Home » शायरी की डायरी » रिश्तें-मोहब्बत-भावनाएं » पिता पर शायरी | पिता दिवस पर पिता को समर्पित शायरी संग्रह

पिता पर शायरी | पिता दिवस पर पिता को समर्पित शायरी संग्रह

by Sandeep Kumar Singh
3 minutes read

प्रिय पाठकों, पिता से संबंधित इस शायरी संग्रह का अर्थ यह नहीं कि मेरे मन में ‘माँ’ के प्रति प्रेम-भाव नहीं है। ऐसा मैं इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि कुछ दिन पहले मुझे मेरे एक मित्र ने मुझसे यह प्रश्न किया था कि मैं पिता के बारे में ज्यादा क्यों लिखता हूँ? तो मैंने जवाब दिया था कि माँ के बारे में तो सारी दुनिया लिखती है। मेरे पिता जी ज्यादा समय घर से बाहर ही रहते हैं शायद यही कारन है कि मेरे मन में पिता से संबंधित विचार ज्यादा आते हैं। यह बात सबको स्पष्ट रहे कि मेरे लिए माता-पिता दोनों समान हैं। मेरी तरफ से यह ‘पिता पर शायरी’ शायरी संग्रह विश्व के हर पिता को समर्पित है।

पिता पर शायरी

पिता पर शायरी | पिता दिवस पर पिता को समर्पित शायरी संग्रह

1.
चट्टानों सी हिम्मत और
जज्बातों का तुफान लिए चलता है,
पूरा करने की जिद से ‘पिता’
दिल में बच्चों के अरमान लिए चलता है।


2.
बिना उसके न इक पल भी गंवारा है,
पिता ही साथी है, पिता ही सहारा है।


3.
न मजबूरियाँ रोक सकीं
न मुसीबतें ही रोक सकीं,
आ गया ‘पिता’ जो बच्चों ने याद किया,
उसे तो मीलों की दूरी भी न रोक सकी।


4.
हर दुःख हर दर्द को वो
हंस कर झेल जाता है,
बच्चों पर मुसीबत आती है
तो पिता मौत से भी खेल जाता है।


5.
बेमतलब सी इस दुनिया में
वो ही हमारी शान है,
किसी शख्स के वजूद की
पिता’ ही पहली पहचान है।


पढ़िए :- पिता पर कविता – बंजर है सपनों की धरती


6.
जलती धूप में वो आरामदायक छाँव है
मेलों में कंधे पर लेकर चलने वाला पाँव है,
मिलती है जिंदगी में हर ख़ुशी उसके होने से
कभी भी उल्टा नहीं पड़ता ‘पिता’ वो दांव है।


7.
उसकी रातें भी जग कर कट जाती हैं
परिवार के सपनों के लिए,
कितना भी हो ‘पिता’ मजबूर ही सही
पर हमारी जिंदगी में इक ठाठ लिए रहता है।


8.
न रात दिखाई देती है
न दिन दिखाई देते हैं,
‘पिता’ को तो बस परिवार के
हालात दिखाई देते हैं।


9.
कमर झुक जाती है बुढ़ापे में उसकी
सारी जवानी जिम्मेवारियों का बोझ ढोकर,
खुशियों की ईमारत खड़ी कर देता है ‘पिता’
अपने लिए बुने हुए सपनों को खो कर।

पिता पर शायरी | पिता दिवस पर पिता पर शायरी


10.
परिवार के चेहरे पे ये जो मुस्कान हंसती है,
‘पिता’ ही है जिसमें सबकी जान बस्ती है।

पिता पर शायरी | पिता दिवस पर पिता पर शायरी


11.
बिता देता है एक उम्र
औलाद की हर आरजू पूरी करने में,
उसी ‘पिता’ के कई सपने
बुढ़ापे में लावारिस हो जाते हैं।


12.
सख्त सी आवाज में कहीं प्यार छिपा सा रहता है
उसकी रगों में हिम्मत का एक दरिया सा बहता है,
कितनी भी परेशानियां और मुसीबतें पड़ती हों उस पर
हंस कर झेल जाता है ‘पिता’ किसी से कुछ न कहता है।


13.
तोतली जुबान से निकला पहला शब्द
उसे सारे जहाँ की खुशियाँ दे जाता है,
बच्चों में ही उसे नजर आती है जिंदगी अपनी
उनके लिए तो ‘पिता’ अपनी जिंदगी दे जाता है।


14.
उसके लफ्जों को कभी गलत मत समझना
कि उसके हर अलफ़ाज़ में एक गहराई होती है,
न समझना उसकी हरकतों को अपने लिए परेशानियाँ तुम
तुम्हारे लिए तो ‘पिता’ ने दिल में एक दुनिया बसाई होती है।


15.
उसके हाथ की लकीरें बिगड़ गयी
अपने बच्चों की किस्मतें बनाते-बनाते,
उसी ‘पिता’ की आंखों में आज
कई आकाशों के तारे चमक रहे थे।

इस शायरी संग्रह का विडियो देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें :-


पढ़िए :- जीवन में पिता का महत्व बताते ” पिता पर दोहे “


‘पिता पर शायरी’ शायरी संग्रह आपको कैसा लगा? अपने विचार हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

पढ़िए पिता पर अन्य बेहतरीन रचनाएं :

 धन्यवाद।

आगे क्या है आपके लिए:

आपके लिए खास:

27 comments

Avatar
DR VIKASH KUMAWAT जनवरी 5, 2022 - 1:54 अपराह्न

पिता वह धन है।जिसको नही कमाया जाता है नही उनके एहसानो को खरीदा जा सकता ह

Reply
Avatar
Saurav Pandey अक्टूबर 30, 2019 - 9:25 पूर्वाह्न

Ji Mujhe ye Shayari Apne youtube channel ke Video mein Bolni hai Iske Liye kya mujhe ye Link hi dena hoga ki aur bhi kuch kerna hoga.

