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Kargil Vijay Diwas Poem In Hindi | कारगिल विजय दिवस पर कविता


Kargil Vijay Diwas Poem In Hindi – सन 1999 के मई महीने में शुरू हुआ कारगिल युद्ध 26 जुलाई को जाकर समाप्त हुआ। इस युद्ध की शुरुआत पाकिस्तान की तरफ से भारतीय भूमि पर कब्ज़ा करने से हुयी। इसका जवाब भारतीय सैनिकों ने बहुत ही बहादुरी के साथ दिया और पाकिस्तानी सेना को अपने क्षेत्र से खदेड़ दिया। वीरों के पराक्रम से मिली इस विजय को समर्पित किया गया 26 जुलाई का दिन कारगिल विजय दिवस के रूप में। आइये पढ़ते हैं इसी दिवस को समर्पित कारगिल विजय दिवस पर कविता :-

Kargil Vijay Diwas Poem In Hindi
कारगिल विजय दिवस पर कविता

भारतीय सैनिक पर कविता | वीरों के बलिदानों से

अधिकार जताने की साजिश को
कुछ ऐसे नाकाम किया,
घर में आये दुश्मन का
वीरों ने काम तमाम किया।

होगा अपना कश्मीर
जिसने ये ख़्वाब सजाया था,
मांग रहा था माफी उस दिन
वो घुटनों पर आया था।

शायद उसने सोचा होगा
हिंदुस्तानी डर जाएंगे,
लड़ने की खातिर न कभी वो
अपने कदम बढ़ाएंगे।

मगर हमारे योद्धाओं ने
उन्हें ऐसी धूल चटाई,
कुछ ही दिनों में उनकी
थी अक्ल ठिकाने आई।

लड़ते-लड़ते शहीद हुए
भारत माँ के कुछ लाल,
अंत समय तक बने रहे
भारत माता की ढाल।

एक बार फिर से हमने
दुश्मन को मार भगाया था,
कारगिल की चोटी पर
तिरंगा शान से लहराया था।

विजय दिवस पर वीरों की
हम कुर्बानी को याद करें,
रहें सलामत वीर हमारे
मिलकर ये फरियाद करें।

इस कविता का विडियो यहाँ देखें :-

Kargil Vijay Diwas Poem In Hindi | कारगिल विजय दिवस पर कविता | शहीदों को समर्पित देशभक्ति कविता

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धन्यवाद।

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