नहीं है। लाल किला इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। भारतीय इतिहास में इसने बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं। आइये आज जानते हैं किसने बनवाया था दिल्ली का लाल किला साथ ही कुछ और रोचक जानकारियां लाल किला के बारे में :-
दिल्ली का लाल किला
Delhi Ka Lal Kila Kisne Banvaya Tha
दिल्ली का लाल किला किसने बनवाया था
हो सकता है कई लोगों को ये पता हो कि दिल्ली का लाल किला किसने बनवाया था। परन्तु शायद ही किसी को ये पता हो कि लाल किला बनवाया क्यों गया था। मुग़ल बादशाह शाहजहाँ को इमारतें बनवाने का बहुत शौंक था। उन्होंने आगरा में एक लाल किला बनवाया था। उस समय उनकी राजधानी आगरा ही थी। आगरा में रहते समय जब शाहजहाँ से वहाँ की गर्मी बर्दाश्त न हुयी तब उन्होंने दिल्ली को अपनी राजधानी बनाने का विचार किया।
दिल्ली में लाल किला बनवाने के लिए पहले तालकटोरा बाग़ और रायसोना पहाड़ी का चुनाव किया गया था। लेकिन उस्ताद हमीद और उस्ताद अहमद लाहौरी ने यमुना किनारे खुले मैदान को किले के लिए सही बताया। उसके बाद उस जगह पर लाल किला का निर्माण कार्य आरंभ हुआ। उस्ताद अहमद लाहौरी ने ही बाद में ताज महल का भी निर्माण किया था।
लाल किला कब बना था
लाल किला बनने की शुरुआत मुहर्रम के महीने के साथ 13 मई, सन 1638 को हुयी। इसे बनने में 10 साल का समय लगा और सन 1648 में इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ। शाहजहाँ नजूमियों और ज्योतिषियों के निकाले गये मुहूर्त पर यमुना नदी के सामने दरियाई दरवाजे से पहली बार लाल किले में गए थे।
लाल किला का पुराना नाम
लाल किला का पहला नाम किला-ए-मुबारक था। फिर इसका नाम लाल किला कैसे पड़ा? इसका उत्तर जानने के लिए आगे पढ़ते रहिए।
लाल किला पहले सफ़ेद था
जी हाँ, भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के अनुसार लाल किला का ज्यादातर हिस्सा पहले सफ़ेद रंग का था। ऐसा इसलिए था क्योंकि इसके निर्माण में चूना पत्थर का प्रयोग ज्यादा हुआ था। समय के साथ जब चूना पत्थर निकलने लगा। तब अंग्रेजों द्वारा इसे लाल रंग में रंग दिया और इसे नाम दिया रेड फोर्ट ( Red Fort ) जिसे हिन्दुस्तानियों ने अनुवाद कर लाल किला बना दिया।
लाल किला का अकार
अगर आसमान से लाल किले का पूरा आकार देखा जाए तो 256 एकड़ में फैली हुयी इस ऐतिहासिक ईमारत का आकार अष्टकोणी है। जो की चारों तरफ से दीवार से ही घिरी हुयी है।
लाल किला और कोहिनूर
दुनिया का सबसे कीमती हीरा कोहिनूर कभी लाल किले किशान हुआ करता था। शाहजहाँ इसे अपने ताज में लगाकर रखते थे। जिसे नादिर शाह ने मुग़ल बादशाह मुहम्मद शाह से पगड़ी बदल कर हथिया लिया था। समय के साथ ही कोहिनूर अंग्रेज अपने साथ इंग्लैंड ले गए। आज यह हीरा इंग्लैंड में ही है।
आखिरी मुग़ल बादशाह का बंदीगृह
आखिरी मुग़ल बादशाह बहादुर शाह जफ़र ने अंग्रेजों के खिलाफ बगावत के लिए अपनी सेना को आखिरी बार लाल किले से संबोधित किया था। बाद में इसी लाल किले में बहादुर शाह जफ़र को बंदी बना कर रखा गया और उन पर मुकद्दमा चलाया गया। दोषी पाए जाने के बाद उन्हें रंगून भेज दिया गया।
विश्व विरासत स्थल
इसकी महत्वता को देखते हुए यूनेस्को ने सन 2007 में लाल किला को विश्व विरासत स्थल घोषित किया है। यह लाल किले के साथ ही भारत के लिए गर्व की बात है।
अब तो आप सब जान ही गए होंगे कि दिल्ली का लाल किला किसलिए बनवाया गया था। हाँ, समय के साथ इसका उपयोग अलग-अलग तरह से हुआ वो अलग बात है।
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धन्यवाद।