प्राकृतिक कविताएँ, हिंदी कविता संग्रह

पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ पर कविता – धरती तपती आग सी


पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ – पेड़ों के काटे जाने के कारण धरती से जंगल कम होते जा रहे हैं और ग्लोबल वार्मिंग बढ़ती जा रही है। धरती का तापमान निरंतर बढ़ रहा है। बिना पेड़ लगाये इस समस्या का हल नहीं निकला जा सकता। यही सन्देश दे रहे हैं रचनाकार अपनी इस कविता में :-

पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ पर रचना

पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ पर रचना

धरती तपती आग सी,
कहीं न मिलती छाँव ।
सिर पर पहरा धूप का,
जलते सबके पाँव ।।

जलते सबके पाँव,
गलती खुद ही किया है ।
पेड़ काट के हमने,
भयंकर भूल किया है ।।

कहे विनय कविराय,
सभी जन पेड़ लगाओ ।
करके यही उपाय,
धरा को स्वर्ग बनाओ ।।


विनय कुमारयह रचना हमें भेजी है आदरणीय विनय कुमार जी ने जो की अभी रेलवे में कनिष्ठ व्याख्याता के रूप में कार्यरत हैं।
रचनाएं व अवार्ड: इनकी रचनाएं देश के 50 से अधिक पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुकी है। जिस के फलस्वरूप आप कई बार सम्मानित हो चुके हैं। गत वर्ष 2018 का रेलमंत्री राष्ट्रीय अवार्ड भी रेल मंत्री ने दिया था।
लेखन विद्या: गीत, ग़ज़ल, दोहा, कुण्डलिया छन्द, मुक्तक के अलावा गद्य में निबंध, रिपोर्ट, लघुकथा इत्यादि। तकनीकी विषय मे हिंदी में लेखन।
‘ पेड़ लगाओ पर्यावरण बचाओ पर रचना ‘ के बारे में अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

धन्यवाद।

10 Comments

  1. आप सभी का धन्यवाद । अगर मैं अपने कविता के माध्यम से लोगों को जागरूक करने में सफल रहा तो मेरी कविता धन्य हो जाएगी।

  2. बहुत ही सुन्दर लगा आपकी कविता
    इसी तरह कुछ कुछ लिख कर भेजा करे विनय जी

  3. वाह, बहुत खूब…. पर्यावरण संरक्षण पर एक उत्तम कविता। कवि के प्रयास को धन्यवाद।

  4. समय रहते पेड़ और पानी को संरक्षित और सुरक्षित नहीं रखा गया तो पृथ्वी से सभी प्राणियों की अन्त तय है.! और इसका कारण कोई युद्ध नहीं, पेड़ और जल होगा! इसलिए पेड़ लगाए और जल बचाए!

  5. Bahut hi Aachha kavita jo ki samaj ko chochne aur kuchh karne ke liye prerit karti hai khas uon logo ke liye jo soa gaye hai wo jarur jagegeia Dhanbad

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