Home » हिंदी कविता संग्रह » Poem On Unity In Hindi | एकता पर कविता: एकता की जीत पद्यकथा

Poem On Unity In Hindi | एकता पर कविता: एकता की जीत पद्यकथा

7 minutes read

( Poem On Unity In Hindi ) एकता पर आधारित कविता – ‘ एकता की जीत ‘ , पंचतंत्र की एक कहानी का पद्य में रूपांतरण है। इस बालोपयोगी पद्यकथा में बताया गया है कि एक हाथी अपनी ताकत के घमंड में गौरैया के अंडे फोड़ देता है। रोती हुई गौरैया की मदद करने के लिए तीन छोटे जीव हुदहुद, मधुमक्खी और मेंढक आगे आते हैं। वे अपनी बुद्धि का उपयोग करके हाथी को एक गहरे गड्ढे में गिराकर मार देते हैं। इस कहानी से शिक्षा मिलती है कि हम एकता और बुद्धि के बल पर बड़े से बड़े शत्रु को भी हरा सकते हैं। साथ ही यह कहानी हमें बुरे काम से बचने की भी सुन्दर सीख देती है।

Poem On Unity In Hindi
एकता पर आधारित कविता

Poem On Unity In Hindi एकता पर आधारित कविता

एक घने जंगल के अन्दर
था जामुन का पेड़ पुराना,
गौरैया के इक जोड़े ने
बना उसी पर लिया ठिकाना। 1।

एक घोंसला बना लिया था
उन दोनों ने उसी पेड़ पर,
अब वे कल के सुन्दर सपने
देखा करते वहीं बैठकर। 2।

दो अंडे फिर गौरैया ने
दिए नीड़ में उचित समय पर,
इससे उनकी जीवन – बगिया
गई खुशी की खुशबू से भर। 3।

मादा गौरैया तो जैसे
भूल गई चुगना ही दाना,
अंडे सेने में अब उसको
अच्छा लगता समय बिताना। 4।

नर गौरैया भी अब घर से
बाहर कम ही आता-जाता,
रहे देखता बस अंडों को
मन के उसको यही सुहाता। 5।

अंडों से बच्चे निकलेंगे
यही सोचकर वे खुश होते,
एक एक दिन बिता रहे थे
आँखों में वे सपने बोते। 6।

एक बार गर्मी से व्याकुल
हाथी एक वहाँ पर आया,
चूर नशे में हो ताकत के
उसने वह था पेड़ हिलाया। 7।

“गिर जाएँगे अंडे मेरे
करो न ऐसा हाथी भैया”,
आँखों में तब आँसू भरकर
बोली थी मादा गौरैया। 8।

हाथी बोला – “तेरे अंडे
जिएँ मरें मुझको क्या करना,
हट भी जा मेरे आगे से
मारी तू जाएगी वरना।” 9।

उठा सूंड को तब हाथी ने
खींच घोंसला उनका तोड़ा,
फूट गए अंडे नीचे गिर
गौरैया का रोता जोड़ा। 10।

सुनकर रोना उन दोनों का
उनका साथी हुदहुद आया,
बात कही बदला लेने की
और उन्हें था धैर्य बँधाया। 11।

बोला – इस पापी हाथी को
अब तो मिलकर मजा चखाना,
मित्र हमारी है मधुमक्खी
पास उसी के मुझको जाना। 12।

मधुमक्खी ने बात सुनी तो
बोली – मेंढक दोस्त हमारा,
अगर साथ में उसको लें तो
हमें मिलेगा बड़ा सहारा। 13।

उस मेंढक के पास पहुँचकर
जब हाथी की बात बताई,
मेंढक ने तब सोच समझकर
एक युक्ति थी उन्हें सुझाई। 14।

खुश होकर वे तीनों साथी
निकट पेड़ के जब हैं आते,
अंडों पर आँसू ढलकाते
गौरैया को अब भी पाते। 15।

हुदहुद बोला – करो न चिन्ता
गया काम से समझो हाथी,
जरा देखती जाओ अब तुम
क्या करते हम तीनों साथी। 16।

दिवस दूसरे जब वह हाथी
भीषण गर्मी से घबराया,
छाँव ढूँढता धीरे-धीरे
उसी पेड़ के नीचे आया। 17।

मधुमक्खी तब उतर पेड़ से
हाथी के कानों तक आई,
गुनगुन करके मधुर सुरों में
धुन उसने थी एक सुनाई। 18।

हाथी तो वह मंत्रमुग्ध हो
सरगम की दुनिया में खोया,
आँखें मूँदी थी मस्ती में
गहन नींद में जैसे सोया। 19।

फिर क्या था झट से वह हुदहुद
उड़ आया फैलाकर पाँखें,
चोंच मारकर जल्दी जल्दी
फोड़ी उस हाथी की आँखें। 20।

चीख उठा पीड़ा से हाथी
कुछ भी उसको नहीं सूझता,
और प्यास के कारण उसका
बुरी तरह से गला सूखता। 21।

सोचा – पानी मिल जाता तो
गर्मी से राहत मिल जाती,
तभी सुनाई पड़ी उसे थी
मेंढक की आवाजें आती। 22।

उसे लगा तालाब पास है
तभी वहाँ मेंढक टर्राता,
पानी की आशा में हाथी
उसी दिशा में भागा जाता। 23।

किन्तु नहीं तालाब वहाँ था
वह तो था बस गड्ढा गहरा,
वहीं बैठ धोखा देने को
बोल रहा मेंढक स्वर लहरा। 24।

तेज चाल से चल जब हाथी
पास बहुत गड्ढे के आया,
पैर बढ़ाकर गिरा उसी में
और कभी फिर निकल न पाया। 25।

अपने बल के आगे जो था
दुःख औरों का नहीं आँकता,
वह हाथी मर गया तड़पकर
दया मदद की भीख माँगता। 26।

अपने को समझा करता था
वह हाथी सबसे ताकतवर,
लेकिन छोटे जीवों ने ही
मार दिया था उसको मिलकर। 27।

बच्चो ! अपने इस जीवन में
जैसी अपनी होती करनी,
आगे जाकर हमको इसकी
करनी पड़ती वैसी भरनी। 28।

नहीं सताएँ हम औरों को
रखें सभी से ही अपनापन,
हमको अपने जीवन जैसा
प्यारा लगे और का जीवन। 29।

करें सामना अन्यायों का
भले बड़ा हो अत्याचारी,
मिलजुल कर हम साथ रहें तो
होगी निश्चित जीत हमारी। 30।

( Poem On Unity In Hindi ) एकता पर आधारित कविता ‘ एकता की जीत ‘ आपको कैसी लगी? अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।

पढ़िए अप्रतिम ब्लॉग की ये बेहतरीन रचनाएं :-

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.