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रावण का परिवार :- रावण के पारिवारिक सदस्यों की जानकारी

by Sandeep Kumar Singh
4 minutes read

जैसा की आप सब जानते हैं कि विजयादशमी क्यों मनाई जाती है। जी हाँ, इस दिन राम जी ने रावण का संहार किया था। भगवान् राम को कौन नहीं जनता? सारा जग उनकी महिमा का गुणगान करता है। पर शायद ही कोई उस युद्ध में मारे गए रावण के और उसके परिवार के बारे में जनता हो। अगर नहीं जानते तो कोई बात नहीं। हम आपके लिए लायें हैं रावण के परिवार की जानकारी लेख ‘ रावण का परिवार ‘ में :-

रावण का परिवार

रावण का परिवार

रावण के नाम और उनके अर्थ

रावण के जन्म के समय उसके दस सिर थे इस कारण उसका नाम दशानन या दशग्रीव रखा गया था। जिसमें ‘ दश ‘ का अर्थ दस और ‘ आनन ‘ का अर्थ मुख है। लंका का राजा होने के कारण उसे लंकापति या लंकेश भी कहा जाता है। सबसे प्रसिद्द नाम रावण का अर्थ है दूसरों को रुलाने वाला या गर्जन। यह नाम भगवान् शंकर ने उन्हें दिया था।


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रावण का जन्म स्थान

ऐसा माना जाता है की गौतम बुद्ध नगर जिले के अन्दर बिसरख नाम के गाँव में रावण का जन्म हुआ था। ऐसा भी माना जाता है की इस गाँव का नाम रावण के पिता विश्रवा के नाम पर पड़ा है। पहले इस गाँव का नाम विश्रवा ही था मगर समय के बदलते इसका नाम बदलकर बिसरख हो गया। यहाँ पर एक शिवलिंग है जिसकी रावण और उसके पिता विश्रवा पूजा किया करते थे। ये स्वयंभू शिवलिंग 100 साल पहले ही धरती से निकल गया। यह अष्टकोण के आकार में है।

यहाँ दशहरा नहीं मनाया जाता है। दशहरे के दिन यहाँ रावण की मृत्यु का मातम मनाया जाता है। रावण को समर्पित एक मंदिर यहाँ बनाया जा रहा है। जिसकी लागत 2 करोड़ रुपये है। इसमें 42 फुट लम्बा शिवलिंग होगा और 5..5 फुट का रावण का चित्र लगाया जाएगा।

Ravan Ke Pita Ka Naam
रावण के पिता का नाम

विश्रवा :- विश्र्वा महान ऋषि पुलस्त्य के पुत्र थे। विश्र्वा का अर्थ है वेद ध्वनि सुनने वाला। उनकी दो पत्नियां थीं। एक का नाम देववर्णिनी था और एक का नाम कैकसी था।

Ravan Ki Mata Ka Naam
रावण की माता का नाम

रावण की माता का नाम कैकसी था। कैकसी एक राक्षसी थी। कैकसी को केशिनी और निकषा के नाम से भी जानी जाती है। वह विश्रवा मुनि की दूसरी पत्नी थीं। कैकसी ने रावण जैसा पुत्र प्राप्त करने के लिए ही विश्रवा मुनि से विवाह किया था ताकि वो देवताओं को हरा कर राक्षस वंश को बढ़ा सके।

रावण के दादा और दादी का नाम

रावण के दादा ब्रह्मा के पुत्र महर्षि पुलस्त्य थे और दादी का नाम हविर्भुवा था।

Ravan Ke Nana Aur Nani Ka Naam
रावण की नाना और नानी का नाम

रावण के नाना का नाम सुमाली और नानी का नाम केतुमती था।


पढ़िए :- नानी की तारीफ़ सुनाती एक बेहतरीन कविता


रावण के भाइयों और बहनों के नाम

रावण के भाई कुम्भकर्ण, विभीषण थे। खर और दूषण रावण के मौसी के पुत्र थे। रावण का एक सौतेला भाई कुबेर भी था। जो रावण की सौतेली माँ देववर्णिनी के पुत्र थे। उसकी दो बहनें भी थी जिनका नाम शूर्पणखा और कुम्भिनी था।

रावण की पत्नियों के नाम

मंदोदरी असुरों के राजा मायासुर और उसकी पत्नी अप्सरा हेमा की पुत्री थी। मंदोदरी के इलावा उसकी एक पत्नी ध्न्यमालिनी भी थी।

