रिश्तों पर कविताएँ, हिंदी कविता संग्रह

माता पिता के लिए कविता :- मात-पिता के चरणों में | Poem On Parents In Hindi


माता–पिता ही होते हैं जो हमारे जीवन का भविष्य निर्धारित करते हैं। हम अपने जीवन में जो भी कुछ प्राप्त करते हैं उसके पीछे उनके दिए गए संस्कार और आदर्श होते हैं। हम कई जन्म लेकर भी उनके अहसान नहीं उतर सकते। दुनिया भर के उन्हीं माता पिता को समर्पित है यह माता पिता के लिए कविता :-

माता पिता के लिए कविता

 माता पिता के लिए

वो ही मेरे ईश्वर हैं
वही तो मेरे राम हैं,
मात-पिता के चरणों में
बस रहे चारों धाम हैं।

मिलकर हमको पाला है
सच्चाई का ज्ञान दिया
उनको ही अपनी दुनिया
हमने भी है मान लिया,
जब भी कदम डगमगाए
लिया उन्होंने थाम है
मात-पिता के चरणों में
बस रहे चारों धाम हैं।

नींद नहीं जब आई हो
लोरी मुझे सुनाई है
जब भी मैं बीमार हुआ
माँ ने नींद भुलाई है,
माँ का माँ होना भी तो
खुद में एक संग्राम है
मात-पिता के चरणों में
बस रहे चारों धाम हैं।

अपनी है परवाह नहीं
सदा सुखी रहे परिवार
कमी न हो घर में कोई
करते पिता यही विचार,
पहचान हमारी पूरी जब
जुड़ता पिता का नाम है
मात-पिता के चरणों में
बस रहे चारों धाम हैं।

जीवन की इन राहों में
जब आई है कठिनाई
अपने अनुभव से हमको
राह सही है दिखलाई,
उनसे ही मिलता हमको
जीने का नया आयाम है
मात-पिता के चरणों में
बस रहे चारों धाम हैं।

पढ़िए :- माता पिता के सम्मान में बेहतरीन कविता

“ माता पिता के लिए कविता “ के बारे में अपने विचार कमेंट बॉक्स के जरिये हम तक अवश्य पहुंचाएं।

धन्यवाद।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *