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Retirement Ki Kavita In Hindi – जब काम करते-करते एक उम्र बीत जात है तो समय आता है रिटायरमेंट के दिन का। उस दिन क्या होती है उस व्यक्ति ki परिस्थिति आइए जानते हैं इस ” रिटायरमेंट की कविता इन हिंदी ” में :-
रिटायरमेंट की कविता इन हिंदी
दिन-दिन गिन-गिन हमने
थे बरसों यहाँ बिताए,
आज यहाँ से अपने
दिन जाने के आए।
साथ लिए जाएंगे हम
बीते पल कि हर याद
अब न आना होगा अपना
कभी आज के बाद।
सबसे माफी मांगते हैं
दिल जिसका हमने दुखाया,
आप सभी के साथ से ही
मैंने ये समय बिताया।
कितना काम पड़ा है बाकी
अब न सोचना होगा,
न अब आना होगा अपना
न ही लौटना होगा।
अब तो बस अपने ही
घर मे डेरा डालेंगे,
बची-खुची ज़िंदगी अपनी
संग परिवार गुजरेंगे।
कभी-कभी जब याद हमें
बीते दिन की आएगी,
सच कहते यहीं यारों आँखें
अपनी भर जाएंगी।
हम तो छोड़ चले ये बगिया
रहना तुम आबाद
खुशियां दूर न हो तुमसे
बस करते ये फ़रियाद।
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