Reply
Chandan Bais
Chandan Bais अक्टूबर 30, 2019 - 11:39 पूर्वाह्न

please, blogapratim@gmail.com ya WhatsApp 9115672434 pe hame contact kre.

Reply
Avatar
Vishal अक्टूबर 2, 2019 - 11:31 पूर्वाह्न

Bhai tune aaj rula diya

Reply
Avatar
anand ahirvar मार्च 19, 2019 - 4:17 अपराह्न

me kuch sabd lena cha raha tha mere papa ki photo ke sath fb par dalne ke liye

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मार्च 21, 2019 - 10:34 अपराह्न

Ji jaroor lekin link dena na bhoolen…

Reply
Avatar
Anand ahirvar मार्च 17, 2019 - 3:44 अपराह्न

Hamare pita ji ke naam par likhna h plz

Reply
Avatar
Anand ahirvar मार्च 17, 2019 - 3:42 अपराह्न

Bahut badiya sir man ko laga hamare bhi nahi h ab vo hame chhod gaye kya ham apki likhi hui kavita ko le sakte h

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मार्च 17, 2019 - 8:16 अपराह्न

आनंद जी आप हमारी कविता को हमारे लिंक के साथ किसी भी सोशल साईट पर प्रकाशित कर सकते हैं लेकिन किसी वेबसाइट या यूट्यूब पर नहीं….धन्यवाद….

Reply
Avatar
रितेश जनवरी 2, 2019 - 8:09 पूर्वाह्न

बहुत ही खूसूरत पक्तियां

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 3, 2019 - 9:58 अपराह्न

धन्यवाद रितेश..

Reply
Avatar
Ashish Mehta अक्टूबर 10, 2018 - 12:51 पूर्वाह्न

Dhanyawaad sir. I lost my papa last year. Now in tears when read this beautiful poetry. Aisa laga aapne mere dil ki baat likh di hai.

Reply
Avatar
अनिल कुमार सितम्बर 15, 2018 - 5:14 अपराह्न

संदीप जी आपको दिल की गहराईयों से नमन्
बहुत अच्छा लिखते है आप।।।

आपकी शायरियां बहुत अच्छी लगी।

आशा करते है आप अच्छे से भी अच्छा लिखते जाये।।

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh सितम्बर 16, 2018 - 11:30 पूर्वाह्न

बहुत-बहुत धन्यवाद अनिल कुमार जी। आप जैसे पाठकों का प्यार ही लिखवा रहा है मुझे ये सब। इसी तरह हमे प्रोत्साहित करते रहिये जिससे हम और भी सुन्दर रचनाएँ आपके लिए लाते रहें। धन्यवाद।

Reply
Avatar
Shivani मार्च 2, 2018 - 10:29 अपराह्न

Heart touching lines ?? m apne papa se bahut pyar krti hoon. . Kabi ni kho skti unhe.

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मार्च 3, 2018 - 8:07 पूर्वाह्न

Thanks Shivani ji.

Reply
Avatar
Priyank Jariwala फ़रवरी 10, 2018 - 12:55 पूर्वाह्न

Pita maata aur putri ke liye bahut kuch likha gaya hai. Putra ke liye bhi kuch likhe. Putra maa baap le liye kitne acche sapne sajata hai. Putra jo chahta hai ki uski safalta uske maa baap dekhe.

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh फ़रवरी 10, 2018 - 7:10 पूर्वाह्न

जरूर प्रियांक जी हम इस विषय पर जरूर कुछ लिखेंगे।

Reply
Avatar
RAMESH B R BISHNOI जनवरी 10, 2018 - 10:43 अपराह्न

सभी शायरी अच्छी लगी
लेखक को धन्यवाद

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh जनवरी 11, 2018 - 11:14 पूर्वाह्न

सराहना के लिए आपका सहृदय धन्यवाद रमेश जी।

Reply
Avatar
Vijay Kumar Prasad नवम्बर 15, 2017 - 8:55 अपराह्न

Bahut rochak kahani hai pita ke liye

Reply
Avatar
Vijay Kumar Prasad नवम्बर 15, 2017 - 8:54 अपराह्न

Very good poems

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh नवम्बर 15, 2017 - 10:54 अपराह्न

Thanks Vijay Kumar Prasad ji…

Reply
Avatar
Pooja अक्टूबर 15, 2017 - 9:45 पूर्वाह्न

Bhut accha likha hai vo logh Bhut kush nsib hote hai jenke pas father hote hai apne parents ke kadar kare

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 15, 2017 - 9:45 अपराह्न

बिल्कुल सही बात कही आपने पूजा जी। किसी की कमी का एहसास हमें उसके न होने पर होता है। यही बात माता पिता के लिए भी लागू होती है।

Reply
Avatar
Ramanuj sahu अक्टूबर 13, 2017 - 7:49 अपराह्न

Bahut hi nice line pita hai to sansar hai Bali sb bekar hao

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अक्टूबर 13, 2017 - 8:59 अपराह्न

बिल्कुल सही बात कही रामानुज साहू जी आपने।

Reply

Leave a Comment

* By using this form you agree with the storage and handling of your data by this website.

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More

Adblock Detected

Please support us by disabling your AdBlocker extension from your browsers for our website.