Home » हिंदी कविता संग्रह » प्रेरणादायक कविताएँ » संघर्षमय जीवन पर कविता | सूरज निकल गया | जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता

संघर्षमय जीवन पर कविता | सूरज निकल गया | जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता

by Sandeep Kumar Singh
4 minutes read

संघर्षमय जीवन पर कविता – दोस्तों परेशानियाँ किसके जीवन में नहीं आतीं। लेकिन वो इन्सान ही क्या जो परेशानियों से डर कर हार मान ले। इन्सान तो वो है जो हर रोज निकलने वाले सूरज से सीख प्राप्त कर नित्य प्रतिदिन अपने जीवन को सुधारने का प्रयास करता रहे, संघर्ष करता रहे। हिम्मत हार जाने वाले जब खुद को नहीं संभाल सकते तो वो अपने बिगड़े हुए जीवन को क्या संभालेंगे? हर दिन के बाद एक रात आती है। पर उस रात के बाद जब सूरज निकलता है तो फिर से एक रौशनी की किरण उजाला कर देती है। ऐसी ही प्रेरणा देती हुयी कविता हम आपके समक्ष लेकर आये है संघर्षमय जीवन पर कविता ” सूरज निकल गया ।”

संघर्षमय जीवन पर कविता

संघर्षमय जीवन पर कविता | सूरज निकल गया | जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता

चल सूरज निकल गया, उठ अब तू हो जा खड़ा,
हिम्मत जो है तुझमें, उसको अब तू जुटा।
चल सूरज निकल गया……..

मंजिल है दूर तो क्या? रस्तों पर ठहरना क्या?
कोशिश तो अब तू कर, कदम तू अपने बढ़ा,
कोई रोक न पाए तुझको, तू सिर पर फितूर चढ़ा,
चल सुरज निकल गया, उठ अब तू हो जा खड़ा,
हिम्मत जो है तुझमें, उसको अब तू जुटा।

जो दर्द मिले तुझको, तू उसको सहता जा,
जो राह न दिखती हो कोई, तो राह इक नई बना,
जो सोचा है तूने, हासिल वो कर के दिखा,
चल सूरज निकल गया, उठ अब तू हो जा खड़ा,
हिम्मत जो है तुझमें, उसको अब तू जुटा।

ये प्रश्न जो उठते हैं, तेरे आगे बढ़ने पर,
पाकर मंजिल अपनी, खामोश तू इनको करा,
नजरें रखना बस लक्ष्य पर और आगे बढ़ता जा,
चल सूरज निकल गया, उठ अब तू हो जा खड़ा,
हिम्मत जो है तुझमें, उसको अब तू जुटा।

पहुंचेगा जब तू ठिकाने पर, सब तुझको ही बस बुलाएँगे,
ये जो तेरे विरुद्ध हैं खड़े हुए, खुद को तेरा हितैषी बताएँगे,
बस रख के भरोसा खुद पर तू उम्मीद के दिए जलाये जा,
चल सूरज निकल गया, उठ अब तू हो जा खड़ा,
हिम्मत जो है तुझमें, उसको अब तू जुटा।

पढ़िए :- कविता – रास्ता भटक गया हूँ मैं | Rasta Bhatak Gaya Hu Mai

आपको यह संघर्षमय जीवन पर कविता कैसी लगी? अपने विचार कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें। धन्यवाद्।

पढ़ें और भी प्रेरणा दायक कविताएं :-

आपके लिए खास:

6 comments

Avatar
Akshay जुलाई 18, 2018 - 9:57 अपराह्न

Bht bdiya bhai, Kaash Mai b kuch Aisa hi likh pau

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जुलाई 18, 2018 - 10:04 अपराह्न

प्रयास करते रहिये, ऐसा क्या आप इस से भी अच्छा लिख पाएंगे।

Reply
Avatar
Agrima जून 6, 2017 - 10:02 अपराह्न

Sir…U have a very rich and BeAUTifuL vocabulary…never leave writing…keep on going……and never end this site…thank u

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जून 6, 2017 - 10:32 अपराह्न

Thanks for complement Agrima…I always try to give my best and I'll do it forever..Thanks again..

Reply
Avatar
kadamtaal दिसम्बर 17, 2016 - 5:53 अपराह्न

Aapne bahtareen likha hai.. Thank you

Reply
Mr. Genius
Mr. Genius दिसम्बर 17, 2016 - 6:12 अपराह्न

आप जैसे पाठकों के कारण ही यह सब संभव हो पाता है। इसी तरह हौसला अफजाई करते रहें। धन्यवाद।

Reply

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.