सूचना: दूसरे ब्लॉगर, Youtube चैनल और फेसबुक पेज वाले, कृपया बिना अनुमति हमारी रचनाएँ चोरी ना करे। हम कॉपीराइट क्लेम कर सकते है
बिना गाँव और बिना किसान किसी भी देश का संपूर्ण होना संभव नहीं है। अगर देश के अन्नदाता न हों तो देश भूखा ही मर जाए। लेकिन समय की विडंबना देखिये आज किसान अलग, अलग कारणों के कारण अपनी जान गँवा रहे हैं। धन्य हैं वो किसान जो अपनी मेहनत से दूसरों का पेट भरते हैं। उन्हीं किसानों को समर्पित है किसान पर कविता :-
किसान पर कविता
भरे पेट जो सभी जनों का
माटी में फसल उगाता है,
भारत माता का लाल वही
अपना किसान कहलाता है।
आलस तनिक न तन में रहता
भय न कभी भी मन में रहता,
कोई भी विपदा आ जाए
हँसकर वह सब कुछ है सहता।
बस रहे सदा परिवार सुखी
जिसके संग उसका नाता है,
भारत माता का लाल वही
अपना किसान कहलाता है।
कष्ट न देती धूप दिवस की
न अँधेरी रात डराती है,
डटा रहे हर समय खेत में
जब तक न फसल पक जाती है।
सूरज के उठने से पहले
वो पहुँच खेत में जाता है,
भारत माता का लाल वही
अपना किसान कहलाता है।
वह करे परिश्रम खेतों में
समय की मार भी सहता है,
मेहनत करता है पूरी और
संयम भी बांधे रहता है।
बोझ जिम्मेवारियों का
अकेला वही उठाता है,
मिले न दो निवाले कभी तो
वह भूखा ही सो जाता है
न जाने किस कलम से रचता
दुष्कर उसका भाग्य विधाता,
ऋणी हो गया आज हमारे
हिंदुस्तान का अन्नदाता।
नहीं सहारा मिलता है जब
फांसी को गले लगाता है,
भारत माता का लाल वही
अपना किसान कहलाता है।
धरती माने माता समान
नित उसको शीश नवाता है,
भारत माता का लाल वही
अपना किसान कहलाता है।
– संदीप कुमार सिंह
पढ़िए :- किसान का दर्द कविता | अन्नदाता की सुनो पुकार
अगर किसान पर कविता में आपको सच्चाई नजर आती है तो कमेंट बॉक्स में अपने विचार जरूर व्यक्त करें।
पढ़िए जवान और किसान पर ये रचनाएं :-
धन्यवाद।
12 comments
Mai aapki kavita YouTube par video ke madhyam se dhikhana chahta hu agar aap anumati de to
Aap mujhe email kar suchit kar De kripya
singhamankumar173@gmail.com
Mai aapka sdaiv aabhari rahunga ????????????????
वाह ,,,हृदयस्पर्शी,,क्या मैं गा सकता हूँ,,,किसान गीत,,????????????
Jagmohan Kumar Patel ji contact us on whatsapp no. 9115672434
Sir hmm is kavita ko manchit kr sakte h kya agar apki parmision ho to krpya apna nam bta dijiye kyoki kavita ke niche nam nhi likha our hmm canfyuse h
Sandeep Kumar Singh
अति सुन्दर कविता मित्र
धन्यवाद मित्र।
Sir namaskaar ????, Mai mere lekh Ki shuruvaat aapki Kavita se Karana chahati hun ,aapki anumati chahiy ,
Namaste, please blogapratim@gmail.com ya WhatsApp 9115672434 pe hame contact kre.
bhut hi khoobsurat poem bhartiya kisano k liye .
thanks sir
Gajab sir
धन्यवाद वैभव जी।