Home » शायरी की डायरी » शायरी इन हिंदी By संदीप कुमार सिंह | शायरी संग्रह – 6

शायरी इन हिंदी By संदीप कुमार सिंह | शायरी संग्रह – 6

by Sandeep Kumar Singh
2 minutes read

शायरी इन हिंदी by संदीप कुमार सिंह । शेर-ओ-शायरी संग्रह – 6।

शायरी इन हिंदी By संदीप कुमार सिंह

शायरी इन हिंदी By संदीप कुमार सिंह

1. दर्द शायरी

गुजरे वक़्त के अंधियारों में कहीं आज
दिल में यादों का चिराग जल रहा है,
दर्द छिपाने को ज़माने से चेहरे पर मेरे,
मुस्कुराहटों का सिलसिला आज चल रहा है।

 २. शायरी बदनसीब

ग़मों से दूर नहीं ख़ुशी की तलाश में निकला हूँ,
बड़ा ही खुशनसीब हूँ इस आस में निकला हूँ,
बहुत ठोकरें खा कर संभला हूँ मैं जिंदगी में
इसीलिए आज होश-ओ-हवाश में निकला हूँ।

3. शायरी गरीब

बहुत से गरीब देखे थे मैंने जिंदगी में
पर एक अजीब देखा था,
कुछ भी न था उसके पास सिवाए पैसे के।

4. इन्तेजार शायरी

बड़ी देर से तनहा बैठा मैं
किसी के इजहार का इन्तजार कर रहा हूँ,
हो गया है यकीन उसके ना आने का
और मैं फिर भी उसका ऐतबार कर रहा हूँ।

5. ख्वाहिशें शायरी

तेरे रोने से जो पूरी हों
वो ख्वाहिशें मर जाएँ,
मुस्कुराहट बरकरार रखने को तेरी
हम सारी जिंदगी ठहर जाएँ।

6. धोखे शायरी

तेरी याद में हम खुद को
तन्हाई की आग में रखते हैं,
जब से खाये हैं धोखे
दिल दिमाग में रखते हैं।

7. ख़ामोशी शायरी

चुप रह कर भी कई बातें बयां होती हैं,
आजमा कर देखा है मैंने
खामोशी की भी जुबाँ होती है।

८. गम शायरी

बड़ी तारीफ़ सुनी थी तेरी महफ़िलों में हमने,
बड़े मजबूर नजर आये देखा तो
क्या हालत कर दी तुम्हारी गम ने।

९. अलफ़ाज़

बहुत ताज्जुब में है हम
देख तेरे अंदाज ये जो हैं,
लगते हैं कहीं देखें से हैं
दर्द भरे तेरे अलफ़ाज़ ये जो हैं।

१०. पहचान शायरी

जिसकी तारें जुड़ जाती हैं रब से
वो कहाँ इंसान की पहचान देखता है,
देखता है फिर वो खुदा सब में
न हिन्दू देखता है न मुस्लमान देखता है।

११. तमन्ना शायरी

न कर तमन्ना ए दिल  तू किसी को पाने की
बड़ी बेदर्द निगाहें हैं इस ज़माने की,
खुद को बना ले काबिल इस कदर
कि रखे लोग तमन्ना सिर्फ तुझे पाने की।

१२. चाहत शायरी

तेरे चेहरे का दीदार चाहते हैं
खुद से ज्यादा तुझे हम ऐ दिलदार चाहते हैं,
जिंदगी मिले मुझको ऐ खुदा जितनी बार
बस उसे ही हम अपना हर बार चाहते हैं।

१३. बदलाव शायरी

कभी नजर तो कभी नजरिया बदला है
कभी दिल तो कभी दिलदार बदला है,
आजमा कर देख चुका हूँ मैं हर दांव रिश्ते का
हालातों के अनुसार सबका प्यार बदला है।

१५. जज्बात शायरी

बड़ी बेरहम है ये दुनिया
किसी से न दिल की बात कर,
मजाक बना कर रख देगी दुनिया,
पहले खुद को बना
फिर बयां जज़बात कर।

१५. जफ़ा

मतलबी लोगों के शहर में हम
सबमें वफ़ा ढूंढ रहे हैं,
बहुत परेशान किया है दुनिया वालों ने,
और हम हैं की जफ़ा ढूंढ रहे हैं।

१६. नींद शायरी

सपने वही देखते हैं
जो चादर तान के सोते हैं,
नींद कहाँ आती है
जिन्हें ख्वाब पूरे करने होते हैं।

झूठी दुनिया के झूठे लोग – संदीप कुमार सिंह का शायरी संग्रह

शायरी इन हिंदी अगर आपको पसंद आई तो इसे शेयर करे, अपने विचार हमें दे, और नए नए शायरी पाने के लिए हमसे जुड़े रहे।

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.