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शहीद सैनिकों पर कविता :- फिर कुछ लाल भारती के | Shaheed Sainiko Par Kavita

by ApratimGroup
2 minutes read

14 फ़रवरी, 2019 का वो दिन जिस दिन हमारे 40 जवान देश के लिए शहीद हो गए। उन्हीं शहीदों को समर्पित है यह “ शहीद सैनिकों पर कविता ” :-

शहीद सैनिकों पर कविता

शहीद सैनिकों पर कविता

चुग दाना मिट्टी से कुछ पंछी मुक्त हो गए।
फिर कुछ लाल भारती के अमर शहीद हो गए।

आंख में देकर आँसू नील अम्बर में खो गए,
आघात सहकर दुश्मन का नींद में फिर सो गए।
केसर घाटी में शत्रु ने कैसा खेल रचाया,
धरती के स्वर्ग को रंग लहू का पहनाया।
रो रही आज धरती अम्बर भी साथ रोया,
आंसुओं से है वीरों की शहादत को धोया।

वीर चौवालिस एक साथ चिर निंद्रा में सो गए।
फिर कुछ लाल भारती के अमर शहीद हो गए ।

उस माँ के सीने में फिर शोला दहका होगा,
बेटों की शहादतों को जिसने देखा होगा।
उस पत्नी के मन में भी गुस्सा फूटा होगा,
मेहंदी का रंग भी न जिसकी सूखा होगा।
बहनों की बातों से अश्रु सैलाब बहा होगा,
हाथों में राखी ले फिर उठने को कहा होगा।

यादों की माला वो सबके दिलों में पिरो गए
फिर कुछ लाल भारती के अमर शहीद हो गए ।

अश्रु छिपा आँखों में पिता मन में रोया होगा।
जिसने बेटे को पुलवामा में खोया होगा,
आँख में अश्क लिए वो फौजी भी रोया होगा।
जिसने शहीदों की श्रधांजलि धुन बजाया होगा,
हर माँ चाहे उसका बेटा ऐसा काम करे,
सम्पूर्ण देह अपनी मातृभूमि के नाम करे।

जली चिता शहीदों की जो सदा के लिए सो गए,
फिर कुछ लाल भारती के अमर शहीद हो गए।

करूं नमन उनको जो देश के लिए शहीद हुए,
वतन के लिए खुद को आसमाँ में रोशन कर गए।
कुरबान किये सपने सारे रिश्ते नातों को,
शहीद हो मातृभूमि पर खुद को अजर कर गए।
पैदा हुए एक माँ से जो देश के बेटे बन गए,
तुम पूरे देश का सर गर्व से ऊंचा कर गए।

अपने पीछे इक नए जज्बे का बीज तुम बो गए,
फिर कुछ लाल भारती के अमर शहीद हो गए।

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harish chamoliमेरा नाम हरीश चमोली है और मैं उत्तराखंड के टेहरी गढ़वाल जिले का रहें वाला एक छोटा सा कवि ह्रदयी व्यक्ति हूँ। बचपन से ही मुझे लिखने का शौक है और मैं अपनी सकारात्मक सोच से देश, समाज और हिंदी के लिए कुछ करना चाहता हूँ। जीवन के किसी पड़ाव पर कभी किसी मंच पर बोलने का मौका मिले तो ये मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी।

‘ शहीद सैनिकों पर कविता ‘ ( Shaheed Sainiko Par Kavita ) के बारे में कृपया अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे लेखक का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

4 comments

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Vinod Kumar Mishra नवम्बर 21, 2022 - 1:12 अपराह्न

This poem is very nice and heartily nice

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Vidyananad Pandey नवम्बर 1, 2021 - 3:31 पूर्वाह्न

thank you very much

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M फ़रवरी 17, 2020 - 2:01 पूर्वाह्न

Beautiful poem. I posted it on Twitter with your name on it. :)

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 7, 2020 - 6:27 अपराह्न

Thank You very much

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