सूचना: दूसरे ब्लॉगर, Youtube चैनल और फेसबुक पेज वाले, कृपया बिना अनुमति हमारी रचनाएँ चोरी ना करे। हम कॉपीराइट क्लेम कर सकते है
प्रकृति में तितली को सुंदरता, रंगों और स्वतंत्रता का प्रतीक माना जाता है। उसकी कोमलता, उड़ान और फूलों से प्रेम हमें जीवन में खुश रहना और दूसरों के लिए उपयोगी बनना सिखाते हैं। नीचे दी गई तितली रानी कविता “तितली तुम हो कितनी सुन्दर” न केवल बच्चों के लिए मनोरंजक है, बल्कि इसमें एक गहरा संदेश छिपा है — कैसे हम भी तितली की तरह मुस्कराते हुए जीवन जिएं और सबके मन में खुशियाँ भरें।
तितली रानी कविता

तितली तुम हो कितनी सुन्दर,
कुदरत का हमको अनुपम वर,
कोमल – कोमल पंख तुम्हारे
रंग – बिरंगे प्यारे – प्यारे।
इधर-उधर रहती हो उड़ती
गाँव-शहर दिखलाई पड़ती,
बाग – बगीचों में लहराती
फूलों पर रहती इठलाती।
क्यों वायु संग सदा डोलती
तितली तुम क्यों नहीं बोलती,
फूलों का रस क्यों है भाता
खुशबू से तेरा क्या नाता।
काँटों से तुम तनिक न डरती
मन में सबके खुशियाँ भरती,
तितली तुम हो बहुत सुहानी
सचमुच में कीटों की रानी।
तितली पास हमारे आओ
सुन्दरता का राज बताओ,
अपने में कैसे खुश रहती
कष्टों से क्यों नहीं सहमती।
तितली तुम हो पर – उपकारी
तुम्हें चाहती दुनिया सारी,
हम भी मन से सुन्दर दीखें
तितली तुम – सा जीना सीखें।
पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग की यह बेहतरीन कविताएं :-
- मुस्काते गमले कविता | Beautiful Hindi Poem for Children
- Morning Poem in Hindi | सुबह की सुंदर कविता
- पर्यावरण संरक्षण दोहे | Inspiring Hindi Dohas on Environment
तितली हमें यह सिखाती है कि जीवन चाहे छोटा हो, पर उसे रंगों और प्रेम से भर दो। जैसे तितली फूलों से खुशियाँ बाँटती है, वैसे ही हमें भी हर परिस्थिति में मुस्कराते हुए आगे बढ़ना चाहिए।
अगर आपको यह कविता पसंद आई हो, तो इसे शेयर करें और बच्चों को सुनाएँ ताकि वे भी प्रकृति से जुड़ाव महसूस कर सकें।