रावण के पुत्रों के नाम

ये सब पढ़ कर रावण के कितने पुत्र थे ये सवाल तो अपने आप मन में आ जात्रा है तो आइये जानते हैं रावण के पुत्रों के बारे में :- रावण के त्रिशिरा, इन्द्रजीत और अक्षयकुमार पुत्र हुए हैं। मेघनाद ही इन्द्रजीत था। उसका ये नाम इंद्र को युद्ध में जीत लेने के कारण पड़ा। अतिकाय उसकी दूसरी पत्नी ध्न्यमालिनी का पुत्र था।

रावण का निवास स्थान

लंकापुरी, जोकि विश्वकर्मा जी ने राक्षसों के लिए बनायीं थी। विष्णु जी के डर से सारे राक्षस वह लंका छोड़ के चले गए। बाद में विश्र्वा जी ने कुबेर जी को दे दी। बाद में रावण ने कुबेर से यह लंका छीन ली और कुबेर को वहां से निकाल दिया। बाद में रावण ने इस पास अपना आधिपत्य स्थापित कर लिया।

पढ़िए क्यों हुआ रावण का जन्म – रावण के पूर्वजन्मों का इतिहास और जानिए रावण से जुड़ी हर जानकारी और रावण के संपूर्ण इतिहास के बारे में।

ये था रावण का परिवार । हम आशा करते हैं कि आपको यह रचना अवश्य पसंद आई होगी।  अपने बहुमूल्य विचार कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें।

पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग पर इन पौराणिक पात्रों का जीवन परिचय :-

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

63 comments

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Neeraj Mina अक्टूबर 5, 2022 - 8:21 पूर्वाह्न

Bagwan h too aagrejo ke gulam koy bane tab bagwan kha jak mara rha taa jab mugal aaye. Tab bagwan kha mara rha taa ye batao ye sab kalpnik logo ko chutiya banana band karo ase danda h murko ko samaj nhi aayegi jab tum bimar ho lag jaye too hospital mat jao mandir jao tik ho jayega h na murko

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Arpit rajak जुलाई 24, 2022 - 7:43 पूर्वाह्न

श्रीराम तथा रावण के पारिवारिक मूल्यों में अंतर श्रीरामचरितमानस में उदाहरण सहित kripya aap meri esme kuch sahayta kr sakte h

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sakasham mishra दिसम्बर 29, 2021 - 11:34 अपराह्न

jab ram aur ravan ki yudh hua to usme narantak aur kalnemi bhi ye sb kon the

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Mahesh prajapati मई 23, 2020 - 3:22 अपराह्न

रावण को राक्षस कुल का कहा जायेगा या व्राह्मण कुल का

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मई 23, 2020 - 4:31 अपराह्न

कुल पिता से होता है तो रावन को ब्राह्मण ही माना जाएगा मेरे हिसाब से…

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Neeraj kumar अप्रैल 13, 2020 - 12:26 अपराह्न

SIR kuber kiska putra tha rambha ka ya hema ka spast kre

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 13, 2020 - 3:31 अपराह्न

Sir is article me kuber ki maa a naam diya gya hai. Please Read it carefully.

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Jai Narayan Thakur अप्रैल 3, 2020 - 1:55 अपराह्न

Nice

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Hariom mishra नवम्बर 22, 2019 - 11:59 अपराह्न

सब भगवान की माया है जो चाहे कर सकता है

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Dharmendra kumar dharm नवम्बर 3, 2019 - 11:20 अपराह्न

Kuber ,ravan ka shautela bhai tha ye kis granth men likha hai ? Shautela bhai tha ya chachera bhai tha batane ki kripa prdan ki jay.book ka naam bhi bataben..

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh नवम्बर 5, 2019 - 4:22 अपराह्न

वाल्मीकि कृत रामायण पढ़िए उसमें सब लिखा है।

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Raju enwati अक्टूबर 10, 2019 - 1:28 अपराह्न

Kiyo nhi rawn ke putal jalna chaye

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Babita Tripathi अक्टूबर 9, 2019 - 11:51 अपराह्न

संदीप जी आप ने ऋषि विश्रवा की एक पत्नी का नाम देववर्णिनी बताया है जब कि कही कहीं पुण्योतकटा बताया जाता है ।क्या ये दोनों नाम एक ही स्त्री के थे? वैसे आपकी बाकी जानकारी अत्यंत रोचक व तथ्यपूर्ण है।????.

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Chandegra Vaishali अक्टूबर 8, 2019 - 7:01 अपराह्न

Brahamaji ka vansh prajapati tha….aur ravan braman tha….ye kya confusion hai ??????
Aur ha ye bhi ki braham ji prajapati hai…ye koy cast ke liye hai ya sirf nunko diya gya sanman hai…????

