हिंदी कविता संग्रह

माँ दुर्गा पर कविता :- तेरा दर लागे मुझे प्यारा | देवी दुर्गा पर भक्ति कविता


माँ दुर्गा, जो अपने भक्तों के कष्टों को हर उनके जीवन में सुख की बहार ला देती हैं। जो उनकी शरण में जाता है वो हर ओर से सुखी व संपन्न हो जाता है। सब पर दया करने वाली उन्हीं माँ दुर्गा की स्तुति में प्रस्तुत है माँ दुर्गा पर कविता :-

माँ दुर्गा पर कविता

माँ दुर्गा पर कविता

तेरा दर लागे मुझे प्यारा
झूठा सारा संसार
चरणों में स्थान मुझे दे दो
मेरा कर दो बेडा पार,
तेरा दर लागे मुझे प्यारा
झूठा सारा संसार।

ए अंबे तू दुःख हरिणी
सब संकट करती दूर
तेरी कृपा हो जिस पर माता
वो होता न मजबूर,
कलेश सभी मिट जाएँ
खुशियों की आये बहार
तेरा दर लागे मुझे प्यारा
झूठा सारा संसार।

जग की रक्षा की खातिर
कई राक्षस तूने मारे
उन पर है कृपा की तूने
जो भक्त हैं तेरे प्यारे,
क्या कोई उसका बिगाड़े
बने जिसकी तू पालनहार
तेरा दर लागे मुझे प्यारा
झूठा सारा संसार।

तू दुर्गा तू है काली
तू सबकी करे रखवाली
जो तेरी चौखट पर आ जाए
वो जाता नहीं है खाली,
जो तुझे सच्चे मन से ध्याये
तू उसका करे उद्धार
तेरा दर लागे मुझे प्यारा
झूठा सारा संसार।

कर जोड़ करूँ मैं विनती
तू सब पर कृपा यूँ ही करना
सही राह सभी अपनाएँ
बहे सदा प्यार का झरना,
तेरी ही तो शक्ति है
इस दुनिया का आधार
तेरा दर लागे मुझे प्यारा
झूठा सारा संसार।

चरणों में स्थान मुझे दे दो
मेरा कर दो बेड़ा पार,
तेरा दर लागे मुझे प्यारा
झूठा सारा संसार।

आशा करते हैं हमारे सभी पाठकों को माँ दुर्गा पर कविता अवश्य पसंद आई होगी। भक्तिमय इस कविता के बारे में अपने विचार कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें।

पढ़िए माँ दुर्गा को समर्पित अप्रतिम ब्लॉग की यह रचनाएं :-

धन्यवाद।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *