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स्वामी विवेकानंद वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। भारत में, विवेकानंद को एक देशभक्ति संत के रूप में माना जाता है और इनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी कड़ी में हम पाठको के लिए ( Swami Vivekanand Anmol Vachan ) स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन लेकर आये है।
स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन
स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन –
1. चरित्र एक सज्जन बनाता है।
2. बस वही जीते हैं ,जो दूसरों के लिए जीते हैं।
3. एक शब्द में, आदर्श यह है कि आप दिव्य हैं।
4. खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है।
6. नायक बनें। हमेशा कहें, मुझे कोई डर नहीं है।
7. दिल और दिमाग के टकराव में दिल की सुनो।
8. मनुष्य की सेवा करो, भगवान की सेवा करो।
9. न तो खोजो और न ही बचो, जो आता है उसे ले लो।
10. बाहरी स्वभाव केवल अंदरूनी स्वभाव का बड़ा रूप है।
11. अपने आप में विश्वास करो और दुनिया आपके पैरों पर होगी।
12. आकांक्षा, अज्ञानता, और असमानता – यह बंधन की त्रिमूर्तियां हैं।
13. उठो, जागो और तब तक नहीं रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाये।
14. धन्य हैं वो लोग जिनके शरीर दूसरों की सेवा करने में नष्ट हो जाते हैं।
15. जो संघर्ष करता है वह उससे बेहतर होता है जो कभी प्रयास नहीं करता है।
16. सबसे बड़ा धर्म है अपने स्वभाव के प्रति सच्चे होना। स्वयं पर विश्वास करो।
17. वह आदमी अमरत्व तक पहुंच गया है जो किसी भी चीज से परेशान नहीं है।
18. दुनिया एक महान अखाड़ा है जहां हम खुद को मजबूत बनाने के लिए आते हैं।
19. भारत के विकास और प्रगति में योगदान देने के लिए हर व्यक्ति का कर्तव्य है।
20. जो अग्नि हमें गर्मी देती है, हमें नष्ट भी कर सकती है। यह अग्नि का दोष नहीं है।
21. सच्चाई को हजारों तरीकों से कहा जा सकता है, फिर भी हर तरीका सच हो सकता है।
22. ज्ञान केवल अनुभव से ही प्राप्त किया जा सकता है, इसे जानने का कोई और तरीका नहीं है।
23. दूसरों से अच्छी चीजें सीखें लेकिन उसे अपने अन्दर अपने तरीके से डालें, उनकी तरह मत बनें।
24. शक्ति जीवन है , निर्बलता मृत्यु है। विस्तार जीवन है, संकुचन मृत्यु है। प्रेम जीवन है, द्वेष मृत्यु है।
25. जब तक आप अपने आप में विश्वास नहीं करते हैं तब तक आप ईश्वर पर विश्वास नहीं कर सकते।
26. दुनिया में मौजूद सभी नकारात्मक विचार और सोच के जन्म का कारण भय है। इससे आगे बढ़े हैं।
27. दिमाग की शक्तियां सूरज की किरणों की तरह होती हैं जब वह केंद्रित होती हैं तभी रौशनी करती हैं।
28. शारीरिक, बौद्धिक और आध्यात्मिक रूप से जो कुछ भी कमजोर बनाता है, उसे ज़हर की तरह त्याग दो।
29. किसी चीज से डरो मत। तुम अद्भुत काम करोगे। यह निर्भयता ही है जो क्षण भर में परम आनंद लाती है।
30. जितना अधिक हम प्यार, पुण्य और पवित्रता में बढ़ते हैं, उतना ही हम प्यार, पुण्य और पवित्रता को देखते हैं।
** हमारे वेद और पुराण ज्ञान के भंडार **
31. भगवान की एक परम प्रिय के रूप में पूजा की जानी चाहिए, इस या अगले जीवन की सभी चीजों से बढ़कर।
32. दुनिया में मौजूद सभी नकारात्मक विचार और सोच के जन्म का कारण भय के इस बुरे आत्मा से आगे बढ़े हैं।
33. हालाँकि मन शरीर का सूक्ष्म हिस्सा है। आपको अपने दिमाग और शब्दों की बड़ी ताकत बरकरार रखना चाहिए।