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Arsh अक्टूबर 4, 2019 - 10:31 अपराह्न

Very nice story thanks alot bhaiya mere is story ke karan third prize aya story writing competition me so thanku very much

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रावण का परिवार संदर्भ। सितम्बर 15, 2019 - 8:01 अपराह्न

संदीप जी यह तो लगभग सभी लोग जानते थे कि शूर्पणखा रावण की बहन थी, परन्तु आपने हमें यह नयी जानकारी दी कि
कुम्भिणी भी रावण की दूसरी बहन थी। इसके अलावे आप ने
ओर बहुत सी नयी नयी जानकारियों से अवगत कराया ईसके
लिये बहुत बहुत धन्यावाद जी। शिवबालक राय पटना बिहार।

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Bhawani मई 22, 2021 - 10:05 पूर्वाह्न

आपने गलत बताया।
लंका विश्वक्रमा जी ने पारवती के हठ बाद महादिव जी के कहने पर बनाई थी।

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मई 22, 2021 - 3:07 अपराह्न

आदरणीय भवानी जी, हमें यह जानकारी शिव पुराण से नहीं अपितु वाल्मीकि कृत रामायण से ली है। यदि आपके पास पर्याप्त समय हो तो कृपया उत्तर काण्ड के ग्यारहवें सर्ग के श्लोक संख्या 28 से आगे के सारे श्लोक अर्थ सहित जरूर पढ़ें। अगर फिर भी आपको यह जानकारी गलत लगे तो हमें जरूर सूचित करें। धन्यवाद।

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Amar अगस्त 25, 2019 - 9:52 पूर्वाह्न

Bahut sunder hai ye….thik h!!!

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दिनेस अगस्त 20, 2019 - 8:50 अपराह्न

धन्यावाद

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Veenesh kohli जुलाई 10, 2019 - 6:34 अपराह्न

रावण के नातीओ के नाम बताएं
सर जी

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जुलाई 16, 2019 - 3:23 अपराह्न

Veenesh जी अगर हमें इस बारे में कोई भी जानकारी मिलती है तो उसे अपने पाठकों के साथ जरूर साझा करेंगे….

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MK. Nehra जुलाई 2, 2019 - 8:42 अपराह्न

Sandeep. Ji mja aa gya bahut kuch sikhne ke liye mila Thanks Sandeep. Ji

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rahul gandhi मई 26, 2019 - 11:57 अपराह्न

Comment Text * ravan ka bachpan ka naam kya tha

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मई 30, 2019 - 11:53 पूर्वाह्न

दशग्रीव..

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Anand Kumar Soni मई 24, 2019 - 10:34 पूर्वाह्न

Bhai sahb ravan K पित्ता जी का नाम किस पुस्तक मे लिखा हुआ ह क्या आप हमे बतायेगे

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मई 24, 2019 - 12:04 अपराह्न

जी बिलकुल महर्षि वाल्मीकि कृत रामायण पढ़िए आपको मिल जाएगा नाम हमने भी वहीं से देखा है….

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उगमाराम कुमावत अप्रैल 6, 2019 - 10:48 अपराह्न

बहुत बहुत धन्यवाद जी.दो दिन पहले ही रावण के दादा के बारे पता करना था.सो आपके ब्लॉग से यह जानकारी हुई.

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संदीप मार्च 12, 2019 - 1:46 अपराह्न

आपने लिखा कि रावण जे जन्म के समय 10 सिर थे
ओर हमारे ज्ञान के हिसाब से रावण को ब्रह्मा जी की तपस्या से वरदान में10 सिर मिले तो जन्म के कैसे हुवे

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मार्च 12, 2019 - 3:51 अपराह्न

जी ये जानकारी रामायण से ली गयी है। आशा करते हैं आप भी पढ़ लेंगे।

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पंकज भट्ट अक्टूबर 26, 2018 - 1:52 अपराह्न

बहुत बहुत धन्यवाद , और जानकारी पाकर अति प्रसन्नता हुई
भट्ट जी आपको प्रणाम करते हैं , संदीप कुमार सिंह जी

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raj अक्टूबर 25, 2018 - 9:16 अपराह्न

अहिरावण रावण का भाई था या मित्र कोई बताता है मित्र था आप बता रहे है भाई था सही क्या है

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 26, 2018 - 2:24 अपराह्न

राज जी वाल्मीकि द्वारा रचित रामायण के अनुसार अहिरावण रावण का भाई था।

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RAVI koshiya अक्टूबर 16, 2018 - 9:17 अपराह्न

very good information….

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 16, 2018 - 9:30 अपराह्न

धन्यवाद रवि जी।

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संजय अक्टूबर 12, 2018 - 8:29 अपराह्न

वाह मजेदार यहां सब कुछ। ज्ञान वर्धक है।

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 12, 2018 - 9:03 अपराह्न

धन्यवाद संजय जी।

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Sandhya yadav अक्टूबर 6, 2018 - 2:56 अपराह्न

Hame bhi rawan k bare me janker achchha laga thanks

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Harish Gurjar जुलाई 21, 2018 - 9:37 अपराह्न

भाई favreat हे अपना Ravan ।।।।

बताने के लिए tnxx

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जून 1, 2018 - 6:49 पूर्वाह्न

Blog par aane ke liye Aapka bhi dhanywad Balveer Sain ji….

