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‘ दोहे ‘ एक ऐसा शब्द जिसका नाम सुनते ही मन में कबीरदास और रहीम जी का नाम आ जाता है। उनके दोहे जीवन की सच्चाई को इतनी सरलता से बयां करते हैं इसके बारे में शायद ही कोई सोच सके। उन्हीं के दोहों से प्रेरित होकर मैंने भी कुछ दोहे लिखने की कोशिश की है। माता पिता पर दोहे का यह संग्रह मैंने माता-पिता को समर्पित किया है।
माता पिता पर दोहे
1.
पला पोसा बड़ा किया, कष्ट दिया न कोय,
अपनी तो संतान की चिंता, हर माँ-बाप को होय।
यही जीवन का सार है, यही हैं पालनहार,
आज्ञा में जो रहे इनकी, सब खुशियाँ मिलती तोय।
2.
चाहे तपती धूप हो, चाहे अंधियारी रात,
साथ कभी न छोड़ते, अस माँ-बाप की जात।
3.
माँ तो लोरी देत है, पिता देत हैं डांट,
मिलकर तबहुं रहत है, खाते हैं मिल बांट।
4.
मात-पिता रक्षक हैं मेरे, मात-पिता भगवान,
इनके बिना न रहत है, मानव जीवन आसान।
5.
छलिया यह संसार है, पकड़ छोड़ दे हाथ,
छोड़ते न माँ-बाप हैं, रहें अंत तक साथ।
6.
पिता से ही सुख-संपदा, माँ से है संस्कार,
जिस घर में न ये रहें, वो घर है बेकार।
7.
इश्वर के अस्तित्व पे काहे करे विचार,
घर में ही तो रहत हैं, वेश माँ-बाप का धार।
8.
वाद-विवाद तू छोड़ के, जो नतमस्तक होय,
मान बाप के आशीर्वाद से, सब काम सफल फिर होय।
9.
परवरिश का ही खेल है, जो हुए सौभाग्य से मेल,
माँ-बाप न होते जो जीवन में, जीवन बन जाता जेल।
10.
प्रेम, प्रेम हर कोई करे, अर्थ न जाने कोई,
जो मात-पिता के शरण रहे, वही प्रेममय होय।
11.
सेवा कर के पुण्य कमाइए, माँ-बाप को ख़ुशी फिर होय,
राह खुले जीवन का सदा, संकट रहे न कोय।
12.
दस-दस संतान भी पाल ली, जब तक था माँ-बाप का राज
कर्ज न उतार सके कोई, कर ले कितने भी काज।
13.
जीवन की सच्चाई है, बात नहीं ये आम,
माँ-बाप की सेवा ओ करी, तो हो गए चारों धाम।
14.
श्रद्धा दिल में हो भरी, चरणों में हो शीश ।
धरती पर माता-पिता, हैं अपने जगदीश ।।
15.
देख लिया संसार मना, मिला एक ही ज्ञान,
भेज दिए माता-पिता, जो न पहुंचे भगवान।
पढ़िए :- पिता पर दोहे | पिता दिवस विशेष
आको यह दोहों का संग्रह कैसा लगा हमें अवश्य बताएं। आपकी प्रतिक्रियाएं ही हमें और लिखने के लिए प्रेरित करती हैं। इसलिए अपने विचार हम तक अवश्य पहुंचाएं। धन्यवाद।
पढ़िए माता और पिता पर शायरी संग्रह और कवितायें :-
- माँ की याद में कविता – तू लौट आ माँ | हिंदी कविता माँ के लिए
- पिता पर शायरी | पिता को समर्पित शायरी संग्रह By संदीप कुमार सिंह
21 comments
बहुत सुन्दर दोहे????????
Bahut aucha laga
धन्यवाद Ranjeet जी।
Maa
सुन्दर रचनाएँ। लगे रहिए। ????
यह लेख बहुत सुनदर है मुझै पढ कै बहुत अच्छा लगा धन्यवाद् मैने एसे और सुन्दर लेख यहा देखे है आप भी देखे। www.chillyblog.com
top ha sir ji
Bahut acha hukm
????????????????????????
धन्यवाद DGC Foundation….
माता-पिता देवता हे इनको सबसे पहले पूजना चाहिये और हर व्यक्ति को जिनके माता – पिता देव-गमन कर चुके हो उनसे मेरी हाथ जोड़ प्रार्थना हे की उनके चित्र की पूजा मन्दिर में रख कर सबसे पहले सर्वप्रथम करनी चाहिये !
Ma jo tere gar me hai fir kahe tu roy
Ma ka aasirvad le kaam safal ho jay
bahut aachi gahrai bali baat hai in panktiyo me ………….
धन्यवाद रविकांत शुक्ला जी।
Ilove माँ बाप
बहुत खुब?? दिल भर आया पढ़कर……………ऐसे ही लिखते रहिये ?
धन्यवाद लवली जी।
वाह संदीप जी
बहुत-बहुत धन्यवाद !!!
सराहनीय है आपकी रचना। सरल और कम्युनिकेटिव । बधाई
?बहुत खूब पढ कर मन को अच्छा लगा ?
???धन्यवाद ??मेरे लिए मेरे माता-पिता हि सब कुछ है
सराहना के लिए धन्यवाद Narpat Solanki जी….
बहुत खूब, पढ़ कर मन प्रसन हो गया – धन्यवाद्