34. हम जितना ज्यादा बाहर जायें और दूसरों का भला करें, हमारा ह्रदय उतना ही शुद्ध होगा, और परमात्मा उसमें बसेंगे।
35. दिन में एक बार अपने आप से बात करें, अन्यथा, आप इस दुनिया में एक उत्कृष्ट व्यक्ति से मिलने से चूक सकते हैं।
36. किसी दिन, जब आपके सामने कोई समस्या ना आये। आप सुनिश्चित हो सकते हैं कि आप गलत मार्ग पर चल रहे हैं।
37. एक समय में एक काम करो , और ऐसा करते समय अपनी पूरी आत्मा उसमे डाल दो और बाकी सब कुछ भूल जाओ
38. हर गलतफहमी का कारण यह है कि हम लोगों को उस नजरिये से देखते हैं जैसे हम हैं न कि उस नजरिये से जैसे वो हैं।
39. लोगों को उनके सबसे आम कार्यों को करते हुए देखें; ये वास्तव में आपको एक महान व्यक्ति का असली चरित्र बताएंगी।
40. जो काम भीड़ एक शताब्दी में न कर पाए उसे सच्चे, ईमानदार और उर्जावान, पुरुष और महिलाएं एक साल में कर सकते हैं।
⇒पढिये- कर्मयोग – स्वामी विवेकानन्द जी के अनमोल विचारो का संग्रह
41. आपको किसी चीज की इच्छा है, आप इसे प्राप्त कर लेंगे। आप उसे पाने की इच्छा त्याग दें, वह चीज स्वयं आपके पास आएगी।
स्वामी विवेकानंद के अनमोल वचन ( Swami Vivekananda Motivational Quotes In Hindi ) का ये संग्रह आपको कैसा लगा हमें जरुर बताये और दुसरो तक भी शेयर करे। धन्यवाद।
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दुनिया का सबसे खुब सुरत पल ढलता सुरज हे आधा आसमा गुलाबी हो जाता हे ओर गुलाबी सुरज ओर धीरे धीरे हमसे दुर जाता हे पता हे पुरा ढल जाता हे ना तो बोहोत बुरा लगता हे लेकीन फीर इस मन को समजा ते हे की कल फीर नीकले गा ओर फीर ढले गा कहा ढुडते हो खुब सुरती हर ऐक पल मे हे खुबसुरती
प्यार तो दुनिया कि कसी कोभी अपना बना सकता हे मगर सायद बे जुबा जानवर हम से प्यार कर सकता हे मगर दुनिया मे चलते तो हम भी हे ओर हजारो पंछी दुनिया तो उनकी भी हे सब सुबाह मे से उठे ओर आलस खाते हे लेकीन कभी अपनी आखे नची कर के देखना की चिटि छोटिसी हे मगर सवेरे से अपना खाना लेने के लीये नीकल पडती हे देखना उस चिटि को वो कीतनी तेज भागती हे लेकीन कितने लोग बस ऐतो देखते ही नही की इस दुनिया मे हम इन्सान ही अकेले नही हे
आखे तो कितनी बाते समजती हे ऐहसास तो मन को होता हे
कोण कीतनी देर तक रुकेगा हमारे लीये यहा कोइ कीसी का इतजार नही करता लोग हम से पुछते हे पर कीसी के बीना कहे ही समज जाते हे लोग दुनिया मे इतना मुसकील भी नही लोगो की हर बात को समज ना समज तो जाते हे पर फीर भी ऐक मासुमीयत यकीन करती हे फीर से ठेस लगती हे फीर से समजाते हे इस मन को की फीर मत यकीन करना फीर भी यकीन कर बेठ ता हे मन हर बार यही होता हे दुनिया की सारी दोलत नही चाहीये केसी चाहते होती हे कागज के टुकडो के लीये सब लडते हे जीस के पास पेसे हे उनको पुचना की इन टुकडो से तुम खील खीलाहट वाली हसी खरीद सकते हो वो बोले गा की मुजे मन से हसे हुये सालो हो गये ना जाने लोग कुच हुवा नही की रोने लगते हे ओर बोल ते हे की मे यु नही जी सकता पर क्या कीसी गरीब की जीदगी का दुख मेहसुस कीया हे क्या अमीर लोगो के बचो को तो ये भी नही पता होता की गरीब लोगो को ऐक टाइम का खाना मिलता हे ओर दुसरे वक्त भुखा सोना पडता हे ओर ना जाने वो लोग तो इतने समज दार होते हेना की मा बाप से जीद करना भी छोड देते हे कभी वो समाज का भी सामना कराना अपने बचो को कभी टुटे तो सभलना तो आये उन बचो को देख कर कभी बात तो सुनो उन मासुम आखो की बोहोत कुच कहेगी