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RUDRA KUMAR THAKUR मई 31, 2018 - 8:07 अपराह्न

Sandeep Singh ji, aapki rachna wakai behad rochak tathyon se bharpur hai. Aur sath hi aapane jo citation diya hai isse yakin bhi karna aasan ho jata hai.

Haan, apne jo dusron ke dwara copy kar lene ki bat kahi hai to mai aapse ek request karna chahunga ki aap kripya apne website ko copyright karwa lijiye.
Namaskar.

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जून 1, 2018 - 6:47 पूर्वाह्न

Dhanyawad Rudra ji…Copyright to blog ka hota hi hai sir hume ye nhi pta chal pata ki chori kisne ki hai. .

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Harish अप्रैल 26, 2018 - 10:00 अपराह्न

बहुत अच्छी जानकारी है। इस तरह की जानकारी हमे होना ही चाहिए। अवध्य ही पाठकों को लाभ मिलेगा।

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Devisingh अप्रैल 25, 2018 - 9:05 पूर्वाह्न

Thank you

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Suresh prasad जनवरी 24, 2018 - 1:45 अपराह्न

Sandip ji jankari to aapne achhi di lekin ravan ki maa kekshi kish jati ki thi ye to aapne bataya hi nahi pls ye batane ka kast kare

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 24, 2018 - 3:05 अपराह्न

सुरेश प्रसाद जी इसके लिए आप हमारे ब्लॉग पर रावण का इतिहास पढ़ें। उसमे सम्पूर्ण जानकारी देने का प्रयास किया गया है।

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Dinesh nautiyal जनवरी 17, 2018 - 11:48 पूर्वाह्न

रावण की पुत्री का कोई भी वर्णन नहीं है जी हम जाना चाहते हैं कि रावण की पुत्री भी थी कि नहीं

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 17, 2018 - 3:49 अपराह्न

मेरे ज्ञान के अनुसार रावण की कोई पुत्री नहीं थी। इसके अलावा सबके अपने-अपने तथ्य हैं।

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बलवीर सैन दिसम्बर 7, 2017 - 12:49 अपराह्न

रावण के बारे में जानकारी दी इसके लिए आपका धन्यवाद

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Sagar gurjar दिसम्बर 4, 2017 - 6:16 अपराह्न

Very nice

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh दिसम्बर 6, 2017 - 2:11 अपराह्न

Thanks Sagar Gurjar ji.

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अभी अहिरवार नवम्बर 22, 2017 - 9:28 अपराह्न

Mja Aa gya कुछ भी नहीं pta tha mujhe

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh नवम्बर 23, 2017 - 8:08 अपराह्न

अभी अहिरवार जी इसीलिए तो हम यहाँ हैं कि आपको रोचक जानकारियां दे सकें।

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अभी अहिरवार नवम्बर 22, 2017 - 9:27 अपराह्न

बहुत बहुत dhanyabad very nice thanks

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Ritesh Pathak नवम्बर 9, 2017 - 5:33 पूर्वाह्न

bahut bahut dhanybad sandeep JI grantho ka jankari dene ke liye

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh नवम्बर 9, 2017 - 11:01 पूर्वाह्न

Ritesh pathak ji ye to hamari jimmewari hai…. Aap isi tarah humare sath bane rahe dhanyawad.

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ASHOK KUMAR अक्टूबर 16, 2017 - 1:58 अपराह्न

very happy ravan ji ke bare me jankari dene ki

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 17, 2017 - 6:38 पूर्वाह्न

हमें भी अच्छा लगा कि आपको यह जानकारी अच्छी लगी। अधिक जानकारी ले लिए इसी तरह हमारे साथ बने रहें। धन्यवाद।

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soni अक्टूबर 9, 2017 - 12:46 अपराह्न

thanks g Ravan g ke baare main jaankaari deyne ke liye

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 9, 2017 - 1:30 अपराह्न

आपका भी बहुत बहुत धन्यवाद सोनी जी पढ़ने के लिए। ☺

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रेनू सिंघल सितम्बर 27, 2017 - 9:47 अपराह्न

बहुत अच्छी जानकारी रावण के बारे मे जो अब तक मालुम नहीं थीं |

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 28, 2017 - 6:58 पूर्वाह्न

धन्यवाद रेनू सिंघल जी।

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Bhawani मई 22, 2021 - 10:15 पूर्वाह्न

इसमे कुछ गलत भी बताया गया है ।

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