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कृष्ण जन्म पर दोहे | कृष्ण भक्ति दोहे | Krishna Ke Dohe

by ApratimGroup
4 minutes read

कृष्ण जन्म पर दोहे भगवान श्री कृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में प्रस्तुत है उन्हें समर्पित ‘ कृष्ण जन्म पर दोहे ‘ :-

कृष्ण जन्म पर दोहे

कृष्ण जन्म पर दोहे

तिथी अष्टमी भाद्रपद, जन्मे कृष्ण मुरार ।
प्रगटे आधी रात को, सोये पहरेदार ।।

बेड़ी टूटी हाथ की, खूले बंधन पाँव ।
प्रभु की लीला देखिये,सुन्दर गोकुल गाँव ।।

रूप चतुर्भुज देख कर, मातु हुई हैरान ।
बाल रूप दिखलाइये, हे प्रभु कृपा निधान ।।

बाल रूप में हो प्रगट, रोय लगे किलकार ।
मुदित हुई माँ देवकी, बालक रूप निहार ।।

उँगली पकड़े पाँव के,मुख में दी हरि ड़ाल ।
मातु देवकी है मगन, देख लाल का हाल ।।

पाप धरा पे जब बढ़े, लेते प्रभु अवतार ।
भव सागर से भक्त को, हरि ही लेत उबार ।।

जी भर मातु निहारती, कहाँ बचाऊँ लाल ।
मामा तेरा कंस ही, आयेगा बन काल ।।

सूप रखे वसुदेव जी, चलते गोकुल बाट ।
यमुना मैंया राह में, बढ़ती रही सपाट ।।

खेल रचाया श्याम ने, पग को दिये बढ़ाय।
यमुना माता श्री चरण , मष्तक रही झुकाय।।

यमुना कहती श्याम जी, पग धर दीजो माथ ।
कब से बाट निहारती,होती आज सनाथ।।

सिर पर कान्हा ले चले, पहुँचे यसुदा द्वार।
गहरी निँदिया सो रही, आये हरि को डार।।

पढ़िए :- श्री कृष्ण जन्म पर कविता “जन्मे जब कृष्ण मुरारी”


kevra yadu meera

यह कविता हमें भेजी है श्रीमती केवरा यदु ” मीरा ” जी ने। जो राजिम (छतीसगढ़) जिला गरियाबंद की रहने वाली हैं। उनकी कुछ प्रकाशित पुस्तकें इस तरह हैं :-
1- 1997 राजीवलोचन भजनांजली
2- 2015 में सुन ले जिया के मोर बात ।
3-2016 देवी गीत भाग 1
4- 2016 देवीगीत भाग 2
5 – 2016 शक्ति चालीसा
6-2016 होली गीत
7-2017  साझा संकलन आपकी ही परछाई।2017
8- 2018 साझा संकलन ( नई उड़ान )

इसके अतिरिक्त इनकी अनेक पत्र-पत्रिकाओं में रचनायें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्हें इनकी रचनाओं के लिए लगभग 50 बार सम्मानित किया जा चुका है। इन्हें वूमन आवाज का सम्मान भी भोपाल से मिल चुका है।
लेखन विधा – गीत, गजल, भजन, सायली- दोहा, छंद, हाइकु पिरामिड-विधा ।
उल्लेखनीय- समाज सेवा बेटियों को प्रशिक्षित करना बचाव हेतु । महिलाओं को न्याय दिलाने हेतु मदद गरीबों की सेवा ।

‘ कृष्ण जन्म पर दोहे ‘ के बारे में अपने विचार कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें। जिससे रचनाकार का हौसला और सम्मान बढ़ाया जा सके और हमें उनकी और रचनाएँ पढ़ने का मौका मिले।

धन्यवाद।

आपके लिए खास:

3 comments

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Anjana Bali अगस्त 1, 2022 - 4:29 अपराह्न

Aap ko anek dhanyawad …iss sunder rachna k liye…mene apne school me swatantrata diwas ke parv pr aapki kavita yaad krwayi hai …sabhi ko bahot pasand aayi…

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अनूप खनेजा अगस्त 16, 2021 - 12:38 अपराह्न

आप के दोहे गजल गीत कविताएं भावपूर्ण है इन का बार बार पाठ करना अच्छा लगता है । मै चाहती हूँ मेरे सारे परचित इसे याद करें

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Sandeep Kumar Singh
Sandeep Kumar Singh अगस्त 27, 2021 - 12:40 पूर्वाह्न

बहुत-बहुत आभार अनूप जी।

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