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माता पिता पर कविता – इंसानों में भगवान सदा | Mata Pita Poem

by Sandeep Kumar Singh
2 minutes read

माता-पिता जो हमारे पालनहार होते हैं। उन्हीं के प्रयासों से हम एक अच्छे और कामयाब इन्सान बन पाते हैं। माता-पिता का स्थान जीवन में भगवान् के बराबर होता है। उनके बारे में कोई कितना भी कहे उतना ही कम लगता है। फिर भी हमने माता-पिता को समर्पित एक कविता लिखने का प्रयास किया है। आइये पढ़ते हैं माता पिता पर कविता :-

माता पिता पर कविता

माता पिता पर कविता

इंसानों में भगवान सदा
माता-पिता बनकर आते हैं।

अपना सर्वस्व समर्पित कर
हमें प्रेम से पालते हैं,
साथ समय के अनुभव अपना
मन में हमारे डालते हैं

संसार में जिससे मान बढ़े
हमको संस्कार सिखाते हैं
इंसानों में भगवान सदा
माता-पिता बनकर आते हैं।

हर इच्छा पूरी करते वो
कल्पवृक्ष सम होते हैं
उनकी छाया में पलकर
जीवन में बड़े हम होते हैं,

वे जलकर दीप की भांति हमें
जीवन में राह दिखाते हैं
इंसानों में भगवान सदा
माता-पिता बनकर आते हैं।

अच्छे कर्मों के फल स्वरूप
हमें माँ की ममता मिलती है
पिता से शिक्षा पाकर ही
जीवन में सफलता मिलती है

हम गिरें कभी जो जीवन में
हर बार वो हमें उठाते हैं
इंसानों में भगवान सदा
माता-पिता बनकर आते हैं।

गुण उनके दुनिया है गाती
चरणों में उनके शीश नवाती
वो ही हैं पालनहार हमारे
शिक्षा ये हमको बतलाती,

मन में पलती चिंता को
बस वो ही पढ़ पाते हैं
इंसानों में भगवान सदा
माता-पिता बनकर आते हैं।

उनकी सेवा में अर्पण जो
अपना सब कुछ कर देता है
सही भाव में वह व्यक्ति
स्वर्ग यहीं पा लेता है,

बन जाते हैं श्रवण कुमार
जो यह कर्त्तव्य निभाते हैं,
इंसानों में भगवान सदा
माता-पिता बनकर आते हैं।

इस कविता का विडियो यहाँ देखें :-

‘ माता पिता पर कविता ‘ के बारे में अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।

पढ़िए माता पिता को समर्पित यह बेहतरीन रचनाएं :-

धन्यवाद।

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7 comments

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Panwar मई 12, 2021 - 12:26 अपराह्न

Kavita ache ache

Reply
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Munir Armaan Nasimi फ़रवरी 6, 2021 - 11:51 पूर्वाह्न

Very nice

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh फ़रवरी 10, 2021 - 12:39 अपराह्न

Thank You Munir Armaan Nasimi…

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रुशिल दिसम्बर 30, 2020 - 11:05 पूर्वाह्न

बहुत सुन्दर

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Kiran अप्रैल 12, 2020 - 3:01 अपराह्न

Very very nice kavita ????????????????????

Reply
Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अप्रैल 13, 2020 - 3:35 अपराह्न

Thanks You Kiran ji

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Sandeep sihare अक्टूबर 13, 2019 - 4:48 अपराह्न

बहुत अच्छी कविता।

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