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वृक्ष पर हिंदी कविता :- अगर कहीं मैं होता वृक्ष | वृक्षों का महत्व पर कविता


हमारे जीवन में वृक्ष का महत्व बहुत ज्यादा है। मानव को भी वृक्षों की तरह परोपकारी जीवन जीने की बात कही गई है। वृक्षों के कारण ही धरती पर जीवन का अस्तित्व है। वृक्ष दूषित वायु का अवशोषण कर हमें प्राणवायु देते हैं। धरती पर संतों की तरह जीवन जीने वाले वृक्षों का संरक्षण एवं संवर्धन आवश्यक है।  ये हमें छाया देते हैं। फल देते हैं। कुछ बनाने या जलाने के लिए लकड़ी देते हैं। वृक्ष ऑक्सीजन देते हैं जिसके बिना हमारा जीवन संभव ही नहीं है। कहा जाए तो ये कुदरत के ऐसे अनमोल रत्न हैं जो अपने जीवन से लेकर अपनी मृत्यु के बाद भी इंसान को कुछ देकर ही जाते हैं। लेकिन आज हमें “ वृक्ष लगाओ, वृक्ष बचाओ “ के नारे की जरूरत आन पड़ी है। ऐसा पेड़ों की होती अंधाधुंध कटाई के कारन हुआ है। ऐसे में कवि इस कविता के जरिये वृक्ष का महत्व बताने का प्रयास कर रहे हैं। आइये पढ़ते हैं “ वृक्ष पर हिंदी कविता “ :-

वृक्ष पर हिंदी कविता

वृक्ष पर हिंदी कविता

अगर कहीं मैं होता वृक्ष।

देता सबको शीतल छाया
कोई लगता नहीं पराया,
प्यार लुटाता सब पर ही मैं
पक्षी हो या हो चौपाया।
लेता मैं सबका ही पक्ष।
अगर कहीं मैं होता वृक्ष।

सुन्दर सुन्दर फूल खिलाता
खुशबू से जग को महकाता,
सबको अपने फल दे देता
मैं तो इनसे एक न खाता।
पर – सेवा में होता दक्ष।
अगर कहीं मैं होता वृक्ष।

मैं दूषित वायु को पीता
शुध्द हवा दे जीवन जीता,
फटे हुए भू के आँचल को
जड़ – धागों से रहता सीता।
सुख पाता सच्चा प्रत्यक्ष।
अगर कहीं मैं होता वृक्ष।

सर्दी गर्मी वर्षा सहता
पर अपना दुख कभी न कहता,
एक जगह पर खड़ा हुआ मैं
त्याग तपस्या में रत रहता।
सन्तों के होता समकक्ष।
अगर कहीं मैं होता वृक्ष।


इस कविता का विडियो देखने के लिए नीचे क्लिक करें :-

Ped Par Kavita | Poem On Tree In Hindi | पेड़ पर कविता ( अगर कहीं मैं होता वृक्ष )

पढ़िए :- पेड़-पौधे लगाने के लिए प्रेरित करती ” पेड़ पौधों पर कविता “


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