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रक्षाबंधन पर दोहे – भारत एक त्योहारों का देश है। यहाँ समय-समय पर कोई न कोई त्यौहार मनाया जाता है। इसी तरह भाई-बहन के प्यार को दर्शाता एक त्यौहार है :- रक्षा बंधन। रक्षाबंधन, भाई और बहन के प्रेम को दिखाता एक पवित्र पर्व है। भारत एक साहित्य धनी देश भी है। इसमें दोहे का एक खास स्थान है। हमारे एक रचनाकार ने रक्षाबंधन पर दोहे लिख हमें भेजी है। तो पढ़िए रक्षाबंधन पर दोहे।
रक्षाबंधन पर दोहे
आता है हरबार ये,
राखी का त्योहार ।
राखी रंग बिरंग के,
सजे पड़े बाजार ।
रंग-बिरंगी है छटा,
राखी है अनमोल ।
कीमत इसका प्यार है,
पैसों से मत तोल ।।
बहनों की रक्षा करना,
देती यह संदेश ।
भाई-बहन का जग में,
प्यार न होगा शेष ।।
भैया से बहन मिलने,
रहती आस लगाय ।
सावन का ये पर्व है,
कब ये सावन आय ।।
बहना करती आरती,
तिलक लगा के माथ ।
फिर मुँह मीठा करती,
बांध के राखी हाथ ।।
कच्चा धागा बांध के,
बहना यूं हर्षाय ।
मेरी उमर तुझे लगे,
ईश्वर होय सहाय ।।
दुनियां की हर भाभियां,
सुन लो कान लगाय ।
ननदी का अधिकार है,
इस दिन नैहर आय ।।
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रचनाकार का परिचय
यह रचना हमें भेजी है आदरणीय विनय कुमार जी ने जो की अभी रेलवे में कनिष्ठ व्याख्याता के रूप में कार्यरत हैं।
रचनाएं व अवार्ड: इनकी रचनाएं देश के 50 से अधिक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है। जिस के फलस्वरूप आप कई बार सम्मानित हो चुके हैं। गत वर्ष 2018 का रेलमंत्री राष्ट्रीय अवार्ड भी रेल मंत्री ने दिया था।
लेखन विद्या: गीत, ग़ज़ल, दोहा, कुण्डलिया छन्द, मुक्तक के अलावा गद्य में निबंध, रिपोर्ट, लघुकथा इत्यादि। तकनीकी विषय मे हिंदी में लेखन।
‘ रक्षाबंधन पर दोहे ‘ ( Rakshabandhan Par Dohe ) के बारे में अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।
धन्यवाद।
2 comments
Good lines on rakhi…
भाई – बहन को आपस मे लड़ना- झगडना रूठना – मनाना, यह संसार का सबसे अलग रिश्ता है, भाई बहन के घर पहुंचे या न पहुंचे, बहन आही जाती है, इसीलिए तो बहन की सुरक्षा के लिए सौ जन्म समर्पित.