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ज़िन्दगी एक समन्दर – जिंदगी के हालातों से सबक पर बेहतरीन हिंदी कविता

by Sandeep Kumar Singh
1 minutes read

ज़िन्दगी एक समन्दर – जिंदगी पर कविता

ज़िन्दगी एक समन्दर की तरह है। जो हमें अलग-अलग कठिनाइयों और समस्याओं रूपी लहरों से डुबोने पर तुली होती है। अगर हम तैरना मतलब की जिंदगी जीने का हुनर नही सीखेंगे तो इस समंदर में डूब जायेंगे। आइये पढ़ते हैं जिंदगी के हालातों से सबक सीखने की बात बताती ये प्रेरणादायक कविता पढ़े :

ज़िन्दगी एक समन्दर - जिंदगी के हालातों से सबक पर बेहतरीन हिंदी कविता

सीखा हुनर मैंने तैरने का,
डूबा दिया जो समुंदर ने तो,
बेवजह हमने बेवफा कह दिया।

उम्मीद लहरों से थी कि
साहिल दिला दे मुझे,
ऐसा फँसा था मझधार में मैं
कि मुझे किनारे ना दिखा।

मंडराती रही कश्तियां चारों ओर
मेरे अपनों की तरह,
हालात मेरे उनको
मेरी अदाकारी के नमूने लगे।

छोड़ चुका था हिम्मत रात अंधेरी काली में,
दिखी जो एक किरन उजाले की तो सहारा सा मिला ।

कोशिशें जारी की मैंने
नए दिन को निकलते देख,
हौसला देख मौजों ने भी
साथ दिया मेरा।
किसी तरह पहुंचा जो किनारे पर,
तो किश्ती सवारों से शाबाशी का इनाम मिला।

शुक्रगुजार हूं उस समंदर का
जिसका नाम जिंदगी है,
जीने का सबक हमको बतौर इनाम मिला।

” ज़िन्दगी एक समन्दर ” कविता के बारे में अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।

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13 comments

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मांगे लाल जुलाई 13, 2019 - 3:43 अपराह्न

अच्छा लिखा हुआ है। धन्यवाद

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kuldeep singh अगस्त 15, 2018 - 9:09 पूर्वाह्न

bahut sunder kavita …

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 15, 2018 - 10:03 अपराह्न

धन्यवाद कुलदीप सिंह जी।

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Ramesh Rishav मार्च 30, 2018 - 6:52 अपराह्न

Nice

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मार्च 30, 2018 - 8:41 अपराह्न

Thanks Ramesh Rishav ji..

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SHYAM NARAYAN DUBEY मई 23, 2017 - 8:31 अपराह्न

bahut hi achchi kavitaayen likh rahen hain aap GOD BLESS YOU

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मई 23, 2017 - 8:57 अपराह्न

धन्यवाद SHYAM NARAYAN DUBEY जी…..

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SHYAM NARAYAN DUBEY मई 23, 2017 - 8:29 अपराह्न

aap ki kavitayen man ko choo leti hai ( bahut hi achchi hai)

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh मई 23, 2017 - 8:56 अपराह्न

धन्यवाद SHYAM NARAYAN DUBEY जी… बस आप जैसे पाठकों कि दुआ और माँ सरस्वती का आशीर्वाद है…और कवितायेँ पढ़ने के लिए इसी तरह उमरे साथ बने रहें..
धन्यवाद..

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Aarti mishra अप्रैल 28, 2017 - 8:16 पूर्वाह्न

bhut hi sundr

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 28, 2017 - 12:08 अपराह्न

Thanks Arti Mishra ji…..

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Aarti mishra अप्रैल 28, 2017 - 8:15 पूर्वाह्न

very nice

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 28, 2017 - 12:08 अपराह्न

Thanks Arti Mishra ji…..

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