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शिक्षक की शिक्षा ही है जो हमारे जीवन को सही दिशा देती है और हमें सफलता की ओर आगे बढ़ाती है। यदि शिक्षक न होते तो शायद हमारा समाज या यूं कहें कि पूरा विश्व आज इतना आगे न बढ़ा होता। सीखना एक अलग प्रक्रिया है लेकिन सीख कर सीखाना एक अलग चीज है। जरूरी नहीं कि सीखने वाला वही चीज दूसरों को सिखा सके। इसीलिए सिखाने वाला कोई साधारण व्यक्ति नहीं होता। भगवान और माता-पिता के बाद शिक्षक ही होता है जो एक बच्चे का भविष्य बनाता है। आइये पढ़ते हैं शिक्षक दिन को समर्पित यह ” शिक्षक दिवस पर दोहे ” दोहा संग्रह :-
शिक्षक दिवस पर दोहे
1.
जन्म दिए माता-पिता, शिक्षक देते ज्ञान।
शिक्षा कारण मिल रहा, आज हमें सम्मान।।
2.
शिक्षक शिक्षा बांटता, तरु दे जैसे छाँव।
लो इनसे आशीष तुम, छूकर इनके पाँव।।
3.
शिक्षक जलते दीप सा, शिक्षा उसका नूर।
अंधकार अज्ञान का, करते ज्ञान से दूर।।
4.
माँ देती है जन्म हमें, शिक्षक देते ज्ञान।
पिता से मिलता नाम है, तब बनती पहचान।।
5.
शिक्षा यदि संजीवनी, शिक्षक हैं हनुमान।
मृत स्वप्नों में डालते, इस औषधि से जान।।
6.
शिक्षक है यह जिंदगी, हम हैं इसके शिष्य।
अनुभव रुपी ज्ञान से, सुन्दर बने भविष्य।।
7.
बिन शिक्षक संभव नहीं, करे समाज विकास।
ज्ञान यदि नहीं बांटते, होता ना इतिहास।।
8.
शिक्षक ने ही हैं दिए, योद्धा कई महान।
करते सेवा देश की, और बढ़ाते शान।
9.
बिन शिक्षक बनता नहीं, कोई यहाँ महान।
प्रभु सम जीवन में सदा, होता उनका स्थान।।
10.
शिक्षक अपने शिष्य का, करते हैं उद्धार।
जो उनकी सेवा करे, पाये सिद्धि अपार।।
इस दोहा संग्रह का विडियो यहाँ देखें :-
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